ताजमहल शाहजहां ने नहीं राजा मानसिंह ने बनवाया!: हिंदू सेना के दावे पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे से कहा- पता करो

नई दिल्ली24 मिनट पहले

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दुनिया के सात अजूबों में शामिल यूपी के आगरा में बना ताजमहल 42 एकड़ में फैला हुआ है। इसके मुख्य गुंबद की ऊंचाई 240 फीट है और 4 मीनारों की ऊंचाई 130 फीट है। - Dainik Bhaskar

दुनिया के सात अजूबों में शामिल यूपी के आगरा में बना ताजमहल 42 एकड़ में फैला हुआ है। इसके मुख्य गुंबद की ऊंचाई 240 फीट है और 4 मीनारों की ऊंचाई 130 फीट है।

आगरा का ताजमहल शाहजहां ने नहीं बल्कि हिंदू राजा मान सिंह ने बनवाया था। हिंदू सेना ने यह दावा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। याचिका में हिंदू सेना ने मांग की थी कि इतिहास को सही किया जाए। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्माऔर जस्टिस तुषार राव गेडेला ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से कहा कि वह इस याचिका पर विचार करे और सही जानकारी पता लगाए।

कोर्ट की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह की मांगों के साथ अर्जी दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिंदू सेना के लोग ASI के पास जाएं। दिसंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि जनहित याचिकाएं इस तरह की ( फिशिंग इनक्वायरी) जांच की मांग के लिए नहीं हैं और न ही कोर्ट इतिहास को फिर से खोलने के लिए हैं।

हिंदू सेना ने दावा किया कि वे इस साल जनवरी ASI के पास गए। लेकिन ASI ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया। तब हिंदू सेना ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई।

इतिहास की किताबों के अनुसार ताजमहल 1632 में बनना शुरू हुआ और 1648 तक बनकर तैयार हो गया। इसके वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी थे। साल 1983 में यूनेस्को ने ताजमहल को विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया है।

इतिहास की किताबों के अनुसार ताजमहल 1632 में बनना शुरू हुआ और 1648 तक बनकर तैयार हो गया। इसके वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी थे। साल 1983 में यूनेस्को ने ताजमहल को विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया है।

अर्जी में दावा- शाहजहां ने ताजमहल का रिनोवेशन कराया
हिंदू सेना की ओर से यह अर्जी सुरजीत सिंह यादव ने दाखिल की थी। वे खुद को NGO हिंदू सेना का अध्यक्ष बताते हैं। यादव ने दावा किया कि ताजमहल का निर्माण तो हिंदू राजा मान सिंह ने ही किया है। शाहजहां ने बाद में इसका रिनोवेशन कराया था।
यादव ने अदालत से मांग की कि वह केंद्र सरकार,ASI और नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया और यूपी सरकार को आदेश दे कि इतिहास से गलत फैक्ट को हटाए। याचिका में कहा गया कि स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों में इतिहास की किताबों में शाहजहां के ताज महल बनवाने से जुड़ी जानकारी गलत है। इसे हटाया जाना चाहिए।

ताजमहल की उम्र का पता लगाने का निर्देश दें
याचिका में ASI को भी यह स्टडी करने के लिए आदेश देने की मांग की गई थी कि ताजमहल की उम्र कितनी है। इसके अलावा राजा मान सिंह के महल के बारे में भी पता लगाए।

याचिका लगाने वाले ने दावा किया है कि उसने ताजमहल के इतिहास पर गहन अध्ययन किया है। इसलिए ताजमहल के बारे में लोगों को सही इतिहास पता चलना चाहिए। सुरजीत सिंह यादव ने ‘ताज म्यूजियम’ नाम की एक किताब का जिक्र करते हुए कहा कि मुमताज महल की मौत के बाद उसे दफन करने के लिए एक सुंदर जगह चुनी गई।

ताजमहल राजा मानसिंह का महल था
यह जगह राजा मान सिंह का महल था, जिस पर उनके पोते राजा जय सिंह का अधिकार था। उसी दौरान मुमताज महल की मौत हुई थी। यादव ने कहा कि आज का ताजमहल कुछ और नहीं बल्कि मान सिंह का वह महल ही है। उन्होंने कहा कि इतिहास में कहीं भी नहीं लिखा है कि उस महल को गिराया गया था।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उनके रिसर्च से पता चला है कि उस जगह पर पहले से ही एक शानदार हवेली मौजूद थी जहां मुगल सम्राट शाहजहां और उनकी पत्नी मुमताज महल के अवशेष एक गुंबद जैसे स्ट्रक्चर के नीचे रखे गए थे।

राजा मान सिंह, शाहजहाँ के दादा मुगल सम्राट अकबर के सेनापति थे। 17वीं सदी का यह स्मारक यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है।

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