गुलाम नबी बोले- BJP 400 सीट जीती तो I.N.D.I.A जिम्मेदार: कहा- नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह भारत रत्न देने के लिए पीएम का धन्यवाद

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जम्मूकुछ ही क्षण पहले

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सितंबर 2022 में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ दिन बाद उन्होंने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) का गठन किया था। - Dainik Bhaskar

सितंबर 2022 में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ दिन बाद उन्होंने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) का गठन किया था।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के चेयरमेन गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी 400 सीट का आंकड़ा पार करती है तो इसके जिम्मेदार I.N.D.I.A के नेता होंगे जो गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं।

नबी ने पाकिस्तान के नेशनल असेंबली और प्रांतीय चुनाव पर कहा कि चुनावी प्रक्रिया में सेना के हस्तक्षेप के कारण पड़ोसी देशों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव दूर की कौड़ी है।

शनिवार (10 फरवरी) को जम्मू के बाहरी इलाके प्रगवाल में गुलाम नबी आजाद बैठक के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं जो बता सकूं कि लोकसभा चुनाव में BJP 400 का आंकड़ा पार करेंगी या नहीं। ऐसा होता है तो इसके जिम्मेदार I.N.D.I.A के नेता होंगे जो गठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मैं न तो कांग्रेस के करीब हूं और न ही भाजपा के, कांग्रेस को जो कहना है कहने दो। भाजपा कुछ भी गलत कर रही है तो मैं आलोचना करने वाला पहला व्यक्ति हूं और इसी तरह कांग्रेस कुछ भी सही कर रही है तो मैं उन्हें श्रेय दे रहा हूं।

उमर अब्दुल्ला को अपनी पुरानी वफादारी याद होगी
9 फरवरी को जम्मू के पूर्व सीएम नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला जो कि I.N.D.I.A का भी हिस्सा हैं, उन्होंने कहा था कि NDA इस बार के लोकसभा चुनाव में 400 से ज्यादा जीत सकती है। इस पर नबी ने कहा कि उमर अब्दुल्ला अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री थे, उन्हें शायद अपनी पुरानी वफादारी याद होगी।

नरसिम्हा राव की नीतियों ने अर्थव्यवस्था में क्रांति लाई, चौधरी चरण सिंह सबसे बड़े किसान नेता
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद सितंबर 2022 में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) बनाने वाले आजाद ने कहा कि जब मैं पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में पर्यटन मंत्री था, तब राव ने मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाया था। उनकी उदारीकरण नीतियों ने बाहरी दुनिया के साथ तालमेल बिठाने के लिए उन अर्थव्यवस्था में क्रांति ला दी, जो हमसे आगे बढ़ रही थीं।

मैंने हवाई सेवा में एकाधिकार को समाप्त करने के लिए उदारीकरण नीति की भी वकालत की। राव सरकार की शुरू की गई उदारीकरण नीति का मोदी सरकार भी अनुसरण कर रही है।

नबी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह सबसे बड़े किसान नेता थे। हमने कृषक समुदाय में किसी को भी उनके कद के करीब आते नहीं देखा। देश के लिए उनके योगदान को पहचानने से कृषक समुदाय का मनोबल बढ़ेगा।

राष्ट्रहित में दोनों नेताओं के काम को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री का आभारी हूं। देश हित में कोई काम हुआ है तो उसकी सराहना होनी चाहिए और अगर मौजूदा सरकार ऐसा कर रही है तो हमें उसकी सराहना करनी चाहिए।

गुज्जरों और बकरवालों को मिला आरक्षण अछूता रहेगा नबी ने संसद द्वारा संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 पारित करने पर चार समुदायों- गड्डा ब्राह्मण, कोली, पद्दारी जनजाति और पहाड़ी जातीय समूह को जम्मू और कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों की सूची में जोड़ा गया है। इस पर आजाद ने कहा कि लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। हमने हमेशा इस शर्त पर उनका समर्थन किया है कि गुज्जरों और बकरवालों को मिला आरक्षण अछूता रहेगा।

पड़ोसी देशों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव दूर की कौड़ी
गुलाम नबी आजाद ने पाकिस्तान में हुए चुनाव पर कहा कि चुनावी प्रक्रिया में सेना के हस्तक्षेप के कारण पड़ोसी देशों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव दूर की कौड़ी है। पाकिस्तान के गठन के बाद से ही भारत के साथ उसके साथ मतभेद रहे हैं। दोनों देशों के बीच तनाव के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है।

आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तान ने हमला किया और हमारे हिस्से को अलग कर दिया, जिसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के रूप में जाना जाता है। हमारे भाइयों वहां खुश नहीं हैं। जहां भारत को लोकतंत्र मिला और चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से प्रधानमंत्रियों को बदलते देखा।

वहीं, पाकिस्तान को तानाशाही मिली और सेना वहां सरकारें चला रही है। जन नेता सेना की दया पर जी रहे हैं, जो तय करती है कि कौन जीतेगा या हारेगा। नबी ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हमारी सेना या कोई और हमारे चुनावों में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है और यही लोकतंत्र है। हम प्रार्थना करते हैं कि जनता के लाभ के लिए वहां भी ऐसा माहौल बने।

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