तलाक-ए-हसन देने वाले दो पतियों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस: एक ने सोमवार को ही तलाक का तीसरा मैसेज भेजा था

6 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को तलाक-ए-हसन और एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल डिवोर्स के बाकी प्रकारों को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं की सुनवाई हुई। अलग-अलग मुस्लिम महिलाओं की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने उनके पतियों को नोटिस जारी किया है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओका की बेंच ने बेनजीर हीना और नाजरीन निशा के पतियों को पार्टी बनाकर मामला निपटाने की संभावना तलाशने के लिए नोटिस जारी किया।

तलाक-ए-हसन का पूरा मामला
पीड़ित ने वकील अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से याचिका दायर की है। बेनजीर की शादी 25 दिसंबर 2020 को दिल्ली के यूसुफ नकी से मुस्लिम रीति-रिवाज के तहत हुई थी और उसका एक लड़का भी है। पिछले साल दिसंबर में घरेलू विवाद के बाद यूसुफ ने उसे घर से बाहर कर दिया था। वहीं तीन महीने में तलाक के तीनों मैसेज भेज चुका है।

वहीं नाजरीन निशा के पति ने सोमवार सुबह ही उन्हें तीसरा मैसेज भेजा था, जिसे निशा के वकील ने कोर्ट के सामने पढ़कर सुनाया।

करोड़ों मुस्लिम लड़कियों का भला चाहती हैं बेनजीर
बेनजीर ने अपनी याचिका में मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट तलाक-ए-हसन और अदालती तरीके से न होने वाले दूसरे सभी किस्म के तलाक को असंवैधानिक करार दिया जाए। शरीयत एप्लिकेशन एक्ट, 1937 की धारा 2 को रद्द करने के साथ डिसॉल्यूशन ऑफ मुस्लिम मैरिज एक्ट 1939 को भी पूरी तरह निरस्त करने का आदेश दे, क्योंकि ये सभी पूरी तरह से अनुच्छेद 14, 15, 21, 25 और यूनाइटेड नेशन्स समिट्स के फैसलों के खिलाफ हैं।

इस्लाम में तलाक देने के तीन तरीके

  • पहला है तलाक-ए-अहसन, इस्लामिक विद्वानों के मुताबिक इसमें पति, बीवी को तब तलाक दे सकता है जब उसके पीरियड्स न चल रहे हों। इस तलाक के दौरान 3 महीने एक ही छत के नीचे पत्नी से अलग रहता है, जिसे इद्दत कहते हैं। यदि पति चाहे तो 3 महीने बाद तलाक वापस ले सकता है। अगर ऐसा नहीं होता तलाक हमेशा के लिए हो जाता है। लेकिन पति-पत्नी दोबारा शादी कर सकते हैं।
  • दूसरा है तलाक-ए-हसन, इसमें पति तीन अलग-अलग मौकों पर बीवी को तलाक कहकर/लिखकर तलाक दे सकता है। वह भी तब, जब उसके पीरियड्स न हों। लेकिन इद्दत खत्म होने से पहले तलाक वापसी का मौका रहता है। तीसरी बार तलाक कहने से पहले तक शादी लागू रहती है, लेकिन बोलने के तुरंत बाद खत्म हो जाती है। इस तलाक के बाद भी पति-पत्नी दोबारा शादी कर सकते हैं। लेकिन पत्नी को हलाला (दूसरी शादी और फिर तलाक) से गुजरना पड़ता है।
  • तीसरा है तीन तलाक या तलाक-ए-बिद्दत, जिसमें पति किसी भी समय, जगह, फोन पर, लिखकर पत्नी को तलाक दे सकता है। इसके बाद शादी तुरंत टूट जाती है और इसे वापस नहीं लिया जा सकता है।

तलाक ए हसन से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैं …

खबरें और भी हैं…