भास्कर ओपिनियन- अयोध्या: अवध के राजकुमार श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का पावन दिन

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22 घंटे पहले

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अवध के राजकुमार श्री राम की आज पुन: प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। पुन:इसलिए कि पहले भी यहाँ राम का मंदिर तो था ही। प्राण प्रतिष्ठा पहले भी कभी तो हुई ही होगी। राजकुमार इसलिए कि मंदिर में विराजने वाले राम राजा राम नहीं बल्कि पाँच साल के राम लला हैं।

वे राम लला भी साथ हैं जिन्हें रामलला विराजमान कहा जाता है। मुख्य मूर्ति नई है लेकिन जो रामलला विराजमान हैं वे छोटे हैं। 1992 से वे एक टेंट में बैठे थे। पूरे बत्तीस साल हो चुके। अब जाकर उन्हें मंदिर के गर्भ गृह में पहुंचाया गया है।

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात की।

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात की।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने भी इस मंदिर निर्माण के लिए लम्बा संघर्ष किया है। वे 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गर्भगृह में रहेंगे।

वे कहते हैं उनके लिए यह सुनहरा पल है। इससे विलक्षण बात कोई और हो ही नहीं सकती कि पाँच सौ साल बाद प्रभु राम का मंदिर फिर से बन रहा है और उसमें हमारे रामलला विराजमान हो रहे हैं।

जब उनसे पूछा गया कि कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर अभी अधूरा है और यह प्राण प्रतिष्ठा विधि विधान से नहीं हो रही है तो महंत जी कहते हैं भगवान का कोई काम अधूरा नहीं होता। अशुभ भी नहीं। सबकुछ विधि विधान से ही हो रहा है और आगे भी होगा।

क्या इस मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा का कोई चुनावी लाभ भी होगा, इस प्रश्न पर महंत जी कहते हैं ज़रूर। लाभ ज़रूर होगा। राम के काम जो भी आएगा, उसे लाभ होगा।

उधर, अयोध्या में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ जमा है। तिलभर भी जगह ख़ाली नहीं है। ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या का दृश्य कैसा होगा, बखाना नहीं जा सकता। भगवान और उनके मंदिर की नयनाभिराम झांकी देखने को लोग आतुर हैं। आज दर्शन की अभिलाषा पूरी होने को है। सुबह भगवान को उठाया जाएगा। फिर मंगलाचरण होगा और उसके बाद प्राण प्रतिष्ठा का शुभ अवसर आएगा।