बिलकिस के दोषियों की रिहाई पर भड़की SGPC: प्रधान धामी बोले- सरकार बलात्कारियों को रिहा कर सकती है तो बंदी सिखों को क्यों नहीं

अमृतसर34 मिनट पहले

SGPC प्रधान हरजिंदर सिंह धामी।

बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सवाल उठा दिए हैं। कमेटी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि गर्भवती बिलकिस बानो का रेप हुआ और परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी गई। ऐसे दोषियों को अगर सरकार रिहा कर सकती है तो बंदी सिखों को क्यों नहीं।

धामी ने कहा कि गुजरात के एक विधायक ने बयान दिया कि बिलकिस बानो रेप केस में सजा भोग रहे 11 दोषियों ने इस घटना को अंजाम जान बूझकर नहीं दिया, हालात ऐसे थे। इन सभी दोषियों का चरित्र अच्छा है, लेकिन बंदी सिखों ने भी जो किया वे कौम के लिए किया था। स्वर्ण मंदिर पर की गई कार्रवाई और दिल्ली-कानपुर व अन्य जगहों पर सिखों का किया गया जनसंहार, बंदी सिखों की प्रतिक्रिया थी। बंदी सिखों की तो सजाएं भी पूरी हो चुकी हैं।

2019 में 9 बंदी सिखों की रिहाई के आदेश दिए थे

प्रधान धामी ने कहा कि 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद 9 बंदी सिखों की रिहाई के हुक्म दिए थे। दो बंदी सिखों की मौत की सजा को भी कम किया गया था, लेकिन इसके बाद बंदी सिखों को रिहा नहीं किया गया। अगर सरकार बलात्कारियों व कातिलों की सजा माफ कर सकती है तो बंदी सिखों को रिहा किया जाना चाहिए।

SGPC को समय नहीं दिया जा रहा

प्रधान धामी ने कहा कि बंदी सिखों की रिहाई के लिए उनकी तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के लिए समय मांगा गया था, लेकिन अभी तक समय ही नहीं दिया गया। हैरानी होती है कि सिखों ने आजादी से पहले और बाद भी कुर्बानियां दी, लेकिन उनकी रिहाई के लिए कोई भी बात सुनने तक को तैयार नहीं है।

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