हैदराबाद6 घंटे पहले
तेलंगाना के हैदराबाद में फिंगरप्रिंट सर्जरी गिरोह का खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये लोग खाड़ी देशों से निकाले गए दोषियों के फिंगरप्रिंट में फेरबदल करते थे, ताकि वे फिर से वहां जाकर नौकरी कर सकें।
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने केरल और राजस्थान में भी फिंगरप्रिंट पैटर्न बदलने के लिए ऐसी 11 सर्जरी की हैं। वे एक सर्जरी के लिए 25 हजार रुपए चार्ज करते थे। फिर से कुवैत जाने के लिए सर्जरी कराने वाले दो कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को भी गिरफ्तार किया गया है।
अस्पताल में टेक्नीशियन का काम करते हैं आरोपी
आरोपियों के पास से सर्जरी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मेडिकल किट और अन्य सबूत जब्त कर लिए गए हैं।
हैदराबाद के मलकाजगिरी जोन में 29 अगस्त को एक स्पेशल टीम ने ऑपरेशन चलाया और 4 लोगों को गिरफ्तार किया। ये लोग हैदराबाद के एक होटल में ठहरे थे। पता चला है कि वे घाटकेसर इलाके में और लोगों की सर्जरी करने वाले थे।
पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों में 36 साल का गजलकोंडुगरी नागा मुनेश्वर रेड्डी कडपा जिले के कृष्णा डायग्नोस्टिक्स में रेडियोलॉजिस्ट और एक्स-रे टेक्नीशियन है। वहीं, 39 साल का सागबाला वेंकट रमना तिरुपति के DBR अस्पताल में एनेस्थीसिया टेक्नीशियन है। बोविला शिव शंकर रेड्डी (25) और रेंडला रामा कृष्ण रेड्डी (38) कुवैत में कंस्ट्रक्शन वर्कर के तौर पर काम करते थे।
उंगलियों की ऊपरी परत को काटकर पैटर्न चेंज करते थे
पुलिस ने बताया कि सर्जरी के प्रोसेस में गजलकोंडुगरी और सागबाला उंगलियों की ऊपरी परत को काट देते थे। इसके बाद टिशू के हिस्से को हटा कर, उंगलियां सिल देते थे। एक या दो महीने में घाव भर जाता था। इसके बाद साल भर तक फिंगरप्रिंट पैटर्न में थोड़ा बदलाव हो जाता था।
सर्जरी करवा चुके लोग आधार में फिंगरप्रिंट अपडेट करवाते थे
सर्जरी करवा चुके लोग आधार कार्ड में अपनी उंगलियों के निशान अपडेट करवाते थे। इसके बाद नए पते के साथ कुवैत के फ्रेश वीजा के लिए अप्लाई करते थे। इससे पहले साइबराबाद पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था। वह गिरोह पैसे निकालने के लिए पॉलिमर का इस्तेमाल करके उंगलियों के निशान की क्लोनिंग करता था।