उपराष्ट्रपति चुनाव: विपक्ष का प्रचार दोनों पदों पर महिला को चुनने की थीम पर; अल्वा के लिए सोनिया ने संभाली है कमान

4 मिनट पहले

उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी दलों ने राजस्थान की पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार घोषित किया है। इस चुनाव में विपक्ष भावनात्मक अपील कर रहा है। मार्गरेट अल्वा के नाम की घोषणा कर इस बार दोनों राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद पर महिला को आसीन कर इतिहास रचने की थीम पर प्रचार किया जा रहा है।

अल्वा के पक्ष में महिला, अल्पसंख्यक और दक्षिण भारत को प्रतिनिधित्व देने की भावनात्मक अपील करते हुए कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इस चुनाव में उन दलों को समर्थन जीतने का प्रयास करेंगे जो राष्ट्रपति के चुनाव में दूर छिटक गए थे।

सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति के चुनाव से विपक्ष और खासतौर से कांग्रेस ने तीन सबक लिए हैं। पहला- उम्मीदवार घोषित करने की हड़बड़ी नहीं दिखाई और सत्तारूढ़ भाजपा को अपना उम्मीदवार पहले पेश करने का मौका दिया। दूसरा- उम्मीदवार चुनने में राजनीतिक समीकरण को सामने रखा गया और व्यक्ति के बजाय प्रतिनिधित्व पर जोर दिया गया। तीसरा- नाम की घोषणा में क्षेत्रीय दलों की राय लेने का प्रयास किया गया।

103 महिला सांसदों से संवाद की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, अल्वा की उम्मीदवारी की मजबूती के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कमान संभाली हुई है। 103 महिला सांसदों से संवाद कायम किया जाएगा। संख्या बल में भले एनडीए आगे हो लेकिन यूपीए की रणनीति गैर एनडीए दलों को साधना है।

2009 से 2012 तक मार्गरेट अल्वा उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं।

2009 से 2012 तक मार्गरेट अल्वा उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं।

गुजरात-राजस्थान समेत 4 राज्यों की राज्यपाल रह चुकी हैं
अल्वा गुजरात, राजस्थान, गोवा और उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। वे उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल रही हैं। 2009 से 2012 तक उत्तराखंड के राज्यपाल के रूप में काम कर चुकी हैं। इसके अलावा राजस्थान में 2012 से 2014 तक राज्यपाल रहीं। इसी दौरान उन्हें गुजरात और गोवा का प्रभार भी मिला था।

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