केरल में मॉरल पुलिसिंग के खिलाफ ‘लैपटॉप’ प्रोटेस्ट: बस स्टैंड की बेंच को स्थानीय लोगों ने तोड़ा, इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने एक-दूसरे की गोद में बैठ दिया जवाब

तिरुवनंतपुरम6 मिनट पहलेलेखक: आशीष राय

  • कॉपी लिंक
छात्रों का यह अनूठा प्रोटेस्ट सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है और उन्हें लगातार लोगों का समर्थन मिल रहा है। - Dainik Bhaskar

छात्रों का यह अनूठा प्रोटेस्ट सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है और उन्हें लगातार लोगों का समर्थन मिल रहा है।

केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज(CET)के बाहर एक बस स्टैंड था, जहां अक्सर स्टूडेंट्स बैठा करते थे। मंगलवार को स्थानीय लोगों ने इसे अश्लीलता फैलाने का अड्डा बताते हुए यहां लगी स्टील की बेंच को तोड़ डाला। बुधवार को छात्रों तक यह बात पहुंची तो वे इसके खिलाफ बस स्टैंड पर जमा हुए और पूरे दिन कॉलेज की लड़कियों को अपनी गोद में बैठा मॉरल पुलिसिंग के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। मामला इस कदर बढ़ा कि मौके पर शहर की मेयर को पहुंचना पड़ा और छात्रों के लिए नया बस स्टैंड बनवाने का आदेश देना पड़ा।

बुधवार को श्रीकार्यम में पूरे दिन चले इस प्रदर्शन को छात्रों ने ‘लैपटॉप प्रोटेस्ट’ का नाम दिया था। इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स एक-दूसरे की गोद में बैठे थे, उंगलियां बंधी हुईं थीं, हाथ एक-दूसरे के कंधों पर लिपटे हुए थे और वे कैमरे को देख मुस्कुरा रहे थे। स्थानीय लोगों द्वारा बस स्टैंड की बेंच तोड़े जाने का मुद्दा सबसे पहले संदीप दास नाम के शख्स ने सोशल मीडिया में उठाया था। इसके बाद उनके द्वारा शेयर तस्वीरें और जानकारी सोशल मीडिया में वायरल हुई और छात्रों तक पहुंची। छात्रों के इस प्रोटेस्ट पर संदीप ने बताया,’छात्रों का यह रुख पाखंड की सेवा करने वालों के हौसले को तोड़ने वाला है। यह भविष्य को संजोने का एक प्रयास है। यह उन लोगों को जवाब है, जिन्होंने स्टील की बेंच को काट कर अलग कर दिया।’

छात्रों ने एक-दूसरे की गोद में बैठ स्थानीय लोगों को कड़ा संदेश देने का प्रयास किया।

छात्रों ने एक-दूसरे की गोद में बैठ स्थानीय लोगों को कड़ा संदेश देने का प्रयास किया।

‘हमारा विरोध समाज से नहीं, उनकी सोच के खिलाफ है’
इस प्रोटेस्ट में शामिल नंदिनी ने कहा,’हमारा विरोध स्थानीय लोगों के खिलाफ नहीं है। हम लड़कियों और लड़कों को एक साथ बैठने की प्रथा को सामान्य बनाना चाहते हैं। हम यह मैसेज देना चाहते हैं कि लोगों को जेंडर की बाधा को हटाते हुए हमें एक स्टूडेंट के रूप में देखना चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा,’हम जिन परिस्थितियों में पले बढ़े हैं, उनमें रातों-रात ऐसे बदलाव नहीं हो सकते, लेकिन आप इसे आधार बना कर छात्रों को परेशान नहीं कर सकते हैं। हमारी पोस्ट सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद कुछ लोग हमारी आलोचना कर रहे हैं, लेकिन इससे कई गुना ज्यादा लोगों का हमारे साथ समर्थन है।

यहां पहले स्टील की बेच लगी हुईं थीं, जिसे स्थानीय लोगों ने काट कर हटा दिया।

यहां पहले स्टील की बेच लगी हुईं थीं, जिसे स्थानीय लोगों ने काट कर हटा दिया।

ऐसे आया ‘लैपटॉप’ प्रोटेस्ट का आइडिया
कॉलेज यूनियन के महासचिव अश्विन एम ने बताया, ‘9 साल पहले इस बस स्टैंड को अवैध ढंग से स्थानीय लोगों द्वारा बनाया गया था। यहां बैठने वाले छात्रों को स्थानीय लोगों की अभद्र टिप्पणी सुननी पड़ती थी। हमें एक अन्य छात्र के ट्वीट से इस बेंच को तोड़े जाने की जानकारी मिली, इसके बाद आपस में बातचीत के दौरान ही किसी ने यह आइडिया दिया। हमें लगा कि यह ज्यादा असरदार होगा और लोगों तक सही ढंग से इसे पहुंचाया जा सकता है। अगर उन्हें हमारे साथ बैठने से परेशानी है तो हम एक दूसरे की गोद में बैठेंगे।’

विरोध के बाद मौके पर पहुंची मेयर ने यहां नया बस स्टैंड और छात्रों के लिए अच्छी सीटें लगाने के ऐलान किया।

विरोध के बाद मौके पर पहुंची मेयर ने यहां नया बस स्टैंड और छात्रों के लिए अच्छी सीटें लगाने के ऐलान किया।

मेयर ने नया बस स्टैंड बनवाने का निर्देश दिया
CET के छात्रों के इस प्रोटेस्ट को केरल के SFI और DYFI छात्र संगठनों ने सपोर्ट किया है। इस विवाद के बाद गुरुवार को मौके पर पहुंची मेयर आर्य राजेंद्रन ने कहा कि जिस आधार पर बेंच को तोड़ा गया है, वह आधुनिक समाज के लिए अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि तिरुवनंतपुरम निगम यहां एक नया बस शेड बनाएगा और छात्रों के बैठने के लिए अच्छी कुर्सियां और बेंच लगाएगा। उन्होंने स्थानीय पुलिस से भी इस मामले में नजर बनाने और ऐसा फिर से करने वालों पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश भी दिया है।

खबरें और भी हैं…