भास्कर ओपिनियन- अयोध्या: देशभर में अयोध्या के राम मंदिर का माहौल

  • Hindi News
  • National
  • Ayodhya Ram Mandir| Ayodhya Ram Mandir Latest Update Follow Ramlala (Ayodhya Ram Mandir) Photos

नई दिल्ली5 मिनट पहलेलेखक: नवनीत गुर्जर, नेशनल एडिटर, दैनिक भास्कर

  • कॉपी लिंक

अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण हो चुका है। साढ़े चार सौ साल के संघर्ष के बाद यह घड़ी आई है। किसी समुदाय को उदास होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि दूसरे पक्ष को भी पाँच एकड़ ज़मीन दी गई है। वह वहाँ जो चाहे बना सकता है।

फ़िलहाल मंदिर बनकर तैयार है। तीस दिसंबर को अयोध्या के श्रीराम एयरपोर्ट का उद्घाटन होने वाला है और इसी दिन पहली बार यहाँ कोई यात्री विमान पहुँचेगा। कहने को सेना या अफ़सरों के हेलीकाप्टर या सुरक्षा विमान ज़रूर सीधे अयोध्या पहुँचे होंगे, लेकिन तीस दिसंबर को पहला यात्री विमान जाने वाला है।

मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए 20 से 22 जनवरी तक आम लोगों के लिए भगवान राम का दर्शन बंद रहेगा।

मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए 20 से 22 जनवरी तक आम लोगों के लिए भगवान राम का दर्शन बंद रहेगा।

पहली बार से मतलब इसके पहले केवल राम – जानकी ही भाई लक्ष्मण साथ यहाँ पुष्पक विमान से पहुँचे होंगे। पूरे चौदह साल का वनवास पूरा करने के बाद। तीस दिसंबर का यह पल निश्चित रूप से अविस्मरणीय होगा ​​​​​और इसके बाद जब मंदिर का लोकार्पण होगा, 23 जनवरी को, तब पूरे देश के लिए सबकुछ अविस्मरणीय होगा।

कहते हैं 1526 से 1528 के बीच बाबर के सेनापति मीर बाक़ी ने विशाल राम मंदिर को तोडकर उसके मलबे को बाबरी मस्जिद बनवाई थी। तभी से वहाँ हिंदू- मुस्लिमों के बीच छिटपुट संघर्ष चल रहे थे। इस इमारत पर क़ब्ज़े के लिए। इस लंबे संघर्ष को अब एक सुखद मुक़ाम मिलने जा रहा है। इसीलिए देशभर में फ़िलहाल मंदिर का माहौल है।

राममंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 18 दरवाजे हैं। इनमें 14 दरवाजों पर सोने की परत चढ़ाई जा रही है। गाजियाबाद के ज्वेलर्स इस काम को कर रहे हैं।

राममंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 18 दरवाजे हैं। इनमें 14 दरवाजों पर सोने की परत चढ़ाई जा रही है। गाजियाबाद के ज्वेलर्स इस काम को कर रहे हैं।

इस बीच भाजपा द्वारा जीते गए तीन राज्यों में नई सरकारों के गठन की प्रक्रिया चल रही है। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल के विस्तार हो चुके हैं। राजस्थान में अब तक लिस्ट पर लिस्ट बनती- बिगड़ती जा रही है। अब तक विस्तार की खिचड़ी पक नहीं पाई है। पहली बार के विधायक को यहाँ मुख्यमंत्री बना दिया गया है इसलिए संतुलन, जूनियर- सीनियर के चक्कर में गाड़ी अटकी होगी।

ख़ैर, मंत्रिमंडल भले ही न बना हो लेकिन राजस्थान के नए मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार की कुछ योजनाओं को रोकने, कुछ को बदलने या उनका नाम बदलने का काम बाक़ायदा शुरू कर दिया है। हैरत या आश्चर्य की कोई बात इसलिए नहीं है कि नई आने वाली सभी सरकारें यही करती हैं बशर्ते वे समान दल की न रही हों। समान पार्टी की सरकार हो और केवल मुख्यमंत्री बदल जाए तो पुरानी योजनाएँ पहले की तरह ही चलती रहती हैं। आशा की जा सकती है कि अयोध्या में राम मंदिर के लोकार्पण से पहले राजस्थान मंत्रिमंडल का विस्तार हो ही जाएगा। विभाग भी बंट ही जाएँगे।