वलसाड13 घंटे पहले
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नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इतने कम समय में काम पूरा होने को माइल स्टोन बताया।
अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए पहली माउंटेन टनल का निर्माण पूरा कर लिया गया है। हाई स्पीड रेल प्रबंधन ने इसे माइल स्टोन बताया है। यह टनल वडोदरा-सूरत-वापी सेक्शन के पैकेज सी 4 में आती है।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) ने गुरुवार को बताया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना का मुश्किल पड़ाव पार कर लिया गया है।
नल सिंगल ट्यूब हॉर्स-शू के आकार की
यह इस रूट की पहली माउंटेन टनल है, जिसका निर्माण 10 महीने में पूरा किया गया है। टनल की संरचना में टनल, पोर्टल और टनल एंट्रेंस हुड जैसी अन्य कनेक्टिंग संरचनाएं शामिल हैं। टनल सिंगल ट्यूब हॉर्स-शू के आकार की है। टनल न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) से बनाई जा रही है।
इसे न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग करके बनाया गया है।
कुल सात माउंटेन टनल बनाई जानी हैं
रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में कुल सात माउंटेन टनल बनाई जानी हैं। गुजरात के वलसाड में पहली सुरंग बनाने में ‘सफलता’ मिल गई है। यह माउंटेन टनल, गुजरात के वलसाड जिले के उम्बर गांव तालुका के जारोली गांव से लगभग 1 किमी दूर स्थित है।
न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड में इन तकनीक का इस्तेमाल
- सुरंग के मुख पर ड्रिल कर छिद्र का अंकन
- अंकित छिद्रों की ड्रिलिंग
- विस्फोटकों को चार्ज करना
- नियंत्रित ब्लास्टिंग
- गंदगी हटाना (चट्टान के टुकड़े नष्ट करना)
महाराष्ट्र के पालघर जिले के कसाबेकामन, चंद्रपाड़ा, चंदसर, मीठागर, वसंतवाड़ी और अंबेसरी में भी टनल बनाई जानी हैं।
माउंटेन टनल की मुख्य विशेषताएं
- टनल की कुल लंबाई – 350 मीटर
- टनल का व्यास – 12.6 मीटर
- टनल की ऊंचाई – 10.25 मीटर:
- ट्रैक की संख्या – 2