पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री की जमानत याचिका खारिज: गिरफ्तारी की तलवार लटकी, मनप्रीत बादल को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी

बठिंडाएक घंटा पहले

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बठिंडा लैंड अलॉटमेंट केस में फंसे पंजाब के पूर्व वित्तमंत्री और भाजपा नेता मनप्रीत बादल की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। ​​​​​​मनप्रीत को अब भगोड़ा घोषित करने की तैयारी है। इससे पहले मनप्रीत बादल के विदेश भागने की संभावना तो देखते हुए उनका लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया था ताकि वह देश न छोड़ सकें।

गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद बठिंडा विजिलेंस की टीम मनप्रीत की गिरफ्तारी के लिए पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान और दिल्ली में छापेमारी कर चुकी हैं, लेकिन मनप्रीत का कोई सुराग नहीं मिल सका है।

मनप्रीत बादल का गिरफ्तारी वारंट।

मनप्रीत बादल का गिरफ्तारी वारंट।

3 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके
मनप्रीत बादल से जुड़े फ्रॉड के केस में विजिलेंस ब्यूरो 3 आरोपियों राजीव कुमार निवासी न्यू शक्ति नगर बठिंडा, अमनदीप सिंह निवासी लाल सिंह बस्ती बठिंडा और विकास अरोड़ा निवासी टैगोर नगर बठिंडा को गिरफ्तार कर चुकी है। तीनों 14 दिन की न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं।

क्या है पूर्व वित्त मंत्री पर दर्ज मामला
पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल पर रविवार को बठिंडा के विजिलेंस ब्यूरो थाने में फ्रॉड का केस दर्ज हुआ। विजिलेंस की जांच रिपोर्ट के मुताबिक मनप्रीत बादल ने वित्त मंत्री रहते 2018 से बठिंडा के माडल टाउन में 2 प्लाट हड़पने की साजिश रची। उन्होंने पुडा के अफसरों-कर्मचारियों से मिलीभगत कर इन प्लाटों की फर्जी बोली कराई। बोली के दौरान उनके नक्शे अपलोड नहीं किए, ताकि कोई लोकेशन न जान सके। वहीं रेजिडेंशियल प्लॉट को कॉमर्शियल दिखाया। जिस वजह से किसी ने इनको नहीं खरीदा।

इसके बाद दोबारा बोली कराई गई। जिसमें मनप्रीत के करीबी विकास अरोड़ा और राजीव कुमार ने यह प्लाट खरीदे। सस्ते भाव में प्लाट खरीदने के बाद इन दोनों ने यह प्लाट आगे मनप्रीत बादल को बेच दिए। 2 प्लाट को सस्ते रेट पर बेचे जाने की वजह से सरकार को 68 लाख का नुकसान हुआ। विजिलेंस का दावा है कि पूरी प्लानिंग के तहत यह प्लाट मनप्रीत बादल के लिए अलॉट करवाने को पूरी साजिश रची गई।

अपनी ही पार्टी के नेता की शिकायत पर फंसे
मनप्रीत बादल के खिलाफ बठिंडा के पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने शिकायत की थी। हालांकि तब मनप्रीत बादल कांग्रेस सरकार में मंत्री थे और सरूप सिंगला अकाली दल के नेता था। इसके बाद सरूप सिंगला भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस की सरकार नहीं बनी और मनप्रीत बठिंडा से चुनाव हार गए तो वह भी भाजपा में शामिल हो गए।

हालांकि राज्य में AAP की सरकार बनने के बाद सरूप सिंगला की शिकायत की जांच हुई और मनप्रीत के अलावा 3 प्राइवेट व्यक्तियों, बठिंडा डेवलपमेंट अथॉरिटी के सुपरिटेंडेंट प्रदीप कालिया और एडीसी विक्रमजीत शेरगिल पर केस दर्ज कर लिया गया।

CM मान ने साध चुके निशाना
मनप्रीत बादल की पार्टी PPP से राजनीतिक करियर शुरू करने वाले CM भगवंत मान ने मनप्रीत बादल पर खूब तंज कसे। उन्होंने कहा कि लोगों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाले अब कानून के शिकंजे से बचने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। सच बोलने और सच पर पहरा देने में बहुत फर्क होता है। पहले यह नेता अक्सर कहा करते थे कि उनके खि़लाफ जो भी कार्रवाई होगी, वह उसका सामना करेंगे। अब गिरफ्तारी का शक जताकर कानूनी राहत मांग रहे हैं।

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