ज्ञानवापी में पूजा-पाठ की याचिका पर सुनवाई से इंकार: कार्बन डेटिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- निचली अदालत में है मामला; अपनी मांग वहीं रखिए

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वाराणसी5 घंटे पहले

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़ी तीन याचिकाओं पर सुनवाई हुई। पहली याचिका ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंगनुमा आकृति की पूजा की अनुमति देने से जुड़ी हुई थी। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

दूसरी, ज्ञानवापी में मिली शिवलिंगनुमा आकृति की कार्बन डेटिंग की मांग से जुड़ी है। इस याचिका की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया। कोर्ट ने कहा, “जब मुकदमा (वाद) जिला अदालत में लंबित है तो वहीं मांग रखिए। सुप्रीम कोर्ट में PIL में ये मांग कैसे की जा सकती है।” कोर्ट का रुख देखकर वकील हरिशंकर जैन ने याचिका वापस ले ली है।

ज्ञानवापी में पूजा-पाठ की अनुमति देने की याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया।

ज्ञानवापी में पूजा-पाठ की अनुमति देने की याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया।

इसके साथ ही ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल आपत्तियों पर फैसले का इंतजार सुप्रीम कोर्ट करेगा। कोर्ट ने कहा, “निचली कोर्ट का आदेश आने दीजिए। मान लीजिए, अगर निचली अदालत में फैसला आपके खिलाफ जाता है तो फिर आपके पास कानूनी विकल्प है।” कोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की इस याचिका को अक्टूबर के पहले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया है। इसमें ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के सिविल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि वो ट्रायल कोर्ट में मुद्दे को उठा सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि अभी मुकदमा लंबित है तो सुनवाई नहीं करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मामले में वाराणसी अदालत के फैसले का इंतजार करेगा।

याचिका दाखिल करने वाली 7 महिलाओं में से ये 4 महिलाएं वाराणसी की हैं।

याचिका दाखिल करने वाली 7 महिलाओं में से ये 4 महिलाएं वाराणसी की हैं।

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याचिका में क्या की गई मांग?
एक वकील, एक प्रोफेसर और पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित सात महिला याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। वकील विष्णु शंकर जैन के मुताबिक जीपीएस इस पूरे परिसर को इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रडार के जरिए जांचने का सबसे सुरक्षित सटीक और वैज्ञानिक तरीका है, जिसमें बिना किसी चीज से छेड़छाड़ किए तथ्य जुटाए जा सकते हैं।

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