केरल में 50% ही बची हाथियों की संख्या: बढ़ रही क्रूरता; 2008 में 900 बंदी हाथी थे, अब केवल 448

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तिरुअनंतपुरम7 घंटे पहलेलेखक: केए शाजी

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केरल में बंदी हाथियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। साल 2008 में यहां करीब 900 बंदी हाथी थे, लेकिन अब इनकी संख्या में 50% की कमी दर्ज की गई है। अब केवल 448 हाथी ही बचे हैं। बीते 5 साल में 115 बंदी हाथियों की मौत हुई है।

14 जुलाई को मंगलमकुन्नू केशवन नामक हाथी की मौत हो गई थी। एलिफैंट टास्क फोर्स की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उसे बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के परेड में शामिल किया गया था। हेरिटेज एनिमल टास्क फोर्स के सचिव वीके वेंकटचलम कहते हैं कि जो हाथी बंदी हैं, उनके खिलाफ क्रूरता बढ़ती जा रही है

उत्सव होने पर बाहर से हाथी मंगवाने की मांग
केरल एलीफेंट ओनर्स फेडरेशन की मांग है कि राज्य के त्योहारों में परेड के लिए बाहर से अधिक हाथी लाने के लिए नियमों में ढील दी जाए। महासचिव पी शशिकुमार ने बताया कि इस मांग को लेकर कई सांसदों से मिल रहे हैं। पशु अधिकार कार्यकर्ता वेंकटचलम बाहर से यहां हाथी लाने के कदम का विरोध जता रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसे हाथियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया जाएगा।

मालिकों के खराब व्यवहार का शिकार हो रहे हाथी
केरल में हर साल औसतन 25 बंदी हाथियों की मौत होती है। केरल वन विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि बंदी हाथियों की मौत का सबसे बड़ा कारण उनके मालिकों द्वारा किया जा रहा खराब व्यवहार है।

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