जामा मस्जिद में महिलाओं की अकेले एंट्री बैन: परिवार या पति संग आएं; मस्जिद प्रशासन बोला- ये टिकटॉक बनाने की जगह नहीं

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नई दिल्ली12 मिनट पहले

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दिल्ली की जामा मस्जिद ने महिलाओं की अकेले एंट्री पर बैन लगा दिया है। मस्जिद की दीवारों पर इस नोटिस की कॉपी लगा दी गई हैं, जिसके मुताबिक मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले आना मना है। यानी लड़कियों का ग्रुप भी मस्जिद के अंदर नहीं जा सकता है। इस मसले पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मस्जिद को नोटिस जारी किया है।

मस्जिद की दीवारों पर यह नोटिस लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि लड़की या लड़कियों को मस्जिद में दाखिला नहीं मिलेगा।

मस्जिद की दीवारों पर यह नोटिस लगाया गया है, जिसमें लिखा है कि लड़की या लड़कियों को मस्जिद में दाखिला नहीं मिलेगा।

आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद जामा मस्जिद के प्रवक्ता सबिउल्लाह खान ने सफाई दी है कि यह बैन उन महिलाओं पर लागू नहीं होगा जो परिवार या पति के साथ आती हैं। सबीउल्लाह ने बताया कि मस्जिद परिसर में गलत हरकतों को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं की एंट्री बैन नहीं की गई है। दरअसल जब लड़कियां अकेली आती हैं, तो वे मस्जिद में डांस करती हैं, टिकटॉक वीडियो बनाती हैं। यह बैन इन हरकतों को रोकने के लिए लगाया गया है। परिवार या शादीशुदा जोड़ों पर कोई बैन नहीं है। लेकिन मस्जिद को लड़के और लड़कियों के मिलने की जगह बनाना सही नहीं है।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने फैसले काे गलत बताया
स्वाति मालिवाल ने कहा कि जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री रोकने का फैसला बिलकुल गलत है। महिलाओं और पुरुषों के बीच इबादत के अधिकार को लेकर फर्क नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे जामा मस्जिद को इस मामले में नोटिस जारी कर रही हैं।

स्वाति मालिवाल ने ट्वीट करके मस्जिद के फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी के पास नहीं है।

स्वाति मालिवाल ने ट्वीट करके मस्जिद के फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी के पास नहीं है।

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