पानीपत का काला आंब, जहां आज भी मिट्‌टी लाल: 70 हजार सैनिकों का खून पेड़ की जड़ में पहुंचा; फल से लेकर लकड़ियां काली

पानीपत7 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
पानीपत में 14 जनवरी को 263वां शौर्य दिवस मनाया जाएगा। शौर्य स्मारक समिति ट्रस्ट, पानीपत की ओर से यह आयोजन होगा। - Dainik Bhaskar

पानीपत में 14 जनवरी को 263वां शौर्य दिवस मनाया जाएगा। शौर्य स्मारक समिति ट्रस्ट, पानीपत की ओर से यह आयोजन होगा।

हरियाणा में ऐतिहासिक नगरी पानीपत में वैसे तो अनेकों इतिहास है। लेकिन इन दिनों पानीपत में एक ऐसी जगह की चर्चा हो रही है, जहां लोगों की भीड़ अधिक देखी जा रही है। पानीपत में ऐसी तीन ऐतिहासिक लड़ाइयां हुई, जिसने देश को बदल कर रख दिया। लेकिन पानीपत की एक ऐतिहासिक जगह काला आंब भी है, जिसका कनेक्शन पानीपत की तीसरी और आखिरी लड़ाई से जुड़ा हुआ है। आज भी आप यहां जाएंगे, तो आपको जमीन पर लाल खूनी मिट्‌टी का एहसास होगा।

यह लड़ाई 14 जनवरी, 1761 को हुई थी। पानीपत की इस खास जगह को