उद्धव गुट के प्रत्याशी को ED से गिरफ्तारी का डर: अमोल कीर्तिकर बोले- नॉनवेज छोड़ा, जेल के लिए कपड़े खरीदे; 8 अप्रैल को पेश होना है

मुंबई7 मिनट पहले

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अमोल कीर्तिकर को ED ने 27 मार्च और 29 मार्च को खिचड़ी स्कैम मामले समन दिया था। - Dainik Bhaskar

अमोल कीर्तिकर को ED ने 27 मार्च और 29 मार्च को खिचड़ी स्कैम मामले समन दिया था।

मुंबई नॉर्थ-वेस्ट लोकसभा सीट से शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रत्याशी अमोल कीर्तिकर को डर है कि ED उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। उन्होंने कहा कि मैंने पहले से तैयारी शुरू कर दी है। खाने-पीने में बदलाव किया है और कपड़े भी खरीदे हैं।

शिवसेना (उद्धव गुट) ने 27 मार्च को अमोल कीर्तिकर को टिकट दिया था। नाम फाइनल होने के बाद ही घंटेभर के बाद ही उन्हें ED का समन मिला था। इसके बाद उन्हें 29 मार्च को दूसरा समन मिला, जिसमें उन्हें खिचड़ी घोटाला मामले में पूछताछ के लिए 8 अप्रैल को एजेंसी ने पेश होने का कहा है।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक, कीर्तिकर ने कहा कि पिछले समन पर मैं इसलिए पेश नहीं हो सका था, क्योंकि मैं अपने होम टाउन गया हुआ था। मैं सोमवार (8 अप्रैल) को ईडी के सामने पेश होऊंगा। मैं नहीं चाहता कि वे मुझे गिरफ्तार करें। मैं डरा हुआ नहीं हूं, लेकिन जरूरी तैयारी कर रहा हूं।

अमोल कीर्तिकर उद्धव गुट में हैं। वहीं, उनके पिता गजानन कीर्तिकर मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से लगातार दो बार के सांसद हैं और शिवसेना शिंदे गुट के समर्थक हैं।

अमोल कीर्तिकर उद्धव गुट में हैं। वहीं, उनके पिता गजानन कीर्तिकर मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से लगातार दो बार के सांसद हैं और शिवसेना शिंदे गुट के समर्थक हैं।

नॉन-वेज खाना छोड़ा, जेल के लिए कपड़े खरीदे
अमोल ने कहा कि जिस तरह से ED ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है। उसे देखते हुए मैंने नॉन-वेज खाना छोड़ दिया है। ऐसे कपड़े खरीदे हैं, जिन्हें जेल में पहन सकूं। ED मेरे बैंक खाते भी सीज कर सकती है। इसलिए पत्नी को मेरी सेविंग्स के बारे में बता दिया है। जेल जाने का डर जेल से कहीं ज्यादा होता है। मैं जानता हूं कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया, इसलिए टेंशन में नहीं हूं।

मेरे मामले में 80-90 वेंडर थे, जो कोविड के दौरान खिचड़ी की सप्लाई कर रहे थे, तो कुछ लोगों को कैसे बाहर कर दिया गया? हर किसी में वित्तीय अनियमितताएं होती हैं, लेकिन ED इसे वित्तीय अपराध की तरह पेश करता है।

अमोल ने कहा कि भारत का चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट भी हस्तक्षेप कर सकता है यदि उन्हें लगता है कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए कुछ निर्णय लिए जा रहे हैं।

मेरे विरोधी का पता नहीं, ज्यादा से ज्यादा जनसंपर्क कर रहा हूं
अमोल ने कहा है कि मेरे खिलाफ कौन चुनाव लड़ रहा है। इसका ऐलान अभी तक नहीं हुआ है। ऐसे में कल क्या हो तो ज्यादा से ज्यादा चुनाव प्रचार रहा हूं। 8 अप्रैल तक जितना हो सके उतना प्रचार कर रहा हूं।

