झारखंड में सियासी संकट: सोरेन सरकार ने 5 सितंबर को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया; रायपुर में विधायक बोले-BJP कर रही चोरी की कोशिश

रांची/रायपुरएक घंटा पहलेलेखक: शंभू नाथ

झारखंड में जारी सियासी संकट के बीच गुरुवार को सोरेन कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें 5 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया गया। वहीं दूसरी तरफ रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में रुके झारखंड के विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर BJP पर हमला बोला। उनका कहना है कि BJP उनके घर में चोरी की कोशिश कर रही है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के दो और जेएमएम के 2 विधायकों के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर मौजूद थे। कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडेय ने कहा कि उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। अपने घर में चोरी के डर से सभी विधायक यहां रह रहे हैं। संख्या होने के बाद भी हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। आज हम अपनी जनता की खुशियों और तकलीफ में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। सरकारी पैसे से मेफेयर रिसॉर्ट में रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे अपनी कुव्वत से यहां रह रहे हैं। न ही वो झारखंड सरकार और न ही छत्तीसगढ़ सरकार के पैसे से यहां रह रहे हैं।

वहीं JMM के विधायक सुदिव्य सोनू ने कहा कि केंद्र सरकार के सौतेले रवैए के बावजूद हम काम कर रहे हैं। हेल्थ से जुड़े मुद्दों पर केंद्र का सौतेला व्यवहार देखने को मिल रहा। राज्य की खुशहाली के लिए जो काम किए जाते हैं वो आज हो रहा है। सीएम असाध्य रोग स्कीम में हमने बदलाव किए हैं।

मेफेयर रिसॉर्ट के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते झारखंड के विधायक।

मेफेयर रिसॉर्ट के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते झारखंड के विधायक।

बता दें, कैबिनेट मीटिंग में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने को मंजूरी दी गई है। ये आज से ही लागू होगी। बैठक में कुल 25 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली है। बाद में सरकार की ओर से बताया गया कि एक दिन का मानसून सत्र छूट गया था जिसे 5 सितंबर को बुलाया गया है। माना जा रहा है कि इसके जरिए सोरेन सरकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह खुद ही विधानसभा में विश्वास मत पारित कर सकती है।

सोरेन सरकार के बड़े फैसले:

  • पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के लिए निर्धारित SOP की स्वीकृति।
  • 5 सितंबर को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा, ये मानसून सत्र का ही एक्सटेंशन है।
  • राज्य के 89 मॉडल स्कूल में छात्रों के खाली सीट पर नामांकन की स्वीकृति, निकट के प्रखंड के स्टूडेंट भी नामांकन ले सकेंगे।
  • स्वास्थ्य विभाग के तहत पारा मेडिकल कर्मी के नियुक्ति नियमावली 2018 में संशोधन की स्वीकृति।
  • सहायक पुलिस कर्मी के सेवा अवधि को एक साल का विस्तार दिया गया।
  • वीआईपी/वीवीआईपी के लिए एक महीने के लिए चार्टर्ड प्लेन के लिए 2 करोड़ 6 लाख मंजूर।
  • पंचायत पद पर होगी बहाली।
  • फिंगर प्रिंट सेवा नियमावली मंजूर।
  • NP यूनिवर्सिटी में 145 पदों पर बहाली होगी।
  • ग्राम रक्षा दल के सदस्य होंगे बहाल।

राज्यपाल से सोरेन की विधायकी पर स्थिति साफ करने की मांग

इससे पहले UPA प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन देकर CM हेमंत सोरेन की विधायकी पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। ज्ञापन में महागठबंधन ने अपने एकजुट होने का दावा भी किया।

ज्ञापन में CM की विधायकी रद्द होने की खबरों से पैदा हुई भ्रम की स्थिति पर चिंता जताई गई और कहा गया है कि जल्द से जल्द इसे साफ किया जाए। इस तरह के भ्रम से सरकार को डिस्टैबिलाइज करने की कोशिश हो रही है। गवर्नर ऑफिस के आधे-अधूरे लीक से कन्फ्यूजन पैदा हो गया है जो प्रशासन पर असर डाल रहा है।

प्रतिनिधिमंडल में सांसद धीरज साहू, गीता कोड़ा, विजय हांसदा, महुआ माजी, पूर्व विधायक श्री बंधु तिर्की, विनोद कुमार पांडेय, सुप्रियो भट्टाचार्य, राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद भोक्ता उपस्थित थे।

राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन देते UPA प्रतिनिधिमंडल के नेता।

राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन देते UPA प्रतिनिधिमंडल के नेता।

राज्यपाल ने कहा- 1-2 दिन में कानूनी सलाह लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी

