केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उपराष्ट्रपति बोले-न्यायपालिका की ताकत बरकरार है: कहा- जिन्हें लगा वे कानून से ऊपर हैं, अब कानून उनके पीछे है

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नई दिल्ली25 मिनट पहले

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को दिल्ली में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। (फाइल) - Dainik Bhaskar

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को दिल्ली में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। (फाइल)

शराब नीति घोटाले को लेकर 21 मार्च को गिरफ्तार किए गए दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि न्यायपालिका की रीढ़ की हड्डी की ताकत बरकरार है। जिन्हें लगता था कि वे कानून से ऊपर हैं, अब कानून उनके पीछे है।

इसके अलावा 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में I.N.D.I गठबंधन केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसे लेकर उपराष्ट्रपति ने कहा कि जैसे ही कानून अपना काम करने लगता है, वैसे ही कुछ लोग सड़कों पर आ जाते हैं। भ्रष्टाचार से अब रोजगार या कॉन्ट्रेक्ट नहीं मिलते। अब भ्रष्टाचार जेल जाने का रास्ता है।

धनखड़ बोले- वे कहते हैं कि चुनाव के समय कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। क्या आप नैतिकता के आधार पर कह सकते हैं कि भ्रष्टाचारियों से इसलिए नहीं निपटा जाना चाहिए, क्योंकि यह त्योहारों का मौसम है या खेती का मौसम है? जो दोषी हैं उन्हें बचाने का कोई मौसम कैसे हो सकता है?

धनखड़ बोले- भारत को कानून को लेकर किसी से सबक लेने की जरूरत नहीं
जगदीप धनखड़ ने अमेरिका, जर्मनी और UN के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे पर बयान देने पर कहा कि भारत में मजबूत न्यायिक व्यवस्था है। भारत को कानून को लेकर किसी से सबक लेने की जरूरत नहीं है।

उपराष्ट्रपित ने कहा- भारत के न्यायिक व्यवस्था को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। भारत में कानून के लिए सब लोग समान है। समानता नया आदर्श है” और जो लोग सोचते हैं कि वे कानून से परे हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जा रहा है।

दरअसल, 21 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हुए अरविंद केजरीवाल पर 23 मार्च को सबसे पहले जर्मनी ने बयान दिया था। जर्मनी ने कहा था, “भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमें उम्मीद है कि यहां न्यायालय आजाद है। केजरीवाल के मामले में भी लोकतंत्र के उसूलों का पालन किया जाएगा। उनको बिना रुकावट कानूनी मदद मिलेगी।”

इसके अलावा 26 मार्च को अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर और 28 मार्च को UN जनरल सेक्रेटरी के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे। इन तीनों के प्रवक्ताओं के बयान पर भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था- “भारत अपने देश की न्यायिक व्यवस्था में किसी की भी दखलंदाजी को बर्दाश्त नहीं करेगा। पूरी खबर पढ़ें…

1 अप्रैल तक ED की हिरासत में हैं दिल्ली सीएम

28 मार्च को शराब नीति केस में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल की ED कस्टडी 4 दिन और बढ़ा दी। अब वे एक अप्रैल तक हिरासत में रहेंगे। इससे पहले कोर्ट में 39 मिनट सुनवाई चली। केजरीवाल ने खुद अपने केस की पैरवी की। वे ऐसा करने वाले देश के पहले सिटिंग सीएम बन गए हैं।

ED ने कोर्ट से केजरीवाल की 7 दिन की कस्टडी और मांगी थी। दलीलें सुनने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला रिजर्व कर लिया था। कोर्ट में गुरुवार सुनवाई दोपहर 1.59 बजे शुरू होकर दोपहर 2.39 बजे खत्म हुई।

केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा कि इस केस में मेरा नाम सिर्फ चार जगह आया है। 4 स्टेटमेंट दिए गए और उनमें से कोर्ट के सामने वो बयान लाया गया, जिसमें मुझे फंसाया गया। क्या ये 4 स्टेटमेंट एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए काफी हैं?

इसके जवाब में ED ने कहा- मुख्यमंत्री कानून से ऊपर नहीं हैं। वहीं, कोर्ट में पेशी के लिए जाते वक्त उनसे पूछा गया कि LG ने कहा था कि सरकार जेल से नहीं चलेगी। इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा कि ये पॉलिटिकल षड्यंत्र है, जनता इसका जवाब देगी। पूरी खबर पढ़ें

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