दिल्ली में 23-घंटे बाद मंत्री के घर से निकली ED: हवाला-टैक्स चोरी का आरोप, आनंद बोले- कुछ नहीं मिला, ये बस AAP को खत्म करने की साजिश

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नई दिल्ली26 मिनट पहले

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ED की टीम 23 घंटे के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद के घर से निकली। - Dainik Bhaskar

ED की टीम 23 घंटे के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद के घर से निकली।

इनफोर्समेंट डॉयरेक्टरेट (ED) ने गुरुवार को दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और AAP नेता राजकुमार आनंद के घर छापा। ED ने करीब 23 घंटे तक आनंद से पूछताछ की।

जांच एजेंसी गुरुवार सुबह 5:40 बजे आनंद के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पहुंची थी और शुक्रवार सुबह 4:30 बजे के करीब घर से बाहर निकली। ED ने आंनद के घर के अलावा एक दर्जन ठिकानों पर भी छापेमारी की।

ED के जाने के बाद मंत्री आनंद ने कहा- ईडी जिस केस की बात कर रही है, वह बीस साल पुराना है। ये लोग आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं, ये चाहते हैं कि काम की राजनीति न हो।

आनंद का दावा- ED को कार्रवाई के लिए ऊपर से आदेश मिला

दिल्ली में समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद के घर ED छापा मारने पहुंची।

दिल्ली में समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद के घर ED छापा मारने पहुंची।

ईडी की पूछताछ के बाद ANI से बात करते हुए मंत्री ने कहा- छापेमारी लोगों को परेशान करने का एक बहाना है। उन्हें (ईडी) तलाशी के दौरान कुछ नहीं मिला। उन्हें ऊपर से आदेश मिला है…मुझे लगता है कि इस देश में सच बोलना और गरीबों के लिए राजनीति करना पाप है।

आनंद पर क्या है आरोप
आनंद के खिलाफ ये जांच प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, आनंद के खिलाफ डॉयरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) ने चार्जशीट दाखिल की है। उन पर अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन के अलावा 7 करोड़ रुपये से अधिक की कस्टम चोरी के लिए इंपोर्ट की गलत जानकारी देने का आरोप है।

एक स्थानीय अदालत ने हाल ही में DRI की शिकायत पर संज्ञान लिया जिसके बाद ED ने आनंद के खिलाफ PMLA केस दर्ज किया।

कौन हैं राजकुमार आनंद?
राजकुमार आनंद साल 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक बने थे। इससे पहले उनकी पत्नी वीना आनंद भी इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की जगह राजकुमार आनंद कैबिनेट में शामिल हुए थे।

घोटालों और आरापों से घिरी आम आदमी पार्टी….

दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को भी ED ने 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था।

दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को भी ED ने 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था।

शराब नीति केस में ED ने 2 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि केजरीवाल ED ऑफिस नहीं पहुंचे। उन्होंने ED को जवाब भेजा। जिसमें लिखा- ये नोटिस गैर-कानूनी और राजनीति से प्रेरित है। ये नोटिस भाजपा के कहने पर भेजा गया है, ताकि मैं चार राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए न जा सकूं। ED को ये नोटिस वापस लेना चाहिए।’ ED ने 30 अक्टूबर को केजरीवाल को समन भेजा था।

शराब नीति मामले में AAP के तीन बड़े नेता गिरफ्तार
इस वक्त शराब नीति केस में आम आदमी पार्टी के तीन बड़े नेता दो अलग मामलों में कस्टडी और जेल में हैं। ये नेता हैं- सत्येंद्र जैन, जो आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं, मनीष सिसोदिया, जो शराब नीति घोटाले में CBI की कस्टडी में हैं और संजय सिंह, जो शराब नीति घोटाले में ED की कस्टडी में हैं।

