चूल्हे की आंच लगती तो खाल ब्लेड से काटनी पड़ती: लड़कों के साथ काम करती थी इसलिए पति ने तेजाब फेंक दिया; पिता ने घर बेचकर कराई 15 सर्जरी

3 मिनट पहलेलेखक: रक्षा सिंह

कांच सा पारदर्शी चेहरा, बड़ी-बड़ी काली चमकती आंखें, सुंदर सी लंबी नाक। पहले कुंती ऐसी ही दिखती थी। पर अब उसका चेहरा इससे बहुत अलग है। आधे चेहरे की खाल निकली हुई है। जगह-जगह झुलसने के निशान हैं। 17 साल की उम्र में कुंती के पति ने उसके चेहरे पर तेजाब डाल दिया।

आज यानी 25 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र दुनिया भर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मना रहा है। इस मौके पर पढ़िए कुंती के साथ हुई हिंसा और उसकी लड़ाई की कहानी। कैसे एसिड अटैक के बाद उसका चेहरा झुलसा, लोगों ने ताने सुनाए। पर वो हिम्मत नहीं हारी। आज वो सुपरमॉडल है साथ ही बॉलीवुड फिल्म में भी काम कर चुकी है।

15 साल की थी तो शादी हो गई, पति बेल्टों से मारता था

तस्वीर कुंती की शादी की है। 15 साल की उम्र में उसकी शादी हो गई। पति ने ही उस पर तेजाब फेंका था।

तस्वीर कुंती की शादी की है। 15 साल की उम्र में उसकी शादी हो गई। पति ने ही उस पर तेजाब फेंका था।

कहानी शुरू होती है साल 2009 से। कुंती 15 साल की थी। गरीब परिवार था इसलिए कम उम्र में ही उसकी शादी करा दी गई। शादी के बाद उसका पति हर दिन शराब पीकर घर आता। कुंती शराब पीने से मना करती तो पति उस पर चिल्लाता, उससे झगड़ा करता।

एक रात कुंती ने शराब को लेकर कुछ बात कही तो उसके पति का खून खौल उठा। उसने अपनी बेल्ट निकाली और कुंती को पीटना शुरू कर दिया। वो चीखी-चिल्लाई पर पति ने उसकी एक ना सुनी। उस दिन से ये सिलसिला हर रोज शुरू हो गया।

घर में चार पैसे आएं इसलिए नौकरी करने लगी
कुंती इन सब से तंग आ चुकी थी। उसके मां-बाप बहुत गरीब थे। बहुत तकलीफों से उसकी शादी कराई थी इसलिए उसने मायके में कुछ नहीं बताया। उसने सोचा कि वो नौकरी करने लगेगी तो सब ठीक हो जाएगा। पति उसकी इज्जत करने लगेगा।

वो ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थी इसलिए पास की एक फैक्ट्री में छोटी सी नौकरी करने लगी। दिन भर फैक्ट्री में बीत जाता। लेकिन रात में अब भी हर रोज पति उसे पीटता।

पति को शक हुआ कि मेरा अफेयर है
कुंती बताती हैं, “मैं जिस फैक्ट्री में जॉब करती थी वहां लड़के भी काम करते थे। मेरे पति को शक होने लगा कि मेरा कहीं अफेयर चल रहा। वो हर रोज मुझे गालियां देता। बात आगे ना बढ़े इसलिए मैंने अपने पति की नौकरी भी वहीं लगवा दी। पर उससे कोई फर्क नहीं पड़ा।”

“एक दिन मैं घर पर खाना बना रही थी। वो शराब पीकर आया। मेरे बाल पकड़े और घसीटकर मुझे जमीन पर पटक दिया। बेल्ट, वाइपर जो भी उसके हाथ में आया उससे मुझे पीटने लगा। इस बार मैंने बर्दाश्त नहीं किया और मैं घर छोड़कर अपने मां-बाप के पास चली आई।”

चेहरे की खाल ऐसे झड़ने लगी जैसे पन्नी जलाने पर प्लास्टिक पिघलता है
शाम करीब 7 बजे। कुंती फैक्ट्री में थी। छुट्टी होने पर बाहर निकली तो पति सामने खड़ा था। उसे देखकर वो खुश हो गई। लगा कि पति उसे मनाने आया है।

वो कहती है, “पति ने मुझे एक कोने में बुलाया। जैसे ही बात शुरू की उसने जेब से एक बोतल निकाली और मेरे सिर पर पानी जैसा कुछ डाल दिया। जब तक मैं समझ पाती मेरे चेहरे की खाल ऐसे झड़ने लगी जैसे पन्नी जलाने पर प्लास्टिक पिघलती है।”

