मणिपुर में सेना का जवान किडनैप: कुछ लोग घर से उठा ले गए; 10 महीने में किसी सैनिक के अपहरण की चौथी घटना

इंफाल24 मिनट पहले

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किडनैप हुआ JCO कोनसम खेड़ा सिंह, चारंगपत ममांग लीकाई का रहने वाला है। - Dainik Bhaskar

किडनैप हुआ JCO कोनसम खेड़ा सिंह, चारंगपत ममांग लीकाई का रहने वाला है।

भारतीय सेना के जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCO) का शुक्रवार (8 मार्च) को मणिपुर के थौबल में उनके घर से अपहरण हो गया। जवान की पहचान चारंगपत ममांग लीकाई के रहने वाले कोनसम खेड़ा सिंह के रूप में हुई है।

कोनसम छुट्टी पर थे। कुछ लोग शुक्रवार सुबह 9 बजे उनके घर में घुस आए और उन्हें एक गाड़ी बांधकर ले गए। पुलिस ने कहा अपहरण का कारण पता नहीं चल पाया है।

यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह जबरन वसूली का मामला है, क्योंकि कोनसम के परिवार को पहले भी इस तरह की धमकियां मिल चुकी थीं।

NH102 पर तलाशी ले रहे सुरक्षा बल के जवान
सुरक्षा बलों ने सेना के जवान को बचाने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में NH102 से आने-जाने वाली सभी गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है। गौरतलब है कि मणिपुर में 3 मई 2023 से चल रहे संघर्ष में पिछले 10 महीने के दौरान कम से कम 219 लोग मारे जा चुके हैं।

1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राज्य में अब तक 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

सैनिक या परिवार के अपहरण की चौथी घटना
मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुए संघर्ष के बाद से यह चौथी घटना है, जिसमें छुट्टी पर, ड्यूटी पर तैनात किसी सैनिक या उनके रिश्तेदारों को निशाना बनाया है। इससे पहले सितंबर से 2023 से फरवरी तक तीन घटनाएं हो चुकी हैं…

  • सितंबर 2023 में असम रेजिमेंट के रिटायर सैनिक सर्टो थांगथांग कोम को अज्ञात सशस्त्र लोगों के ग्रुप ने किडनैप कर लिया था। बाद में उसकी हत्या कर दी थी। सर्टो डिफेंस सर्विस कोर (डीएससी) में मणिपुर के लीमाखोंग में तैनात थे।
  • दो महीने बाद, नवंबर में अज्ञात हमलावरों ने चार लोगों का अपहरण कर लिया, जब वे चुराचांदपुर से लीमाखोंग जा रहे थे। इनकी भी हत्या कर दी गई थी। चारों जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना के जवान के परिवार वाले थे। हालांकि जवान के पिता भागने में कामयाब रहे। बाद में सेना ने उन्हें इलाज के लिए दीमापुर और उसके बाद असम के गुवाहाटी के बेस अस्पताल में भर्ती कराया।
ASP अमित मायेंगबाम के घर पर हुए हमले में 4 गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुईं।

ASP अमित मायेंगबाम के घर पर हुए हमले में 4 गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुईं।

  • मणिपुर पुलिस के ASP पर 27 फरवरी को इंफाल में उनके घर पर हमला किया गया। हमलावरों की पहचान मैतेई समुदाय के अरामबाई तेंगगोल के रूप में की गई थी। इन लोगों ने अमित का अपहरण कर लिया। दरअसल, ASP अमित ने कुछ दिन पहले वाहन चोरी के आरोप में मैतेई संगठन अरामबाई तेंगगोल के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद संगठन ने अपने सदस्यों की रिहाई को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था।

म्यामांर भेजे जा रहे अवैध रूप से आए नागरिक

गृह अमित शाह ने म्यांमार से लगे बॉर्डर एरिया में फ्री मूवमेंट खत्म करने को कहा है। इसके लिए बॉर्डर पर फेंसिंग लगाई जाएगी।

गृह अमित शाह ने म्यांमार से लगे बॉर्डर एरिया में फ्री मूवमेंट खत्म करने को कहा है। इसके लिए बॉर्डर पर फेंसिंग लगाई जाएगी।

इधर, शुक्रवार को म्यांमार के नागरिकों के डिपोर्टेशन का काम शुरू हो गया है। पहले बैच में 7 नागरिकों को बॉर्डर सिटी मोरेह के लिए रवाना किया गया। इंफाल एयरपोर्ट से 11 मार्च तक 77 नागरिकों को म्यांमार वापस भेजा जाएगा। 5 मार्च को जारी गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि मोरेह से तुम्मु में म्यांमार के अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। इन 77 नागरिकों में 55 महिलाएं, 5 बच्चे और बाकी पुरुष बताए जा रहे हैं।

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पूरे मणिपुर में AFSPA लागू करने की तैयारी:कुकी के साथ नो अटैक समझौता खत्म करने का प्रस्ताव

मणिपुर पुलिस कमांडोज के हथियार सरेंडर करने के बाद राज्य में हालात फिर तनावपूर्ण हो गए। मार्च की शुरुआत में CM के साथ बैठक में 6 हिंसाग्रस्त जिलों के कलेक्टरों ने शांति बनाने के लिए असम राइफल्स और सेना की मांग की। इनमें पहाड़ी जिलों थाउबाल, कांग्पोकपी, चूराचांदपुर, बिष्णुपुर, टेंग्नोपोल शामिल हैं।

दूसरी ओर, गुरुवार को मणिपुर विधानसभा ने कुकी उग्रवादियों के साथ जारी सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) समझौता रद्द करने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेज दिया है। इसके तहत सुरक्षा बल और उग्रवादी संगठन एक-दूसरे पर हमले नहीं करते थे, लेकिन अब सुरक्षा बल हमले का जवाब दे सकेंगे। हालांकि, केंद्र अभी भी कुकी संगठनों से बातचीत कर रहा है। पढ़ें पूरी खबर…

मणिपुर के 5 जिलों में 1853 अवैध गांव बस गए, 15 हजार लोग रह रहे

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पिछले दिनों कहा था कि म्यांमार बॉर्डर से सटे 5 पहाड़ी जिलों में अनजान गांवों की बाढ़ आ गई है। इससे मणिपुर की डेमोग्राफी बिगड़ गई है। भू और राजस्व विभाग से मिले डेटा के मुताबिक 2006 से अब तक चुराचांदपुर, टेंग्नाउपोल, कांग्पोक्पी, उखरुल, चांदेल जिलों में 1853 अवैध गांव बस चुके हैं।

म्यांमार से आए चिन-कुकी की तादाद एकदम बढ़ी है। इनमें कांग्पोक्पी और टेंग्नाउपोल में नए गांव तेजी से बसे हैं। ज्यादातर गांव मुख्य सड़क से 5-6 किमी अंदर घने जंगलों में हैं। यहां 15 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं और इनमें कई वोटर भी बन चुके हैं। पिछले साल मई में हिंसा भड़कने की एक बड़ी वजह ये गांव भी थे। पढ़ें पूरी खबर…

मैतेई को ST दर्जा देने पर विचार नहीं होगा:मणिपुर हाईकोर्ट ने फैसले से विवादित पैरा हटाया

मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने पर विचार करने के आदेश को रद्द कर दिया है। जस्टिस गोलमेई गैफुलशिलु की बेंच ने आदेश से एक पैराग्राफ को हटाते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच के रुख के खिलाफ था। पूरी खबर पढ़े…

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