भारत-चीन बॉर्डर पर सरकार इंटेलिजेंस पोस्ट बनाएगी: लद्दाख से अरुणाचल तक बनेंगी; LAC के पार चीन की हरकतों और घुसपैठ पर नजर रखने की कवायद

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मागो13 मिनट पहले

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चीन सीमा पर भारतीय सेना की 180 चौकियां हैं। हर चौकी पर लगभग 140 सैनिकों की तैनाती है और हर 3 महीने में सेना का रोटेशन होता है। - Dainik Bhaskar

चीन सीमा पर भारतीय सेना की 180 चौकियां हैं। हर चौकी पर लगभग 140 सैनिकों की तैनाती है और हर 3 महीने में सेना का रोटेशन होता है।

भारत-चीन सीमा पर खुफिया अधिकारियों की टीम तैनात की जाएगी। इसे बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट (बीआईपी) के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये पोस्ट इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) की चौकियों पर और लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक बनाई जाएंगी। इसे चीन की हरकतों और घुसपैठ पर नजर रखने की कवायद माना जा रहा है।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर बढ़ती चीनी गतिविधियों और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के अतिक्रमण को देखते हुए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

हर पोस्ट पर तैनात होंगे 4 ऑफिसर, ITBP इन्हें सुरक्षा देगी
रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि हर बॉर्डर इंटेलिजेंस पोस्ट पर ब्यूरो के चार-पांच अधिकारी तैनात रहेंगे और ITBP के जवान उनकी सुरक्षा करेंगे। ये अधिकारी LAC पार चल रही गतिविधियों पर नजर रखेंगे और सीनियर ऑफिसर्स, सरकार के साथ अपडेट शेयर करेंगे।

इस प्रोजेक्ट की शुरुआत मागो से होगी। यह अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले के चुना सेक्टर में चीन की सीमा के करीब पहला गांव है। इस गांव में 2020 में ही एक ऑल-टेरेन मोटर रोड बनाई गई थी। यानी यह सड़क हर मौसम में खुली रहती है।

भारत-चीन सीमा पर फिलहाल 180 चौकियां हैं
भारत और चीन करीब 3,500 किलोमीटर लंबी सीमा शेयर करते हैं। इसे LAC कहते हैं। ये सीमा 3 सेक्टरों में बंटी हुई है। पश्चिमी सेक्टर यानी लद्दाख जो 1,597 किलोमीटर लंबी है। मध्य सेक्टर यानी हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जो 545 किलोमीटर लंबी है।

पूर्वी सेक्टर यानी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जो 1,346 किलोमीटर लंबी है। भारत-चीन सीमा पर ITBP की लगभग 180 सीमा चौकियां (BOP) हैं। 45 और नई चौकियां बनाए जाने की मंजूरी कुछ समय पहले ही दी गई है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी में 7 नई बटालियन और बॉर्डर बेस बनाने की मंजूरी दी थी, जिससे ITBP फोर्स में 9400 कर्मियों की बढ़ोतरी हुई है। इन 7 में से 4 तैनाती के लिए तैयार हैं। बाकी 3 बटालियन को 2025 तक तैयार कर लिया जाएगा।

सीमा निर्धारित नहीं, इसलिए विवाद थमा नहीं
भारत-चीन सीमा पूरी तरह से निर्धारित नहीं है, इसलिए दोनों पक्षों की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बारे में अलग-अलग धारणाएं हैं। चीनी सैनिक अक्सर विवादित क्षेत्रों में घुसपैठ करते रहते हैं। जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में PLA के साथ ऐसी ही घुसपैठ रोकने हुए झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।

पिछले साल भी 9 दिसंबर को चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के यांगस्टे में घुसपैठ की थी जिसके कारण दोनों पक्षों को चोटें आईं थीं।

बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने भी LAC पर बनाई सड़क

भारत ने गलवान में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए एक नई सड़क बनाई है। यह सड़क LAC से काफी दूर है, इसलिए इसे चीन की PLA आर्मी बॉर्डर पार से नहीं देख सकेगी। नुब्रा वैली के सासोमा से दौलत बेग ओल्डी (DBO) तक 130 किमी लंबी यह सड़क बना रहा है, जिसका काम इस साल नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। दिसंबर 2024 तक इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर…

चीन सीमा पर 3 साल में भारत के 295 प्रोजेक्ट

चीन सीमा पर भारत ने तीन साल में 295 रोड प्रोजेक्ट्स तैयार किए हैं। इनमें पुल, सुरंगें और एयरफील्ड्स हैं। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने 24 सितंबर को ये जानकारी दी थी। भारत ने पिछले कुछ सालों में चीन सीमा पर तैयार 300 प्रोजेक्ट्स पर करीब 8 हजार करोड़ खर्च किए हैं। अगले चार महीनों में 60 और प्रोजेक्ट तैयार हो जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर…

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