पति ने सिर पर एसिड डाला जिससे कुंती का आधा चेहरा जल गया। उसकी खाल झड़ने लगी।

पति ने सिर पर एसिड डाला जिससे कुंती का आधा चेहरा जल गया। उसकी खाल झड़ने लगी।

दोस्त ने रुमाल लगाया तो रुमाल और उसका हाथ जल गया
कुंती बताती है कि उस वक्त इतना बेतहाशा दर्द हो रहा था कि मैं जमीन पर लेट गई। मेरी एक दोस्त ने ये सब देखा। उसे लगा कि मेरे सिर पर किसी ने पत्थर से हमला किया है। उसने अपना रुमाल लगाकर मेरे सिर पर रखा। कुछ ही सेकंड्स में उसका रुमाल और हाथ जल गया। तब हमें पता चला कि मेरे चेहरे पर तेजाब डाला है।

आस-पास लोगों की भीड़ लग गई। कुछ लोग आपस में फुसफुसाने लगे, तो कुछ फोटो वीडियो बनाने लगे। लेकिन किसी ने भी मेरी मदद नहीं की। मेरी दोस्त ने ही हिम्मत कर पुलिस को फोन किया।

पुलिस आई। हमने पूरी बात बताई। मुझे और मेरी दोस्त को अस्पताल पहुंचाया गया। मेरे पति ने शराब पी रखी थी इसलिए वो ज्यादा दूर तक भाग नहीं पाया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

कुंती की आगे की कहानी भी हम बताएंगे पर उससे पहले देश में एसिड अटैक के आंकड़ों से जुड़ा ये ग्राफिक देखिए।

पैसे नहीं थे, पिता ने घर बेचकर कराई मेरी सर्जरी
दर्द से तड़पती हुई कुंती को अस्पताल में एडमिट कराया गया। अब तक उसका आधा चेहरा जल चुका था। वो ना ही कुछ बोल पा रही थी ना उसे कुछ दिखाई दे रहा था। एक महीने तक उसका इलाज चला। इलाज के बाद वो घर वापस आई तो एकदम गुमसुम रहती थी। ना सोती, ना खाती पीती, ना ही किसी से बात करती।

उसका दर्द दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था। डॉक्टर ने उसके पिता से बोला कि उसकी सर्जरी करवानी पड़ेगी वरना वो कोमा में चली जाएगी। पिता डर गए। उन्होंने कई जगह से पैसे का इंतजाम करने की कोशिश की पर ज्यादा पैसे इकठ्ठा नहीं हो पाए। आखिर में उसके पिता ने अपना घर बेच दिया। उससे आए पैसों से कुंती की सर्जरी हुई। अटैक के बाद उसकी कुल 15 सर्जरी हो चुकी है।

जहां तेजाब पड़ा वहां की खाल टपकने लगी
कुंती बताती हैं, “जब एसिड पड़ा तो शुरुआत में मेरी खाल एकदम सफेद थी। वक्त गुजरने के साथ वो काली पड़ती गई। जिस जगह तेजाब पड़ा था वहां की खाल टपकने लगी।”

“कई बार मैं चूल्हे पर खाना बनाती तो उसकी आंच से खाल निकलने लगती है। ब्लेड से उतनी खाल को काटना पड़ता। आज भी गर्मियों में बहुत दिक्कत होती। ना मैं धूप में ज्यादा निकल पाती ना गैस के पास जा पाती।”

जब पहली बार शीशा देखा तो खुद ही डर गई
कुंती कहती हैं कि मैंने अटैक के बाद पहली बार जब अपना चेहरा शीशे में देखा तो मैं डर गई। कई हफ्तों तक शीशा देखने की हिम्मत नहीं हुई। मैं घर पर रहने लगी। मुझे अपना चेहरा देखकर इतनी शर्म आती थी कि मैं खुद ही किसी के सामने नहीं आती।

मेरे पिता ये सब देखकर बहुत परेशान हो गए। उन्हें डर था कि मैं कोई गलत कदम ना उठा लूं। मैंने दो बार सुसाइड की कोशिश भी की पर सफल नहीं हुई। एक दिन पापा ने मुझे समझाया कि मुझे हिम्मत नहीं हारना चाहिए। घर से बाहर निकलना चाहिए।