राज्यपाल से मुलाकात के बाद जेएमएम महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि राज्यपाल ने कहा है कि चुनाव आयोग से चिट्ठी मिली है। इस पर 1-2 दिन में कानूनी सलाह लेकर इस पर स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।

सीएम के इस्तीफे की बात को नकारते हुए विनोद पांडेय ने कहा कि राज्यपाल से हमने कहा है कि जिस तरह से मीडिया में खबरें आ रही हैं, उससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। राजभवन से जानकारी दिए जाने का हवाला दिया जा रहा है। जिस पर राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि राजभवन से कोई जानकारी नहीं दी गई है। 1-2 दिनों में पूरी स्थिति साफ कर दी जाएगी।

मुलाकात के बाद राजभवन से बाहर निकली सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि राज्यपाल ने 1 से 2 दिन के अंदर अपना फैसला चुनाव आयोग को भेजने के लिए कहा है।

रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में रुके झारखंड के विधायक शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

महागठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन देकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

महागठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन देकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

राजभवन में प्रतिनिधिमंडल करीब आधे घंटे तक रुका। कांग्रेस से कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, सांसद गीता कोड़ा, राज्य सभा सांसद धीरज साहू, JMM से विजय हंसदा और महुआ मांझी राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे थे। प्रतिनिधिमंडल ने आज ही राज्यपाल से मुलाकात का समय मांगा था। राजभवन से शाम 4 बजे मुलाकात का समय दिया गया था।

बंधु तिर्की और महुआ मांझी राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे।

बंधु तिर्की और महुआ मांझी राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे।

वहीं दूसरी तरफ कैबिनेट की बैठक के लिए सभी मंत्रियों को रायपुर से रांची बुला लिया गया है। जेएमएम कोटे के मंत्री जहां पहले से ही रांची में थे तो कांग्रेस कोटे के 4 मंत्री जिन्हें रायपुर शिफ्ट किया गया था, उन्हें भी बुधवार की शाम स्पेशल विमान से रांची बुला लिया गया है।

कैबिनेट की बैठक में शामिल होने पहुंचे संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम।

कैबिनेट की बैठक में शामिल होने पहुंचे संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम।

कैबिनेट के बाद CM की अगुआई में सभी मंत्री रायपुर जा सकते हैं

वहीं राज्य में सियासी संकट के मद्देनजर झारखंड की पूरी सरकार शुक्रवार को रायपुर शिफ्ट होने की संभावना है। प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुआई में सभी देर शाम रायपुर के मेफेयर गोफ्ल रिसॉर्ट रायपुर पहुंच सकते हैं।

झारखंड में भी दिल्ली जैसी स्थिति इसलिए विश्ववास मत पेश कर सकती है सरकार

3 दिन पहले ही केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में भी अपना विश्वास मत पेश किया है। वहां भी झारखंड जैसी ही स्थिति बन रही थी। चार विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि उन्हें भाजपा के लोग खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। विधायकों ने दावा किया कि इसके लिए 20-20 करोड़ रुपए देने की पेशकश कर रहे हैं।

विधायकों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर बैठक बुलाई थी, जिसमें 9 विधायक नहीं पहुंचे थे। 9 विधायकों के नहीं पहुंचने के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। ऐसें में केजरीवाल ने विश्वासमत प्रस्ताव लाकर सदन में AAP के भीतर एकजुटता का संदेश दिया था। अब यही एकजुटता का संदेश हेमंत सोरेन झारखंड में देना चाहते हैं।

रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में विधायक
झारखंड में सियासी संकट के बीच UPA के विधायकों को रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है। कांग्रेस-JMM और राजद के विधायकों को रांची से इंडिगो के विशेष विमान से रायपुर लाया गया है। विधायकों को 3 बसों में बैठाकर नवा रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट ले जाया गया। रिसॉर्ट के बाहर चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी विधायकों से रिसॉर्ट में मुलाकात की।

विधायकों के लिए मेफेयर रिसॉर्ट को ही क्यों चुना गया?

