जालंधर के मेजर ने जम्मू-कश्मीर में की आत्महत्या: सर्विस वेपन से खुद को मारी गोली, 2 साल पहले हुई थी शादी; भाई नेवी में – Jalandhar News

मुबारक सिंह का शव आज जम्मू से जालंधर पहुंचा। अंतिम दर्शन के बाद उनका संस्कार कर दिया गया।

जम्मू कश्मीर के अखनूर बॉर्डर पर तैनात जालंधर के लद्देवाली निवासी एक मेजर ने अपने आप को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मेजर की पहचान मुबारक सिंह पड्डा के रूप में हुई थी। आज पड्डा का शव जालंधर लाया गया, जहां उनका आज संस्कार कर दिया गया। जब मुबारक सिंह

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साथी कर्मचारी बोले- मुबारक ने खुद को गोली मारी

मुबारक सिंह के साथ तैनात आर्मी के मेजर रमित सिंह ने कहा- मेजर पड्डा उनके साथ पोस्टेड था। दोनों ने एक साथ ट्रेनिंग की हुई है और दोनों इकट्ठे पास आउट हुए थे। जिसके बाद मेजर मुबारक सिंह पड्डा पहले उत्तराखंड में तैनात था। फिर वेस्ट बंगाल में तैनात हुआ और उसके बाद में जम्मू कश्मीर में पोस्टेड था।

मुबारक सिंह के साथ तैनात मेजर रमित सिंह जानकारी देते हुए।

मुबारक सिंह के साथ तैनात मेजर रमित सिंह जानकारी देते हुए।

मेजर रमित सिंह ने बताया कि मुबारक ने ये कदम क्यों उठाया, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। मगर इतना जरूर पता चला है कि उसने अपने आप को गोली मारी है। आत्महत्या मामले में जांच चल रही है और जो भी रिपोर्ट वहां से आएगी, उसके आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।

दो साल पहले हुई मुबारक सिंह शादी

मिली जानकारी के अनुसार मेजर मुबारक सिंह पड्डा की करीब दो साल पहले शादी हुई थी। शादीशुदा जीवन मुबारक का अच्छा चल रहा था। मगर फिलहाल उसका कोई बच्चा नहीं था। वहीं, मुबारक सिंह का एक भाई भी है, जोकि भारतीय वायु सेना में काम कार्यरत है। वहीं, परिवार ने भी यही कहा है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि मुबारक ने ऐसा क्यों किया। क्योंकि वह परेशान भी नहीं रहता था। ना ही कभी मुबारक ने ऐसी कोई बात शेयर की थी।

मुबारक सिंह पड्डा का शव अंतिम दर्शन के लिए घर रखवाया गया था।

मुबारक सिंह पड्डा का शव अंतिम दर्शन के लिए घर रखवाया गया था।

बंद कमरे में मारी थी खुद को गोली

मेजर ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था। जिसके बाद उन्होंने खुद को गोली मार ली थी। गोली की आवाज सुनकर आसपास के जवान मौके पर पहुंचे। तुरंत दरवाजे को तोड़ घायल मेजर को अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद बिगड़ी हालत को देखते हुए उन्हें हेलिकाप्टर से उधमपुर कमान अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। 28 इन्फेंट्री ब्रिगेड सुंदरबनी में मुबारक की तैनाती थी।