देश में साइबर हमले रोकने वाली सर्ट-इन हैकिंग की शिकार: ​​​​​​दिल्ली-MP पुलिस सहित सरकारी विभागों के ई-मेल और डॉक्यूमेंट्स लीक; चीनी-पाक हैकर्स पर शक

  • Hindi News
  • National
  • CERT IN Which Prevents Cyber Attacks In The Country Became A Victim Of Hacking

नई दिल्ली9 मिनट पहलेलेखक: गुरुदत्त तिवारी

  • कॉपी लिंक

देश के साइबर स्पेस की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ‘कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम’ (सर्ट-इन) खुद हैकिंग की शिकार हो गई है। सर्ट-इन और सरकारी विभागों के बीच के सारे गोपनीय मेल पब्लिक डोमेन पर लीक कर दिए गए हैं।

यह चाइनीज या फिर पाकिस्तानी हैकर्स की करतूत बताई जा रही है। सर्ट-इन में यह इस साल का दूसरा सबसे बड़ा लीक है। इससे पहले फरवरी में बीएसएनएल के कर्मचारियों का ईपीएफओ डेटा लीक हुआ था। इसकी जांच जारी है।

लीक डॉक्यूमेंट में सर्ट-इन के कई कर्मचारी और सिक्योरिटी प्रोजेक्ट तक की जानकारियां हैं। सरकारी विभागों को भेजे कई अहम ई-मेल भी लीक हो गए हैं। इनमें अधिकारियों और कर्मचारियों के मेल और पासवर्ड डार्क वेब पर होने के संबंध में कार्रवाई का जिक्र है।

देश की सबसे बड़ी डिजिटल लैब ईएसएफ की इंटरनल रिपोर्ट भी लीक दस्तावेज में शामिल है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 53 सरकारी विभाग और निजी कंपनियां रैनसमवेयर अटैक का शिकार बन चुकी हैं।

दिल्ली और एमपी पुलिस के ई-मेल लीक

  • लीक डेटा में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा के ई-मेल भी है। सर्ट-इन को भेजे मेल में पुलिस के नेटवर्क पर अटैक और रिस्पांस से जुड़ी जानकारी दी है।
  • एमपी पुलिस के नेटवर्क पर सेंधमारी की जानकारी। इसकी मेल 29 फरवरी को एमपी पुलिस के साइबर एनालिस्ट रविंद्र सिंह राठौड़ ने साइबर टीम को भेजा।
  • बीएसएनएल के एक जेटीओ सन्नी शर्मा का मेल। इसमें नेटवर्क पर अटैक की कोशिश और उससे बचने का तरीका बताया गया।
  • इंडिया पोस्ट के नेटवर्क पर डीडॉस अटैक हुआ। सर्ट ने विभाग को अलर्ट भेजा था।
  • सर्ट ने ऐसा ही अलर्ट देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी को भेजा। जवाब में मारुति सुजुकी के चीफ इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटीज ऑफिसर ने यह बताया कि इन खतरों को कैसे टाला।

अलर्ट के बावजूद विभाग सुरक्षा पर गंभीर नहीं
लीक डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, देश के 58 सरकारी विभागों के नेटवर्क में बार-बार सेंधमारी की कोशिश की जा रही है। इसके बावजूद 12 विभाग सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं। लीक दस्तावेज बताते हैं कि सर्ट की ओर से अलर्ट किए जाने के बाद भी विभागों से कोई रिस्पॉन्स नहीं भेजा जाता।

केवल जनवरी में वित्तीय संस्थानों पर 30 बड़े हमले
बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस में सभी बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा सेवा प्रदाता कंपनियां आती हैं। इनके साइबर नेटवर्क पर जनवरी में 30 अटैक हुए। इनमें 19 बड़े अटैक थे। 2 बेहद गंभीर थे। नवंबर में कुल 21 अटैक हुए। 14 बड़े और तीन बेहद गंभीर किस्म के थे।

ये खबरें भी पढ़ें…

पाक-चीन से राम मंदिर वेबसाइट हैक की कोशिशें हुई थीं: दावा- प्राण प्रतिष्ठा से पहले भारतीय एजेंसी ने 1244 IP एड्रेस ब्लॉक किए

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले पाकिस्तान और चीन के हैकर्स भारतीय वेबसाइट को निशाना बना रहे थे। भारतीय मीडिया इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में इसका दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स ने राम मंदिर, प्रसार भारती और यूपी सरकार से जुड़ी कई वेबसाइट को हैक करने की कोशिश की थी। पूरी खबर पढ़ें…

300 सरकारी वेबपोर्टल सट्‌टेबाजों के कब्जे में: विदेशों में बैठे हैकर्स की करतूत; कई राज्यों के विभागों को पता भी नहीं​​​​​​​

देश में 21 लाख से भी ज्यादा सरकारी वेबसाइट्स हैं, जिन पर रोज लाखों लोग विजिट करते हैं। चिंता की बात ये है कि केंद्र व राज्य सरकारों के ऐसे 300 से भी ज्यादा वेबपोर्टल हैकर्स के कब्जे में हैं। वे इन पर ऑनलाइन गेमिंग और क्रिकेट सट्‌टेबाजी के विज्ञापन दिखाते हैं। जैसे ही कोई इस पर क्लिक करता है तो ये उसे पेमेंट गेटवे से जोड़ देते हैं।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…