सत्येंद्र जैन: गिरफ्तारी- 31 मई 2022
31 मई 2022 को दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को ED ने गिरफ्तार किया था। ये गिरफ्तारी 24 अगस्त 2017 को CBI की तरफ से दर्ज FIR को आधार बनाकर की गई थी। आरोप था कि जैन ने कथित तौर पर दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई या खरीदी थीं। उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटर्स से 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपए का काला धन भी ट्रांसफर किया।

उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया। सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते 18 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत 6 नवंबर तक बढ़ा दी है।

सत्येंद्र जैन की ये तस्वीर इस साल मई की है। दिल्ली पुलिस उन्हें तिहाड़ जेल से सफदरजंग अस्पताल लेकर पहुंची थी।

सत्येंद्र जैन की ये तस्वीर इस साल मई की है। दिल्ली पुलिस उन्हें तिहाड़ जेल से सफदरजंग अस्पताल लेकर पहुंची थी।

मनीष सिसोदिया: गिरफ्तारी- 26 फरवरी 2023
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को ED ने 10 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके पहले 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था। दोनों ही एजेंसियों ने दिल्ली शराब घोटाले के मामले में सिसोदिया को आरोपी बनाया है। सिसोदिया के खिलाफ CBI ने भ्रष्टाचार निरोधी कानून और ED ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत आरोपी बनाया है।

पूछताछ के लिए जाते वक्त मनीष सिसोदिया ने कहा- हम पुलिस, CBI, ED या जेल किसी से नहीं डरते, लेकिन भाजपा के लोग सिसोदिया और केजरीवाल से डरते हैं।

पूछताछ के लिए जाते वक्त मनीष सिसोदिया ने कहा- हम पुलिस, CBI, ED या जेल किसी से नहीं डरते, लेकिन भाजपा के लोग सिसोदिया और केजरीवाल से डरते हैं।

संजय सिंह: गिरफ्तारी- 4 अक्टूबर 2023
आबकारी नीति केस की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम है। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। ED ने इसी साल जनवरी में अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। दरअसल, शराब नीति घोटाले में आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने कहा है कि उसके रेस्तरां में संजय सिंह और दिल्ली के बार-रेस्तरां मालिकों के बीच बैठक हुई थी।

गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ने अपने घर के बाहर से हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। कार में बैठकर भी वह हाथ हिलाते हुए निकले।

गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह ने अपने घर के बाहर से हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। कार में बैठकर भी वह हाथ हिलाते हुए निकले।

अमानतुल्ला खान : PMLA के तहत तीन FIR दर्ज की गईं
10 अक्टूबर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दिल्ली में आप विधायक अमानतुल्ला खान और उनके सहयोगियों से जुड़े 13 स्थानों पर छानबीन की गई। यह तलाशी दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती और 2018-2022 के दौरान अमानतुल्ला खान द्वारा दिल्ली वक्फ बोर्ड की अध्यक्षता के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर अवैध व्यक्तिगत लाभ से संबंधित मामले में की गई थी।

अमानतुल्ला खान और उनके सहयोगियों की भूमिका सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा तीन और FIR दर्ज की गईं, जिनकी ED जांच कर रही है। जांच से पता चला कि अमानतुल्ला खान ने आपराधिक गतिविधियों से नकद में बड़ी रकम अर्जित की है और इस नकद राशि को अपने सहयोगियों के नाम पर दिल्ली में विभिन्न अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया गया था। जब्त किए गए कई आपत्तिजनक रिकॉर्ड और सबूत मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी भूमिका सामने आई है।

अब 5 पॉइंट्स में शराब नीति घोटाला के बारे में जानिए…

1. नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई
दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।

17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।

2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाला का आरोप लगा
8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।

3. अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज किया
एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।

19 अगस्त को CBI की टीम ने डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के घर पर छापा मारा था। उस दिन एक साथ 7 राज्यों में 21 जगह पर कार्रवाई की गई थी।

19 अगस्त को CBI की टीम ने डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के घर पर छापा मारा था। उस दिन एक साथ 7 राज्यों में 21 जगह पर कार्रवाई की गई थी।

4. जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द किया
विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।

5. फरवरी 2023 को CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया
सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

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