भारतीयों के निजी डेटा पर 70 महीने में 165 साइबर-अटैक: एंड्रॉयड फोन्स पर हर घंटे 45 हजार मालवेयर हमले, केंद्र ने भी स्वीकारा

नई दिल्ली13 मिनट पहलेलेखक: मुकेश कौशिक

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केंद्र सरकार के पास मौजूद 140 करोड़ भारतीयों के निजी डेटा में सेंध की घटनाएं बढ़ रही हैं। खुद सरकार के आईटी मंत्रालय ने संसद में स्वीकार किया है कि बीते 70 महीने में डेटा पर हमले की 165 घटनाएं सामने आई हैं। ये घटनाएं मंत्रालय की कंप्यूटर इमरजंसी रिस्पॉन्स टीम ने दर्ज की हैं।

हालांकि मंत्रालय ने सेंधमारी के बावजूद डेटा लीक होने की बात से इनकार किया है। उसका कहना है कि सेंट्रल आइडेंटिटी डेटा रिपॉजिटरी (सीआईडीआर) के पास डेटा पूरी तरह सुरक्षित है। इस पर हुए हमलों को कई बार नाकाम किया जा चुका है।

कुछेक बार साइबर अटैक के जरिए घुसपैठ की कोशिश की गई, लेकिन डेटा लीक नहीं हो सका। हालांकि, डेटा पर निजी स्तर से हो रही सेंधमारी महामारी की तरह फैल रही है।

कब-कब हुए बड़े साइबर अटैक

  • अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी फर्म रिसिक्योरिटी के अनुसार 81.5 करोड़ देशवासियों का डेटा डार्क वेब में पहुंच चुका है। इसमें फोन नंबर, पते और आधार एवं पासपोर्ट की जानकारियां हैं।
  • कर्मचारी भविष्यनिधि योजना के 20 करोड़ कर्मचारियों का डेटा लीक होने की खबर आई।
  • एम्स के सर्वरों पर हमला, करोड़ों मरीजों का डेटा कंप्रोमाइज।
  • कोविन एप में जमा हुए करीब 100 करोड़ नागरिकों के डेटा लीक होने की बात उजागर हुई।

कोविन एप: लीकेज रोकने के लिए पहचान के नंबरों को छिपाया
कोरोना का टीका लगाने के लिए बनाए गए कोविन एप में डेटा सुरक्षा को लेकर सरकार का दावा है कि इसकी हिफाजत के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

  • लाभार्थी अपने वैक्सीनेशन की जानकारी पंजीकृत नंबर के जरिए सिर्फ ओटीपी के माध्यम से ही हासिल कर सकते हैं।
  • मोबाइल नंबर, आधार नंबर और अन्य फोटो आई कार्ड के नंबरों को छिपा दिया गया है। इनमें से सिर्फ चार अंक ही दिखाई देते हैं।
  • एंक्रिप्शन एल्गोरिदम के जरिए नागरिकों के कोविन डेटा को पूरी तरह गोपनीय बनाया गया है।
  • पासवर्ड और ओटीपी की दोहरी व्यवस्था से ही यूजर्स अपना कोविन खाता खोल सकते हैं।

सायबर हमलों के हॉटस्पॉट

शहर कितने हमले
मुंबई 2.70 करोड़
पुणे 1.90 करोड़
बेंगलुरु 1.70 करोड़
चेन्नई 93 लाख

दो नए शहर बने हॉटस्पॉट

सूरत 1.40 करोड़
अहमदाबाद 1.20 करोड़

दो नए हॉटस्पॉट राज्य

तमिलनाडु 2.01 करोड़
तेलंगाना 1.38 करोड़