भारत सरकार ने गेहूं आयात करने से इनकार किया: देश में खाने के लिए पर्याप्त गेहूं; हीटवेव के कारण पैदावार में कमी, बाजार की भरपाई करना मुश्किल

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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भारतीयों को खिलाने के लिए देश में पर्याप्त गेहूं है। सरकार ने रविवार को ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट को गलत ठहराते हुए कहा हर साल उत्पादन में कमी हो रही है। लगातार दाम बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से अनाज आयात करने पर विचार किया जा सकता है। हीटवेव के कारण गेहूं के उत्पादन में कमी आ रही है। जिसकी वजह से बाजार में अनाज की कमी को पूरा करना मुश्किल हो सकता है। खाद्य एंव सार्वजनिक वितरण विभाग ने सोशल मीडिया पर लिखा भारत में गेहूं खरीदने की कोई जरूरत नहीं है। देश की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक है। सार्वजनिक वितरण के लिए भी स्टॉक है। भारत से गेहूं की खरीद पिछले साल की अपेक्षा 57% गिरकर 18.8 मिलियन टन हो गई।

हीटवेव के कारण कम उत्पादन

भारत सरकार ने बुधवार यानी 17 अगस्त को गेहूं उत्पादन का अनुमान बढ़ा दिया है। व्यापारी हीटवेव के कारण उत्पादन कम कर रहे हैं। सरकार ने कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी नवीनतम अनुमान में कहा दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा अनाज उत्पादक गेहूं ने इस साल 106.84 मिलियन टन की पैदावार की।

अमेरिकी कृषि विभाग ने भारत में अनाज उत्पादन 99 मिलियन टन ज्यादा होने का अंदाजा लगाया है, जबकि व्यापारियों का अनुमान है कि हीटवेव के कारण उत्पादन 95 मिलियन टन तक कम हो गया है।

गेहूं उत्पादन में 12 मिलियन टन की कमी

घरेलू गेहूं की कीमतें बुधवार को 24,309 रूपए प्रति टन हो गईं। जिससे भारत यूक्रेन में अनाज की कमी को पूरा नहीं कर सकता है। साथ ही बाजार की भरपाई को भी नहीं पूरा कर सकता है। वैश्विक ट्रेडिंग फर्म के मुंबई में रहने वाले एक डीलर ने कहा गेहूं की खरीददारी कम हो रही है। कीमत भी लगातार कम होती जा रही है। जिसकी वजह से आने वाले साल में उत्पादन में करीब 12 मिलियन टन की कमी हो सकती है।

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