बिहार में जातीय गणना का केस सुप्रीम कोर्ट पहुंचा: हाईकोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था, इसके खिलाफ याचिका दायर

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पटना6 घंटे पहले

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बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के अगले दिन सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किया है। कोर्ट से अपील की गई है कि सरकार का पक्ष जाने बिना कोई फैसला न सुनाया जाए। - Dainik Bhaskar

बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के अगले दिन सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किया है। कोर्ट से अपील की गई है कि सरकार का पक्ष जाने बिना कोई फैसला न सुनाया जाए।

बिहार में जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सर्वे को रोकने के लिए शीर्ष अदालत में एक एसएलपी दायर की गई है। कोर्ट के वकील तान्या श्री ने पिटीशनर अखिलेश कुमार की ओर से यह अर्जी लगाई है।

इधर, बिहार सरकार ने पहले ही कैविएट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसका पक्ष जाने बिना कोई आदेश न दिया जाए। हाईकोर्ट ने पिछले मंगलवार (1 अगस्त) को जातीय जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली सभी रिट याचिका को खारिज कर दिया था।

1 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को दी थी राहत।

1 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को दी थी राहत।

सरकार ने जातीय गणना फिर शुरू करने के आदेश दिए

याचिका खारिज होने के तुरंत बाद बिहार सरकार ने जाति आधारित जनगणना 2022 को शुरू करने को लेकर आदेश जारी किया। मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम के साथ मंगलवार को मीटिंग कर इसे युद्ध स्तर पर पूरा करने का निर्देश दिया था।

बिहार में दो चरण में जाति आधारित जनगणना होना है। पहले चरण की गणना पूरी हो चुकी है और दूसरे चरण की गणना होनी है। सरकारी दावों के मुताबिक, इसमें एक हफ्ते का वक्त और लग सकता है।

जातीय गणना पर याचिकाकर्ता से पहले SC पहुंची बिहार सरकार

बिहार सरकार जातीय गणना और आर्थिक सर्वेक्षण पर कोई जोखिम लेना नहीं चाहती है। यही वजह है कि जातीय गणना के खिलाफ पिटीशनर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, उससे पहले ही राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है।

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल अपील किया है कि बिना सरकार का पक्ष सुने जातीय गणना पर फैसला नहीं सुनाएं। सरकार ने कोर्ट में कैविएट अर्जी दाखिल की है।

अगले हफ्ते तक का है टारगेट

बिहार सरकार जाति आधारित जनगणना पर दोहरी लड़ाई लड़ रही है। एक तरफ कोर्ट में मिल रही चुनौती से निपट रही तो दूसरी ओर इसे युद्ध स्तर पर पूरा कराने की भी बड़ी चुनौती है। बिहार सरकार सूत्रों के मुताबिक, बिहार सरकार बहुत जल्द इसे पूरा और रिलीज कराना चाहती है।

सूत्रों की माने तो अगले हफ्ते तक जातीय गणना का काम पूरा कर लिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की निगरानी में यह काम चल रहा है। पटना हाईकोर्ट से सरकार के पक्ष में फैसला मिलने के बाद से मुख्य सचिव आमिर सुबहानी पिछले 24 घंटे में दो बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर चुके हैं।

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