25 मिनट पहले
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पंजाब के किसान दिल्ली चलो मार्च के लिए निकल चुके हैं। दिल्ली के आसपास के बॉर्डर पर किसानों को रोकने के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। इस बीच किसान आंदोलन से जुड़े कुछ दावे तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
- इन्हीं में से एक दावा किसानों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ट्रैक्टर से जुड़ा है। असल में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें ट्रैक्टर के आगे बड़ा सा फ्रंट बंपर गार्ड (लोहे का जाल) लगा है।
- इस वीडियो को शेयर करके लोग लिख रहे हैं – ‘ट्रैक्टर की बनावट और इनकी हरकतें देखिए क्या ये किसान लगते हैं।
पड़ताल के दौरान हमें पी.एन. राय नामक एक एक्स यूजर का ट्वीट मिला। इसमें लिखा था- ट्रैक्टर की बनावट और इनकी हरकतें देखिए, क्या आपको लगता है शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए जा रहे हैं। (अर्काइव ट्वीट)
देखें ट्वीट:
- पी.एन. राय को एक्स पर 37 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। वहीं, यूजर के बायो के अनुसार वे राजनीतिक विश्लेषक हैं।
वहीं, वेरिफाइड एक्स यूजर मिनी राजदान ने अपने ट्वीट में लिखा- क्या ये किसान आंदोलन की तैयारी जैसा लग रहा है…? ये तो एक युद्ध की तैयारी जैसा है और इस महंगे फोर्टिफिकेशन के लिए पैसे कौन दे रहा है ? जाहिर है किसान नहीं बल्कि खालिस्तानी फिर एक्शन में हैं…! (अर्काइव ट्वीट)
देखें ट्वीट:
किसानों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ट्रैक्टर से जुड़े ऐसे ही ट्वीट्स हमें कुछ अन्य वेरिफाइड एक्स अकाउंट पर भी मिले। जिन्हें आप नीचे देख सकते हैं।
एक्स यूजर हरीश माली का ट्वीट – (अर्काइव ट्वीट)
एक्स अकाउंट सोशल तमाशा का ट्वीट – (अर्काइव ट्वीट)
एक्स यूजर रवि सोलंकी का ट्वीट – (अर्काइव ट्वीट)
दावे की पड़ताल के लिए हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल इमेज पर रिवर्स सर्च किया। साथ ही वीडियो में दिख रहे ट्रैक्टर का नाम – HATTAT 260G को यूट्यूब पर सर्च किया।
जांच के दौरान हमें TRAKTORI SVIH VRSTA नामक एक यूयट्यूब चैनल मिला। इस चैनल पर 31 जनवरी 2024 को वही वीडियो अपलोड किया गया था जो अब किसान आंदोलन का बताकर वायरल किया जा रहा है।
देखें वीडियो :
- TRAKTORI SVIH VRSTA चैनल को 36 हजार से अधिक लोगों ने सब्सक्राइब किया हुआ है। वहीं इस वीडियो को 264,609 से अधिक लोग देख चुके हैं।
- चैनल के अबाउट सेक्शन के अनुसार ये बोस्निया और हर्जेगोविना (दक्षिणपूर्व यूरोप में बाल्कन प्रायद्वीप पर स्थित एक देश) से ऑपरेट करता है।
देखें स्क्रीनशॉट।
- इस चैनल पर हमें ट्रैक्टर्स से जुड़े कई अन्य वीडियो भी देखने को मिले।
स्पष्ट है कि ट्रैक्टर का जो वीडियो किसान आंदोलन का बताकर शेयर किया जा रहा है वो गलत और भ्रामक है। यह वीडियो भारत का नहीं बल्कि बोस्निया और हर्जेगोविना का है।
वहीं, ट्रैक्टर के वीडियो के साथ एक और वीडियो भी है जिसमें किसान बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो भी किसान आंदोलन का ना होकर पंजाब के संगरूर बॉर्डर का था। जहां ट्रैवल एजेंट से ब्लैकमेलिंग केस में पकड़ाए ब्लॉगर भाना सिद्धू के हक में संगरूर बॉर्डर पटियाला रोड पर किसानों ने प्रदर्शन किया था।
इस घटना से जुड़ी खबर दैनिक भास्कर ने प्रकाशित की थी। देखें स्क्रीनशॉट…
स्पष्ट है कि किसान आंदोलन का बताकर शेयर किए जा रहे यह वीडियो गलत और भ्रामक हैं।
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