पाकिस्तान सीमा पर लगेगा देसी एंटी ड्रोन सिस्टम: हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी रोकेगा, 6 महीने में इंस्टॉलेशन का काम पूरा होगा

नई दिल्ली7 घंटे पहले

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एंटी ड्रोन सिस्टम को लगाने का काम इस साल जून-जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। - Dainik Bhaskar

एंटी ड्रोन सिस्टम को लगाने का काम इस साल जून-जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा।

पाकिस्तान के साथ पंजाब, राजस्थान और गुजरात से लगी सीमा पर भारत एंटी ड्रोन सिस्टम लगाने की तैयारी में है। ये सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी होंगे, जो सीमा पार से लगातार हो रही हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने का काम करेंगे। इस सिस्टम को लगाने का काम इस साल जून-जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा।

भारत इस समय एंटी ड्रोन सिस्टम की तीन तरह की टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग कर रहा है। टेस्टिंग के बाद इन तीनों तकनीक में से किसी एक एक को चुना जाएगा या फिर इनके कॉम्बिनेशन को। पंजाब और जम्मू-कश्मीर में ड्रोन के जरिए पाकिस्तान का हथियार, गोला-बारूद और नशीले पदार्थों को गिराना कई वर्षों से सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी समस्या रही है।

20 दिसंबर 2023 को तरनतारन, पंजाब में पुलिस और BSF के जवानों ने ड्रोन के साथ 2 किलो 500 ग्राम हेरोइन जब्त की थी।

20 दिसंबर 2023 को तरनतारन, पंजाब में पुलिस और BSF के जवानों ने ड्रोन के साथ 2 किलो 500 ग्राम हेरोइन जब्त की थी।

पंजाब और राजस्थान में मिले ड्रोन
BSF के DG नितिन अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि 1 नवंबर 2022 से 31 अक्टूबर 2023 के बीच सुरक्षाबलों ने 90 ड्रोन बरामद किए गए, जिनमें 81 पंजाब में और 9 राजस्थान में मिले थे। पिछले साल ड्रोन देखे जाने की संख्या 300-400 तक बढ़ गई है। हालांकि, BSF हैंडहेल्ड स्टैटिक और व्हीकल माउंटेड एंटी-ड्रोन सिस्टम का उपयोग करके पाकिस्तान से नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी को रोकने में सफल रहा है।

हाल ही में LOC में पश्चिमी सीमा पर 750 ग्राम वजन के हल्के पेलोड वाले छोटे ड्रोन उड़ते देखे गए थे। पाकिस्तान से उड़ाए जाने वाले अधिकांश ड्रोन चीन के होते हैं, क्योंकि वे आसानी से उपलब्ध होते हैं और तुर्की या ईरान में बनने वाले ड्रोन की तुलना में सस्ते होते हैं।

क्या है एंटी ड्रोन सिस्टम
एंटी ड्रोन सिस्टम एक टेक्नोलॉजी है, जिसका इस्तेमाल मानवरहित हवाई उपकरणों (Unnamed Areal Devices) को जैम करने के लिए किया जाता है। ड्रोन्स की अलग-अलग क्षमताएं होती हैं, जिस पर वे काम करते हैं। यह टेक्नोलॉजी रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए ड्रोन की पहचान करती है। हवा में जैसे ही कोई संदिग्ध बात नजर आती है तो एंटी ड्रोन सिस्टम इसे नष्ट कर देता है।

भारत का D4 एंटी ड्रोन सिस्टम, इसे DRDO ने विकसित किया है।

भारत का D4 एंटी ड्रोन सिस्टम, इसे DRDO ने विकसित किया है।

भारत के पास अभी D4 एंटी ड्रोन सिस्टम है
भारत के पास ड्रोन डिटेक्ट, डिटर एंड डिस्ट्रॉय सिस्टम यानी D4 ड्रोन है। यह पहला स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम है, जिसे DRDO ने तीन सालों में विकसित किया है। DRDO के अनुसार, D4 ड्रोन हवा में 3 किमी की रेडियस में दुश्मन का पता लगाकर 360 डिग्री की कवरेज देता है।

दुश्मन का पता लगाने के बाद यह दो तरह से काम करता है, हार्ड किल और सॉफ्ट किल। अगर इसको हार्ड किल कमांड दी जाती है तो यह अपने लेजर बीम के जरिए दुश्मन ड्रोन को नष्ट कर देता है। वहीं, सॉफ्ट किल के तहत D4 ड्रोन दुश्मन ड्रोन को नीचे ला सकता है या फिर लेजर बीम के जरिए उसके जीपीएस और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को खराब कर देता है, जिससे ऑपरेटर से दुश्मन ड्रोन का संपर्क टूट जाता है।

किन देशों के पास है एंटी ड्रोन सिस्टम
एंटी ड्रोन के मामले में इजराइल सबसे आगे है। इजराइल के पास ड्रोन डोम है, जो 360 डिग्री की कवरेज देता है और इसमें जैमर और सटीक लेजर गन भी होती है। यह रडार और रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए दुश्मन ड्रोन का पता लगाता है। वहीं, अमेरिका ड्रोन हंटर का इस्तेमाल करता है, जो नेट गन से ड्रोन को निशाना बनाने के साथ हवा में ही उस पर कब्जा भी कर लेता है।

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