पापा ने कहा कि मैं अकेली ऐसी लड़की नहीं हूं। मेरे जैसी कई लड़कियां हैं जिनके साथ ऐसा हुआ है। मैं अगर बाहर निकलूंगी तो उन्हें भी हिम्मत मिलेगी। मैंने पापा की बात मानी और लोगों से मिलना जुलना शुरू किया।

जॉब के लिए गई तो मालिक बोला- लोग तुम्हें देखकर भाग जाएंगे
कुंती बताती हैं, “मैं ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थी। बात करने में ठीक थी इसलिए ऑफिस में, होटल्स में रिसेप्शनिस्ट की जॉब के लिए अप्लाई किया। जब मैं वहां के ओनर से मिलने पहुंची तो उन्होंने बोला कि रिसेप्शन पर तो सुंदर लड़कियों को नौकरी मिलती है। तुम्हें देखकर तो लोग भाग जाएंगे।” वो बताती हैं कि एक नहीं, हर जगह पर उन्हें ऐसा ही जवाब मिला। वो निराश हो गई। तब एक दोस्त ने उसे शीरोज हैंगऑउट के बारे में बताया।

आगे की कहानी बताने से पहले हम जान लेते हैं कि शीरोज हैंगऑउट क्या है।

एसिड अटैक सर्वाइवर्स चलाती हैं शीरोज कैफे

तस्वीर शीरोज हैंगऑउट कैफे की है। ये कैफे एसिड अटैक विक्टिम्स चलाती हैं।

तस्वीर शीरोज हैंगऑउट कैफे की है। ये कैफे एसिड अटैक विक्टिम्स चलाती हैं।

रेस्टोरेंट्स तो हमने कई देखें हैं। लेकिन शीरोज हैंगऑउट, एक ऐसा कैफे है जिसे वो लोग चलाते हैं जिन्हें एक समय में लोग देखना तक नहीं चाहते थे। लखनऊ, आगरा और नोएडा में मौजूद ये कैफे एसिड अटैक सर्वाइवर्स चलाते हैं। कैफे का नाम शीरोज She और Heroes से मिलकर बना है।

ये कैफे एसिड अटैक विक्टिम्स के रिहैबिलिटेशन, उनके इलाज से लेकर इम्पावेर्मेंट के लिए काम करता है। साथ ही उन लड़कियों को नौकरी करने का एक मौका देता है क्योंकि कोई और उन्हें नौकरी नहीं देता।

ये तो थी शीरोज की बात। अब कुंती की कहानी पर वापस लौटते हैं।

बदसूरत नहीं…मुझे लगता है मैं सबसे सुंदर हूं
कुंती बताती है कि उसे कहीं नौकरी नहीं मिली और लोगों के ताने सुनकर वो हिम्मत हार चुकी थी। लेकिन दोस्त के बताने पर जब वो शीरोज कैफे पहुंची तो वहां उस जैसी कई लड़कियां मिलीं।

कुंती अपना चेहरा ढ़ककर वहां गई थी। जिस पर वहां मौजूद एक एसिड अटैक सर्वाइवर ने कुंती से कहा कि तुम्हारा तो आधा चेहरा जला है तब भी तुमने कपड़ा बांध रखा है। मेरा तो पूरा चेहरा, आंखें सब खराब हो गईं फिर भी मैं चेहरा नहीं ढ़कती। ऐसा इसलिए क्योंकि चेहरा हमें नहीं, उन्हें ढ़कना चाहिए जिन्होंने हमारे साथ ऐसा किया है।

ये बात सुनकर कुंती के अंदर हिम्मत आ गई। अब वो भी अपना चेहरा नहीं ढ़कती। वो कहती है कि मैं बदसूरत नहीं बल्कि बहुत सुंदर हूं। अपनी खूबसूरती का एहसास मुझे यहां आकर हुआ।

मॉडलिंग के साथ फिल्म में भी किया है काम
अब कुंती शीरोज में काम करने के साथ मॉडलिंग भी करती हैं। वो कहती है कि अब लोग डरते नहीं, पास आकर साथ में सेल्फी खिचवाते हैं। बातें करते हैं।

वो बताती है कि मॉडलिंग करना उसे बहुत अच्छा लगता है। साथ ही उसने दीपिका पादुकोण के साथ एसिड अटैक सर्वाइवर पर बनी उनकी फिल्म छपाक में भी काम किया है।

आखिर में एसिड अटैक बाद पर होने वाली कानूनी सजा का ये ग्राफिक देख लीजिए।

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