मेफेयर अभी तक कांग्रेस विधायकों के लिए सबसे अभेद रहा है। पिछले साल जब असम में विधानसभा चुनाव हुए थे और वहां विपक्ष के विधायकों की खरीद-फरोख्त शुरू हुई थी, तब वहां विपक्ष के लगभग एक दर्जन से ज्यादा विधायकों को रायपुर के इसी मेफेयर रिसॉर्ट में लाया गया था।

वहीं जब हरियाणा में राज्यसभा चुनाव होना था, तो वहां भी बीजेपी की तरफ से खरीद-फरोख्त की बात सामने आई, इस पर हरियाणा के विधायकों को मेफेयर में ही ठहराया गया था। अब जब झारखंड सरकार के सामने संकट आया है तो विधायकों को यहां लाया गया है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को क्राइसिस मैनेजमेंट का मास्टर माना जाता है।

RPN सिंह के कंधे पर है कांग्रेस को तोड़ने की जिम्मेदारी
BJP में जाने से पहले RPN सिंह झारखंड कांग्रेस के प्रभारी थे। राज्य में कांग्रेस को खड़ा करने और सत्ता में साझीदार बनाने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। टिकट बंटवारे से लेकर मंत्री तय करने तक का सार काम खुद RPN सिंह ने संभाला था। माना जाता है कि उन्हें झारखंड कांग्रेस की मजबूती और कमजोरी दोनों की बखूबी जानकारी है। इसलिए अब कांग्रेस को तोड़ने की जिम्मेदारी बीजेपी ने उन्हें ही दी है।

कई विधायक अभी भी सीधे RPN के संपर्क हैं

झारखंड कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो अभी भी झारखंड कांग्रेस के कई विधायक सीधे RPN सिंह के संपर्क में हैं। लगातार इनकी दिल्ली में RPN सिंह से मुलाकात हो रही है। यही कारण है कि अविनाश पांडे कांग्रेस को बचाने की मुहिम में खुद फ्रंट से लीड कर रहे हैं। हालांकि ऑफ द रिकॉर्ड वे भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि ये एक जटिल काम है।

कांग्रेस को तोड़कर अलग दल बनाने की हो रही कोशिश

झारखंड कांग्रेस के एक बड़े नेता ने दैनिक भास्कर को बताया कि RPN सिंह ने कांग्रेस में टूट कराने की जिम्मेदारी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को दी है। इसकी पूरी प्लानिंग भी हो गई थी। कांग्रेस के लगभग 12 विधायकों को तोड़ कर एक दल बनाने की तैयारी थी, जिनका नेता उस वरिष्ठ सदस्य को चुना जाना था।

कोलकाता कैश कांड के बाद बिगड़ा खेल

RPN सिंह की प्लानिंग लगभग पूरी तरह लागू भी हो गई थी, लेकिन इससे ठीक पहले कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी कैश के साथ कोलकाता में धरे गए। इसके बाद टूट का खेल बिगड़ गया। कांग्रेस के प्रभारी ने उन्हें इस पूरे खेल का खुलासा करने के लिए कहा, लेकिन जब उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया तो अब पार्टी उनके खिलाफ एक्शन लेने के मोड में है। उनकी विधायकी पर भी तलवार लटक सकती है।

हेमंत इस बार पूरी तरह अलर्ट
सीनियर जर्नलिस्ट रवि प्रकाश कहते हैं कि इस बार हेमंत पूरी तरह अलर्ट हैं। उन्हें पता है कि इतनी सीट पहली बार उन्हें हासिल हुई है और वे किसी भी तरह से इस मौके को खोना नहीं चाहते हैं। यही कारण है कि वे खरीद-फरोख्त और टूट के मामले में BJP को पूरी तरह चेज करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

चुनाव आयोग को राज‌‌भवन के पत्र का इंतजार
चुनाव आयोग के एक बड़े पदाधिकारी की मानें तो गेंद अभी भी राजभवन के पाले में हैं। चुनाव आयोग ने पहले ही मामले की पूरी जांच-पड़ताल के बाद अपना निर्णय सुना दिया है। आदेश राज्यपाल को जारी करना है। राजभवन के निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। राजभवन इस संबंध में गैजेट जारी करेंगे, जिसे राज्य निर्वाचन आयोग विधानसभा स्पीकर को देगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

सोरेन की पत्नी का नाम सबसे आगे

अगर सोरेन की मुख्यमंत्री की कुर्सी जाती है तो इस पद के लिए सबसे पहला नाम सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का है। दूसरे और तीसरे नंबर पर जोबा मांझी और चंपई सोरेन हैं। दोनों सोरेन परिवार के काफी करीबी और विश्वस्त हैं। कांग्रेस ने भी इन नामों पर अभी तक किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई है।

क्या है खनन पट्टे का मामला?

10 फरवरी को पूर्व CM रघुवर दास के नेतृत्व में BJP के एक डेलिगेशन ने गवर्नर से मुलाकात की थी। BJP ने राज्यपाल से CM सोरेन की सदस्यता रद्द करने कि मांग की थी। BJP ने आरोप लगाया था कि CM सोरेन ने पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल पत्थर माइनिंग लीज लिया है। BJP का आरोप है कि यह लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RP) 1951 की धारा 9A का उल्लंघन है। गवर्नर ने BJP की यह शिकायत चुनाव आयोग को भेजी।

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