भागवत बोले- रामलला आए, अब हमें विवाद से बचना होगा: CM योगी ने कहा- अयोध्या अब गोलियों की आवाज से नहीं, राम के नाम से गूंजेगी

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अयोध्या1 घंटे पहले

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मोहन भागवत ने कहा- हमें छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई छोड़नी होगी। हमको आपस में समन्वय रखकर चलना होगा। - Dainik Bhaskar

मोहन भागवत ने कहा- हमें छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई छोड़नी होगी। हमको आपस में समन्वय रखकर चलना होगा।

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई है। इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- आज 500 साल बाद रामलला यहां लौटे हैं। रामलला के साथ भारत का स्व लौट कर आया है। इसके अलावा हमें सबको साथ लेकर चलना है, अब विवादों से बचना होगा।

उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। योगी ने कहा- प्रभु राम की कृपा से अब कोई अयोध्या की परिक्रमा में बाधा नहीं बन पाएगा। अयोध्या की गलियों में गोलियों की गड़गड़ाहट नहीं होगी। यहां की गलियां श्री राम नाम से गूंजेंगी।

मोहन भागवत के संबोधन की 4 बड़ी बातें…

1. रामलला के साथ भारत का गर्व लौटकर आया
मोहन भागवत ने कहा कि आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का गर्व लौटकर आया है। संपूर्ण विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला भारत खड़ा होगा। भागवत ने कहा कि जोश की बातों में होश की बात करने का काम मुझे ही दिया जाता है। मोहन भागवत ने कहा कि आज हमने सुना कि प्रधानमंत्री ने यहां आने से पहले कठोर तप रखा है। जितना कठोर तप रखा जाना चाहिए था, उससे ज्यादा कठिन तप रखा। मैं जानता हूं, वे तपस्वी हैं। लेकिन वे अकेले तप कर रहे हैं, हम क्या करेंगे?

2. रामलला को वापस लाने वालों को नमन
अयोध्या में रामलला आ गए। अयोध्या से बाहर क्यों गए थे? रामायण काल में ऐसा क्यों हुआ था? अयोध्या में कलह हुआ था? अयोध्या उस पुरी का नाम है, जिसमें कोई द्वंद, कलह और दुविधा नहीं। फिर भी राम 14 साल वनवास में गए। दुनिया की कलह मिटाकर वापस आए। आज रामलला वापस आए हैं, 500 सालों के बाद। जिनके त्याग, तपस्या, प्रयासों से आज हम यह स्वर्ग देख रहे हैं, उनका स्मरण प्राण-प्रतिष्ठा के संकल्प में हमने किया।

3. पीएम ने तप किया है, अब हमें तप करना है
आज के दिन रामलला के वापस आने का इतिहास जो-जो स्मरण करेगा, वो राष्ट्र के लिए होगा। हम अपने देश को विश्व गुरु बनाएंगे। प्रधानमंत्री ने तप किया, अब हमें भी तप करना है। राम राज्य कैसा था, ये याद रखना है। हम भारत वर्ष की संतानें हैं।

4. विवादों को छोड़ना होगा, सबके साथ चलना है
हमें अच्छा व्यवहार रखना जारी रखना होगा। हमें सारी कलह को विदाई देनी होगी। छोटे-छोटे मनमुटाव रहते हैं, छोटे-छोटे विवाद चलते हैं। उसे लेकर लड़ाई करने की आदत छोड़नी पड़ेगी। हमें समन्वय से चलना होगा। हम सबके लिए चलते हैं और सब हमारे हैं। आपस में समन्वय रखकर व्यवहार रखना ही सत्य का आचरण, करुणा का दूसरा कदम है, जिसका मतलब सेवा और परोपकार है।

अब पढ़िए योगी आदित्यनाथ के संबोधन की 5 बड़ी बातें…

1. हर मन में राम नाम, हर आंख में संतोष के आंसू
आज इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का हर ग्राम, हर नगर अयोध्या धाम है। हर मन में राम नाम है। हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगी हैं। हर जुबान राम नाम जप रही है। रोम-रोम में राम रमे हैं। यह ‘राम राज्य’ की शुरुआत है। ऐसा लगता है कि हम त्रेता युग में प्रवेश कर गए हैं।

2. अयोध्या की सड़कें अब गोलियों की आवाज से नहीं गूंजेंगी
अब अयोध्या की सड़कें गोलियों की तड़तड़ाहट से नहीं गूंजेंगी। कोई कर्फ्यू नहीं होगा। अब यहां दीपोत्सव और रामोत्सव होगा। गलियों में श्री राम नाम ‘संकीर्तन’ गूंजेगा क्योंकि यहां रामलला की स्थापना है।

3. भारत में ‘रामराज्य’ की स्थापना की उद्घोषणा’
500 सालों के अंतराल के बाद आए प्रभु श्री रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर आज पूरा भारत भाव-विभोर है। श्री अवधपुरी में श्री रामलला का विराजना भारत में ‘रामराज्य’ की स्थापना की उद्घोषणा है। ‘सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती’ की परिकल्पना साकार हो उठी है।

4. देश के बहुसंख्यक समाज ने सालों तक अपने अराध्य के लिए लड़ाई लड़ी
आखिर भारत को इसी दिन की तो प्रतीक्षा थी। भाव-विभोर कर देने वाली इस दिन की प्रतीक्षा में लगभग पांच शताब्दियां बीत गईं, दर्जनों पीढियों की अधूरी कामना रह गई किन्तु प्रतीक्षा और संघर्ष का क्रम लगातार जारी रहा। श्री रामजन्मभूमि, संभवतः विश्व में पहला ऐसा अनूठा प्रकरण रहा होगा, जिसमें किसी राष्ट्र के बहुसंख्यक समाज ने अपने ही देश में अपने आराध्य के जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के लिए इतने सालों तक और इतने स्तरों पर लड़ाई लड़ी हो।

5. हमारी पीढ़ी इस राम-काज की साक्षी
भाग्यवान है हमारी पीढ़ी जो इस राम-काज के साक्षी बन रहे हैं। जिस अयोध्या को “अवनि की अमरावती” और “धरती का वैकुंठ” कहा गया, वह सदियों तक अपनी ही भूमि पर सनातन आस्था पददलित होती रही, चोटिल होती रही। किंतु राम का जीवन हमें संयम की शिक्षा देता है और भारतीय समाज ने संयम बनाए रखा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- विश्व के कोने-कोने से जुड़े सभी राम भक्त आप सभी को प्रणाम। आप सभी को राम-रामआज हमारे राम आ गए हैं। सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। सदियों को अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, तपस्या के बाद हमारे राम आ गए हैं। इस शुभ घड़ी में समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई। पढ़ें पूरी खबर…

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