तमिलनाडु CM बोले- हम हिंदी के गुलाम नहीं: अमित शाह ने कहा था- हिंदी को बिना किसी विरोध के स्वीकार करना चाहिए

चेन्नई29 मिनट पहले

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एमके स्टालिन ने कहा गैर-हिंदी राज्यों पर हिंदी जबरदस्ती थोपी जा रही है। - Dainik Bhaskar

एमके स्टालिन ने कहा गैर-हिंदी राज्यों पर हिंदी जबरदस्ती थोपी जा रही है।

हिंदी भाषा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान पर तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन ने नाराजगी जताई है। शाह ने 4 अगस्त को एक बैठक में कहा था कि सभी राज्यों को हिंदी स्वीकार करनी चाहिए।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार (5 अगस्त) को इस पर आपत्ति जताते हुए एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, अमित शाह गैर-हिंदी राज्यों पर जबरदस्ती हिंदी थोप रहे हैं। तमिलनाडु इसे स्वीकार नहीं करेगा, हम हिंदी के गुलाम नहीं बनेंगे। कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे और स्टेट भी इसका विरोध कर रहे हैं।

एमके स्टालिन ने ट्वीट किया कि हमारी भाषा ही हमारी पहचान है।

एमके स्टालिन ने ट्वीट किया कि हमारी भाषा ही हमारी पहचान है।

अमित शाह बोले- भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने से ही देश मजबूत होगा

शाह ने कहा था कि सभी राज्यों में मातृभाषा में पढ़ाई होनी चाहिए।

शाह ने कहा था कि सभी राज्यों में मातृभाषा में पढ़ाई होनी चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 4 अगस्त को अमित शाह ने संसदीय राजभाषा समिति की 38वीं बैठक की अध्यक्षता की थी। इसमें उन्होंने कहा कि सभी को बिना किसी विरोध के हिंदी भाषा स्वीकार करनी चाहिए। शाह ने ये भी कहा हिंदी बाकी भाषाओं के कंपटीशन में नहीं है, सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने से ही देश मजबूत होगा।

तमिलनाडु भाजपा प्रमुख का कहना- स्टालिन न तो हिंदी जानते हैं और न ही अंग्रेजी

तमिलनाडु भाजपा प्रमुख बोले कि स्टालिन, शाह की बात नहीं समझ पाए।

तमिलनाडु भाजपा प्रमुख बोले कि स्टालिन, शाह की बात नहीं समझ पाए।

तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई ने मीडिया से कहा कि एमके स्टालिन को न तो हिंदी ठीक से आती है और न ही अंग्रेजी, इसलिए वे ठीक से समझ नहीं पाए कि अमित शाह क्या कहना चाहते हैं? अन्नामलाई बोले कि शाह ने ये साफ कह दिया सभी राज्यों में मातृभाषा में पढ़ाई होनी चाहिए।

देश में हिंदी कितनी व्यापक है?

हिंदी सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। ये 52.8 करोड़ लोगों यानी देश की 43.6% आबादी की मातृभाषा है। भौगोलिक स्थिति में हिंदी जानने वाले देश के आधे से अधिक क्षेत्र को कवर करते हैं। करीब 13.9 करोड़ (11% से अधिक) ने हिंदी को दूसरी भाषा बताया। ये इसे 55% आबादी की मातृभाषा या दूसरी भाषा बनाती है।

दक्षिण भारतीय भाषाएं कहां हैं?

हिंदी, बांग्ला के बाद तीसरे नंबर पर मराठी है। दक्षिण भारतीय भाषाओं में सबसे ऊपर तेलुगु है, ये 6.7% आबादी की भाषा है। तमिल को 5.7% लोग बोलते हैं। कन्नड़ 8वें नंबर पर 3.6% लोगों की भाषा है। 40 साल में मातृभाषा के रूप में कन्नड़ बोलने वाले 101%, तमिल-83.14%, तेलुगु- 81.26%, मलयालम बोलने वाले-58.8% लोग बढ़े।

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