बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा: गुजरात-महाराष्ट्र में प्रोजेक्ट के सिविल कॉन्ट्रैक्ट भी दिए, सूरत-बिलिमोरा के बीच सबसे पहले चलेगी

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अहमदाबाद26 मिनट पहले

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यह बुलेट ट्रेन का कॉरिडोर है। पहले बुलेट ट्रेन को 2022 तक चलाए जाने का टारगेट था। लेकिन जमीन अधिग्रहण के काम में देरी हुई। अब 2026 तक ट्रेन के शुरू होने की उम्मीद है। - Dainik Bhaskar

यह बुलेट ट्रेन का कॉरिडोर है। पहले बुलेट ट्रेन को 2022 तक चलाए जाने का टारगेट था। लेकिन जमीन अधिग्रहण के काम में देरी हुई। अब 2026 तक ट्रेन के शुरू होने की उम्मीद है।

हाई स्पीड (बुलेट ट्रेन) रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने सोमवार को बताया कि उसने मुंबई-अहमदाबाद रेल कॉरिडोर के लिए गुजरात, महाराष्ट्र और दादर और नगर हवेली में जमीनअधिग्रहण का काम 100 प्रतिशत पूरा कर लिया है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण की स्थिति शेयर की। उन्होने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए जरूरत की पूरी 1389.49 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड रेल लाइन बनाई जा रही है

जापानी शिंकानसेन तकनीक का इस्तेमाल
NHSRCL ने एक बयान में कहा कि प्रोजेक्ट के लिए सभी सिविल कॉन्ट्रैक्ट गुजरात और महाराष्ट्र के लिए दे दिए गए हैं। इनमें 120.4 किलोमीटर गर्डर लॉन्च किए गए और 271 किलोमीटर घाट ढलान पर काम पूरा हो गया।

MAHSR कॉरिडोर ट्रैक सिस्टम के लिए जापानी शिंकानसेन तकनीक में इस्तेमाल किया जाने वाला पहला कंक्रीट (आरसी) ट्रैक बेड बिछाने का काम सूरत और आणंद में शुरू हो गया है।

यह भारत में पहली बार है जब स्लैब गिट्टी रहित ट्रैक सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है।

पर्वतीय सुरंग केवल 10 महीनों में बनाई
NHSRCL ने कहा कि उसने गुजरात के वलसाड जिले में जरोली गांव के पास स्थित 350 मीटर लंबी और 12.6 मीटर डायमीटर की पहली पर्वतीय सुरंग को केवल 10 महीनों में पूरा करने के साथ एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

पहला स्टील पुल, जो 70 मीटर तक फैला है और जिसका वजन 673 मीट्रिक टन है, सूरत में NH 53 पर बनाया गया था। 28 में से 16 ऐसे पुल अभी बन रहे हैं। MAHSR कॉरिडोर पर 24 नदियों में से छह पर पुल बनाने का काम पूरा हो गया है।

ये पुल वलसाड,पूर्णा,मिंधोला,अंबिका,औरंगा (वलसाड जिला) और वेंगानिया (नवसारी जिला) में हैं। नर्मदा, ताप्ती, माही और साबरमती नदियों के पुल पर काम चल रहा है।

ट्रेन के संचालन के दौरान ट्रेन और अन्य सिविल स्ट्रक्चर से होने वाले शोर को कम करने के लिए पुल के दोनों ओर ध्वनि अवरोधक लगाए जा रहे हैं।

समुद्र के नीचे बनेगी सात किलोमीटर की सुरंग
भारत की पहली सात किलोमीटर लंबी समुद्र के नीचे रेल सुरंग बनाने के लिए काम शुरू हो गया है, जो महाराष्ट्र में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का हिस्सा है। इसके अलावा मुंबई स्टेशन बनाने के लिए खुदाई का काम शुरू हो गया है।

एनएचएसआरसीएल ने कहा कि गुजरात के वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, आणंद, वडोदरा, अहमदाबाद और साबरमती में HSR स्टेशन बन रहे हैं।

2026 तक चलाने का टारगेट
हाई-स्पीड रेल लाइन प्रोजेक्ट का उद्देश्य लोगों को हाई फ्रिक्वेंसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी उपलब्ध करवाना है। इस प्रोजेक्ट के लिए जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) की ओर से जापान से 88 हजार करोड़ रुपए का सॉफ्ट लोन मिला है।

1.10 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के 2022 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण में बाधाओं का सामना करना पड़ा। सरकार ने अब दक्षिण गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच बुलेट ट्रेन के पहले चरण को 2026 तक चलाने का लक्ष्य रखा है।

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