फडणवीस बोले- बारामती में सुप्रिया-सुनेत्रा नहीं, मोदी-राहुल की लड़ाई: जनता तय करे उनके सांसद विकास यात्रा में चलेंगे या विकास विहीन रैली में

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पुणे23 मिनट पहले

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देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बारामती की लड़ाई से बहुत कुछ तो नहीं बदलेगा, लेकिन इससे देश के विकास में मदद मिलेगी।  - Dainik Bhaskar

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बारामती की लड़ाई से बहुत कुछ तो नहीं बदलेगा, लेकिन इससे देश के विकास में मदद मिलेगी। 

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार (5 अप्रैल) को कहा कि बारामती में पवार बनाम पवार का मुकाबला नहीं है। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच लड़ाई​​​​​​ है।

फडणवीस पुणे जिले के इंदापुर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- कुछ लोग सोचते हैं कि बारामती की लड़ाई शरद पवार और अजीत पवार के बीच है। कुछ सोचते हैं कि यह सुप्रिया सुले और सुनेत्रा पवार की लड़ाई है, लेकिन यहां पर मुकाबला मोदी और राहुल के बीच है।

फडनवीस ने सुप्रिया सुले को लेकर कहा- उन्होंने (सुप्रिया) जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को हटाने जैसे मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसलों का विरोध किया था। संसद में उनके भाषणों को देखें। यहां के लोगों को तय करना है कि उनके सांसद मोदी की विकास यात्रा में चलेंगे या राहुल की विकास विहीन मानसिकता वाली रैली में।

डिप्टी सीएम ने कहा- इस लड़ाई से बहुत कुछ तो नहीं बदलेगा, लेकिन इससे देश के विकास में मदद जरूर मिलेगी। विपक्ष सिंपैथी कार्ड खेलने की कोशिश करेगा, लेकिन मतदाताओं को बड़े लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

बारामती में सुप्रिया सुले और भाभी सुनेत्रा पवार में मुकाबला

सुप्रिया बारामती से तीन बार की सांसद है। सुनेत्रा 2024 में पहली बार चुनाव लड़ रही हैं।

सुप्रिया बारामती से तीन बार की सांसद है। सुनेत्रा 2024 में पहली बार चुनाव लड़ रही हैं।

बारामती लोकसभा सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ सुनेत्रा पवार चुनाव लड़ रही हैं। सुनेत्रा महाराष्ट्र के दूसरे डिप्टी सीएम अजित पवार की पत्नी हैं। अजित और सुप्रिया चचेरे भाई-बहन हैं। इस रिश्ते से सुप्रिया और सुनेत्रा ननद-भाभी हैं।

सुप्रिया 2009 से अब तक तीन बार बारामती की सांसद हैं। वह महाविकास अघाड़ी अलांयस की तरफ से उम्मीदवार हैं। दूसरी तरफ सुनेत्रा पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं। उन्हें महायुति अलांयस की तरफ से टिकट मिला है।

महाराष्ट्र में शरद पवार की NCP महाविकास अघाड़ी अलांयस के तहत कांग्रेस और उद्धव गुट की शिवसेना के साथ हैं। दूसरी तरफ, अजित गुट की NCP भाजपा और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ महायुति अलांयस में हैं।

बारामती सीट 60 के दशक से पवार परिवार का गढ़
बारामती 1960 के दशक से पवार परिवार का गढ़ रहा है। शरद पवार ने 1967 में पहली बार बारामती से विधानसभा चुनाव जीता था। वे 1972, 1978, 1980, 1985 और 1990 के विधानसभा चुनाव में यहां से लगातार जीते। 1991 से अब तक अजित पवार यहां के विधायक हैं।

शरद 1991, 1996, 1998 और 2004 में बारामती के सांसद रहे। ​​​​​उन्होंने ​2009 में अपनी बेटी सुप्रिया को ये सीट सौंप दी थी। पुणे जिले के बारामती लोकसभा क्षेत्र में बारामती, इंदापुर, दौंड, पुरंदर, भोर और खडकवासला विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

अजित पवार ने 2023 में चाचा शरद से नाता तोड़ा था
अजित पवार पिछले साल 2 जुलाई 2023 को NCP के आठ विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए थे। इसी दिन अजित ने शिंदे सरकार में उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद NCP दो धड़ों में बट गई थी। एक गुट अजित पवार और दूसरा शरद पवार का हो गया था।

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