चीन की रहस्मयी बीमारी पर भारत ने एडवाजरी जारी की: कहा- अस्पतालों में बेड, जरुरी दवाएं तैयार रखें; चीनी बच्चों को बुखार, फेफड़े में जलन की शिकायत

5 मिनट पहले

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी अस्पतालों में भीड़ ज्यादा होने की वजह से पेरेंट्स को बच्चों के इलाज के लिए 7 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है। - Dainik Bhaskar

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी अस्पतालों में भीड़ ज्यादा होने की वजह से पेरेंट्स को बच्चों के इलाज के लिए 7 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।

चीन की रहस्मयी बीमारी पर भारतीय हेल्थ मिनिस्ट्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है। इसके पहले 24 नवंबर को हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा था कि वो चीन में फैल रही रिहस्यमयी बिमारी पर नजर रख रही है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा था- चीन में बच्चों में H9N2 मामलों और सांस से जुड़ी बीमारी के फैलने की बारीकी से निगरानी की जा रही है।

दरअसल, 23 नवंबर को चीनी मीडिया ने स्कूलों में एक रहस्यमय बीमारी फैलने की बात कही थी। इसके चलते चीन की राजधानी बीजिंग और उसके 500 मील (करीब 800 किमी) के दायरे में सभी अस्पताल मरीजों से भर गए। बीमारी को फैलने से रोकने के लिए स्कूलों की छुट्टी कर दी गई। पीड़ित बच्चों में फेफड़ों में जलन, तेज बुखार, खांसी और जुकाम जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं।

चीन के अस्पतालों में बीमार बच्चों की भीड़ लगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ ज्यादा होने की वजह से पेरेंट्स को बच्चों के इलाज के लिए 7 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।

चीन के अस्पतालों में बीमार बच्चों की भीड़ लगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ ज्यादा होने की वजह से पेरेंट्स को बच्चों के इलाज के लिए 7 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।

बड़ी बिमारी से निपटने के लिए तैयार रहें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपने पब्लिक हेल्थ सिस्टम को अपडेट करने के लिए कहा है। साथ ही किसी बड़ी बिमारी के फैलने को लेकर अस्पतालों में तैयारी करने को कहा है।

एडवाइजरी के मुताबिक, अस्पतालों में स्टाफ, बेड, जरुरी दवाएं, ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, PPE किट, टेस्टिंग किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने अपने निर्देश में कहा कि अस्पतालों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके ऑक्सीजन प्लांट और वेंटिलेटरों सही काम रहे हों। साथ ही संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बनाए गए इंफेक्शन कंट्रोल प्रोटोकॉल की समीक्षा करनी चाहिए।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी बताया कि चीन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांस से जुड़ी एक बीमारी फैलने की जानकारी दी थी।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी बताया कि चीन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांस से जुड़ी एक बीमारी फैलने की जानकारी दी थी।

दुनियाभर में अलर्ट जारी
प्रो-मेड नाम के एक सर्विलांस प्लेटफॉर्म ने चीन में निमोनिया को लेकर दुनियाभर में अलर्ट जारी किया है। ये प्लेटफॉर्म इंसानों और जानवरों में फैलने वाली बीमारियों की जानकारी रखता है। प्रो-मेड ने कोरोना को लेकर भी दिसंबर 2019 में एक अलर्ट जारी किया था।

प्रो-मेड की रिपोर्ट के मुताबिक, ये अभी तक पता नहीं चल पाया है कि इस बीमारी ने कब फैलना शुरू किया। प्लेटफॉर्म ने ये भी नहीं बताया कि ये बीमारी सिर्फ बच्चों तक सीमित है या युवाओं और बुजुर्गों को भी अपनी चपेट में ले रही है।

बीजिंग के अस्पतालों में एक बार फिर मरीजों की भारी भीड़ इकट्ठा होने लगी है। ये फुटेज एरिक फीगल-डिंग ने शेयर किया है। ये कोरोना के वक्त भी दुनिया के सामने चीन के हालात लाए थे।

बीजिंग के अस्पतालों में एक बार फिर मरीजों की भारी भीड़ इकट्ठा होने लगी है। ये फुटेज एरिक फीगल-डिंग ने शेयर किया है। ये कोरोना के वक्त भी दुनिया के सामने चीन के हालात लाए थे।

महामारी कहना जल्दबाजी
पिछले हफ्ते चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने निमोनिया फैलने की वजह कोरोना पाबंदियों का हटना बताया था। WHO ने बीमारी की जांच के लिए चीन में हाल फिलहाल में फैले सभी तरह के वायरस की सूची मांगी है। वहीं, लोगों से कहा है कि वो मास्क पहन कर रखें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

WHO ने अभी तक रहस्यमयी बीमारी के महामारी होने पर कोई जानकारी नहीं दी है। वहीं, सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रो-मेड ने भी कहा कि इसे महामारी कहना गलत और जल्दबाजी होगा। इस वक्त चीन में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। तापमान जीरो डिग्री के करीब पहुंचने की संभावनाएं हैं।

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