बंगाल में गर्वनर के शपथ समारोह का बायकॉट: विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी बोले- ममता सबसे मनहूस राजनेता; वे मूर्खों के स्वर्ग में रहती हैं

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2 घंटे पहले

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सुवेंदु अधिकारी ने 2021 के विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी को नंदीग्राम से हराया था। - Dainik Bhaskar

सुवेंदु अधिकारी ने 2021 के विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी को नंदीग्राम से हराया था।

पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस के शपथ ग्रहण में नहीं गए। इसकी वजह समारोह में किया गया सीटिंग अरेंजमेंट था। सुवेंदु ने ट्वीट की सीरीज में बताया कि उन्हें विधायक कृष्णा कल्याणी और बिस्वजीत दास के बगल में बैठाया गया था, जो भाजपा के टिकट पर चुने गए थे, लेकिन बाद में TMC में शामिल हो गए। इतना ही नहीं उन्होंने ममता बनर्जी को भारत में पैदा हुआ सबसे मनहूस नेता करार दिया।

मूर्खों के स्वर्ग में रहती हैं ममता- सुवेंदु
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुवेन्दु CM पर हमलावर होते हुए बोले- “वे (ममता बनर्जी) भारत में पैदा हुई अब तक की सबसे घटिया राजनेता हैं, जो शर्मनाक तरीके से सत्ता पर काबिज हो गईं। अगर वे ये सोचकर खुश हैं कि उनकी ये रणनीति मुझे परेशान करेगी तो वे मूर्खों के स्वर्ग में रह रही हैं। लेकिन मैं उनकी तरह नहीं हूं बल्कि मैं अपनी गरिमा के लिए जागरुक हूं।”

यह तस्वीर सुवेंदु अधिकारी ने ट्वीट की है।

यह तस्वीर सुवेंदु अधिकारी ने ट्वीट की है।

ममता की इच्छा पर बनाया सीटिंग अरेंजमेंट
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुवेंदु ने आयोजन स्थल के फोटो शेयर करते हुए कहा, “मैं समारोह में शामिल नहीं होऊंगा क्योंकि मेरे लिए ऐसे आपत्तिजनक लोगों के बगल में बैठना संभव नहीं है।” इसके लिए उन्होंने CM ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही ये भी कहा कि सूचना और सांस्कृतिक विभाग के प्रभारी मंत्री ने ममता की इच्छा के अनुसार बैठने की व्यवस्था की।

सुवेंदु अधिकारी के ट्वीट्स, जिसमें उन्होंने शपथ ग्रहण में न जाने के फैसले के बारे में बताया था।

सुवेंदु अधिकारी के ट्वीट्स, जिसमें उन्होंने शपथ ग्रहण में न जाने के फैसले के बारे में बताया था।

अब पढ़ें सुवेंदु ने क्या-क्या कहा

  • राज्यपाल डॉ. आनंद बोस को बधाई देते हुए मैं कहना चाहता हूं कि आज मैं और बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार राजभवन में शपथ समारोह के लिए पहुंचे थे लेकिन हमें दरवाजे से लौटना पड़ा।
  • पश्चिम बंगाल सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह में बैठने के लिए राज्य के मंत्रियों के हिसाब से इंतजाम किए, अगर TMC सांसदों को आमंत्रित किया जा सकता है और वे सबसे आगे बैठ सकते हैं तो सुकांत मजूमदार को क्यों नहीं आमंत्रित किया गया? वे भी सांसद हैं।
  • यह अभद्र राजनीति का शर्मनाक उदाहरण है, क्योंकि विपक्ष के नेता यानि मेरी कुर्सी विधायक कृष्णा कल्याणी और विश्वजीत दास के बगल में लगाई गई, जो कि BJP के टिकट पर चुने गए थे और बाद में TMC में चले गए थे।
  • विपक्ष का नेता होने के नाते, मैं लोगों का प्रतिनिधि हूं। इसलिए यह मेरा कर्तव्य है कि मैं राज्य के संवैधानिक प्रमुख को उन मुद्दों जैसे कि बेरोकटोक भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून-व्यवस्था और वित्तीय दिवालियापन से अवगत कराऊं, जिन्होंने राज्य को त्रस्त कर रखा है।
  • मैंने माननीय राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे मुझे उनकी सुविधा के अनुसार किसी भी समय अलग से मिलने का वक्त दें। अगर वह मुझे आज आने के लिए कहते हैं, तो भी ठीक है।”

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