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- BJP Donation; Jairam Ramesh Press Conference Update | Nirmala Sitharaman
नई दिल्ली8 मिनट पहले
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कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा के लिए चंदा वसूलने ED-CBI जैसी जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया गया है। इसलिए मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की जानी चाहिए। शुक्रवार (23 फरवरी) को कांग्रेस जयराम रमेश ने मीडिया से कहा कि 2018-19 और 2022-23 के बीच भाजपा को कुल लगभग 335 करोड़ रुपए का दान देने वाली कम से कम 30 कंपनियों को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
जयराम रमेश ने बताया कि केसी वेणुगोपाल ने इस संबंध में एक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि तीन में से दो एजेंसियां वित्त मंत्रालय के अधीन हैं, पूरा देश जानता है कि सरकार जांच एजेंसियों को रिमोट कंट्रोल से चला रही है। 2014 के बाद से राजनेताओं के खिलाफ ED के मामलों में चार गुना बढोतरी इस बात का सबूत है। इनमें से 95% केस विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं।
पिछले दिनों भाजपा की ऑडिट रिपोर्ट सामने आई थी, जिससे पता चला था कि BJP की कुल इनकम 2022-23 में ₹2,361 करोड़ हो गई है। जो 2021-22 में ₹1,917 करोड़ थी।
वित्त मंत्री से पूछे गए कांग्रेस के 3 सवाल
- क्या सरकार भाजपा के फाइनेंस पर व्हाइट पेपर लाएगी। इनमें सोर्स के साथ-साथ यह भी बताया जाए कि कैसे कॉर्पोरेट कंपनियों को जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके दान देने के लिए मजबूर किया गया था।
- अगर आप कुछ छिपा नहीं रहे हैं तो क्या आप ये बता सकते हैं कि किस समय, किन कारणों से भाजपा का खजाना भर गया। क्या आप उन घटनाओं के पॉइंट टू पॉइंट खंडन पेश कर सकते हैं।
- अगर आप स्पष्टीकरण नहीं दे सकते हैं, तो क्या आप इन संदिग्ध सौदों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच के लिए तैयार हैं।
6 कंपनियों ने चंदा देने से इनकार किया तो छापा पड़ा
वेणुगोपाल ने कहा कि 30 कंपनियों में से 23 कंपनियां जिन्होंने भाजपा को कुल 187.58 करोड़ रुपए दिए थे, उन्हीं कंपनियों ने 2014 से छापा पड़ने के बीच कभी भी कोई राशि दान नहीं की थी। इनमें से कम से कम 4 कंपनियों ने सेंट्रल एजेंसी के दौरे के चार महीने के अंदर ही कुल 9.05 करोड़ रुपए का दान दिया।इनमें से 6 कंपनियां, जो पहले से ही भाजपा को डोनेशन देती थीं, उन्हें दान देने से इनकार करने के बाद जांच का सामना करना पड़ा। तलाशी के बाद के महीनों में इन्हीं कंपनियों ने पार्टी को बड़ी रकम सौंपी।
ED जांच के बाद कंपनियां चंदा क्यों दे रहीं, इसकी जांच हो- वेणुगोपाल वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि हम कहीं भी यह आरोप नहीं लगा रहे हैं कि दर्ज किए गए मामले या जांच एजेंसियों की गई कार्रवाई अवैध है। लेकिन यह इस बात की जांच की जानी चाहिए कि ये संदिग्ध कंपनियां जिनके खिलाफ ED के मामले चल रहे हैं, वे ED की जांच के बावजूद सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को दान क्यों दे रही हैं। या फिर ये महज संयोग है कि वे कार्रवाई के बाद बीजेपी को चंदा दे रहे हैं।
पिछले हफ्ते कांग्रेस ने कहा था- बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए
16 फरवरी को कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया। कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि इनकम टैक्स ने यूथ कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी से 210 करोड़ रुपए की रिकवरी मांगी है। हालांकि एक घंटे बाद इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कांग्रेस के फ्रीज खातों पर लगी रोक हटा दी थी। पढ़ें पूरी खबर…
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भाजपा को कांग्रेस से 7 गुना ज्यादा फंडिंग
भारतीय जनता पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 2022-23 में कुल 1300 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली है। जबकि इन्हीं बॉन्ड के जरिए कांग्रेस को महज 171 करोड़ रुपए का फंड मिला है। यह जानकारी चुनाव आयोग ने शेयर की है। यह रकम 2021-22 की तुलना में 444 करोड़ रुपए ज्यादा मिले। यानी 54% हिस्सा, जो कि 1278 करोड़ रुपए चुनावी बॉन्ड के जरिए आया है। पढ़ें पूरी खबर…