कारगिल यौद्धा को हिंसा ने रूलाया: होमगार्ड नीरज की मौत के बाद बोला पिता- दंगे ने निराश किया, ऐसा कभी नहीं देखा

गुरुग्राम23 मिनट पहले

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मृतक होमगार्ड नीरज का फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar

मृतक होमगार्ड नीरज का फाइल फोटो।

हरियाणा के नूह में हुई हिंसा में मृतक दो होमगार्ड में से एक नीरज गुरुग्राम का रहने वाला है। उसका पिता चिरंजी लाल फौज में रहा है और उसने कारगिल में दुश्मनों के दांत भी खट्‌टे किए। नूंह-गुरुग्राम में हुई हिंसा और अपने बेटे की जान जाने से वह आहत है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाले लोग गलत हैं। कोई भी धर्म ऐसा नही कहता। वह पोते पोतियों को भी देश की सेवा में भेजेंगे।

होमगार्ड नीरज का परिवार गुरुग्राम के गढ़ी में रहता है। यह हिंदू बहुल गांव है। हालांकि गांव में 50 मुस्लिम परिवार भी रहते हैं। नीरज के परिजनों के मुताबिक उनके गांव में लोग शांति और सद्भाव से साथ रहे है। उन्होंने कभी ऐसी हिंसा के बारे में सोचा भी नही था।

नीरज का फाइल फोटो और हिंसा में जली गाड़ी।

नीरज का फाइल फोटो और हिंसा में जली गाड़ी।

नीरज का पूरा परिवार देश सेवा से जुड़ा

नीरज का पूरा परिवार डिफेंस और होमगार्ड की पृष्ठभूमि से आता है। नीरज की पिता चिरंजी लाल के मुताबिक उन्होंने हमेशा देश के लिए सेवा की है। उन्होंने कारगिल लड़ाई भी लड़ी है। उन्हें गर्व है कि उनका बेटा कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गया। वही दूसरी तरफ नीरज का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। नीरज के पिता के मुताबिक सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाले लोग गलत हैं। कोई भी धर्म ऐसा नही कहता। उन्होंने बताया की वह अपने पोते पोतियों को भी देश की सेवा के लिए भेजेंगे।

पत्नी बोलीं- कोई बहन मेरी तरह विधवा न हो

नूंह हिंसा में पति को गवां चुकी नीरज की पत्नी के आंसू नहीं सूख रहे। पति का जिक्र आते ही आंखों से आंसू टपकने लगते हैं। वह सरकार से अपील करती है कि दोनों समुदाय के बीच की इस लड़ाई को रोका जाए ताकि उनकी तरह कोई भी बहन विधवा न हो और किसी की मां अपना बेटा न खोए।

भादस में हिंदू 2%, कभी दंगा नहीं हुआ

नूंह हिंसा में मारे गए चार नागरिकों में एक नाम शक्ति का भी है। शक्ति नूह से 18 किलोमीटर दूर भादस गांव का रहने वाला था। इस गांव में हिंदुओं की आबादी सिर्फ 2 प्रतिशत है। लेकिन यहां अब तक कभी हिंसा या बवाल नहीं हुआ था।शक्ति के परिवार के मुताबिक शक्ति बड़कल इलाके में मिठाई की शॉप पर काम करता था।

गुरुकुल की तरफ गया था शक्ति

शक्ति साथ ही राज मिस्त्री का काम करता था। हिंसा बड़कल इलाके से शुरू हुई तो शक्ति घर पर आ गया था। हिंसा के बाद गांव के सभी हिंदू परिवार डरे हुए थे। जानकारी मिली की गांव के बड़े गुरुकुल पर दंगाइयों ने हमला बोला है। शक्ति उसी तरफ चला गया और उसके बाद घर नहीं लौटा।

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