भारत-चीन के बीच 20वें दौर की बातचीत हुई: दो दिन चली कोर ​​​​​​​कंमाडर लेवल की मीटिंग; दोनों देश LAC पर शांति बनाए रखने को सहमत

नई दिल्ली4 मिनट पहले

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यह विजुअल 2020 के हैं जब भारत-चीन बार्डर पर दोनों देशों के जवान आमने-सामने आ गए थे। - Dainik Bhaskar

यह विजुअल 2020 के हैं जब भारत-चीन बार्डर पर दोनों देशों के जवान आमने-सामने आ गए थे।

भारत और चीन के बीच 9 और 10 अक्टूबर को कोर कमांडर लेवल की 20वें दौर की बातचीत हुई। यह मीटिंग लद्दाख सेक्टर के चुशुल-मोल्दो के पास हुई। बुधवार (11 अक्टूबर) को भारत के विदेश मंत्रालय ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच इस बैठक की जानकारी दी।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस मीटिंग में भारत-चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) सहित अन्य मसलों पर बातचीत हुई। भारत के सैन्य अधिकारी ने चीन पर लद्दाख के देपसांग और डेमचोक से अपनी सेना को हटाने का दबाव डाला।

भारत और चीन ने बॉर्डर इलाकों में जमीनी स्तर पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि दोनों देशों ने खुले और रचनात्मक तरीके से बातचीत की और अपने विचारों को साझा किया।

भारत की तरफ से 20वें दौर की बातचीत का नेतृत्व 14-कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली ने किया। वहीं, चीनी पक्ष की अगुआई साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट चीफ ने किया।

यह दूसरी बार है जब भारत-चीन के बीच कोर कमांडर लेवल की मीटिंग दो दिनों तक चली। इससे पहले 13 और 14 अगस्त को 19वें राउंड की मीटिंग में दोनों देश पूर्वी लद्दाख में LAC पर विवाद को जल्द से जल्द हल करने पर सहमत हुए थे।

वहीं इससे पहले 23 अप्रैल को हुई सैन्य वार्ता के 18वें दौर की बातचीत में भी भारत ने डेपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों को हल करने की कोशिश की थी। हालांकि, तब कुछ खास नतीजा नहीं निकला सका था।

पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाकों में भारत और चीन पिछले तीन साल से अधिक समय से टकराव की स्थिति में हैं। हालांकि, दोनों देशों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों को हटा लिया है।

हालांकि, भारत हमेशा से कहता रहा है कि जब तक बॉर्डर इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।

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