यह तस्वीर नवंबर 2022 की है। जब अमोल के पिता गजानन कीर्तिकर ने शिंदे गुट की शिवसेना जॉइन की थी।

यह तस्वीर नवंबर 2022 की है। जब अमोल के पिता गजानन कीर्तिकर ने शिंदे गुट की शिवसेना जॉइन की थी।

बेटे के खिलाफ चुनाव लड़ने से पिता का इनकार
अमोल के पिता गजानन कीर्तिकर (80) दो बार नॉर्थ-वेस्ट मुंबई से सांसद रहे हैं। वे शिंदे गुट के समर्थन में थे। उन्होंने नवंबर 2022 में शिंदे गुट की शिवसेना जॉइन की थी।

ऐसे में कयास लगाए गए कि पिता-पुत्र लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे खिलाफ मैदान में होंगे। लेकिन गजानन कीर्तिकर ने यह कहकर कयासों पर विराम लगा दिया कि मैं अपने बेटे के खिलाफ चुनाव लड़ने से बचूंगा और सीट किसी और लिए छोड़ दूंगा।

पिता को लेकर अमोल ने कहा कि भले ही हम अलग-अलग पार्टियों से हैं, लेकिन जब राजनीति की बात आती है तो मेरे पिता मेरे व्यक्तिगत निर्णयों का सम्मान करते हैं। हालांकि, कभी-कभी वे कहते हैं कि मैं जिद्दी हूं।

अमोल ने बताया कि जब शिवसेना विभाजित हो गई, तो उन्होंने (पिता ने) मुझसे कहा कि बाकी बेटे अपने पिता के पीछे शिंदे गुट में जा रहे हैं और मुझे भी उनके साथ शामिल होना चाहिए।

इस पर मैंने उनसे कहा कि वे लोग ऐसे बेटे होंगे, जिनका करियर उनके पिता पर निर्भर होगा। मैंने कड़ी मेहनत की है और उद्धव ठाकरे के साथ रहना चाहता हूं।

अमोल ने कहा- संजय निरुपम पर कुछ नहीं कहूंगा
कांग्रेस छोड़ने वाले संजय निरुपम ने अमोल को खिचड़ी चोर कहा था। संजय भी मुंबई नॉर्थ-वेस्ट से टिकट चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं मिला। संजय के आरोप पर अमोल ने कहा – वह एक वरिष्ठ नेता हैं और मैं किसी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करता। उनके पास इस सीट से चुनाव लड़ने का संवैधानिक अधिकार है।

संजय निरुपम ने 27 मार्च को कहा था कि वे खिचड़ी चोर के लिए प्रचार नहीं करेंगे। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। संजय ने कहा कि मुझे निकाला नहीं, मैंने खुद पार्टी छोड़ी।

संजय निरुपम ने 27 मार्च को कहा था कि वे खिचड़ी चोर के लिए प्रचार नहीं करेंगे। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। संजय ने कहा कि मुझे निकाला नहीं, मैंने खुद पार्टी छोड़ी।

क्या है खिचड़ी घोटाला?
सितंबर 2023 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कथित 6.37 करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत के करीबी सुजीत पाटकर और कई अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। अन्य आरोपियों में सुनील उर्फ ​​बाला कदम, सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट के राजीव सालुंके, फोर्स वन मल्टी सर्विस के साझेदार और कर्मचारी, स्नेहा कैटरर्स के साझेदार, तत्कालीन सहायक नगर आयुक्त (योजना) और अज्ञात BMC अधिकारी शामिल हैं।

जांच में कीर्तिकर का नाम सामने आने पर सितंबर 2023 में EOW अधिकारियों ने उनसे छह घंटे तक पूछताछ की थी। इसके बाद ED ने अक्टूबर 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता आदित्य ठाकरे के करीबी सूरज चह्वाण को गिरफ्तार किया था।

ED की चार्जशीट के मुताबिक, चह्वाण ने BMC के निर्धारित मानदंडों को दरकिनार करते हुए मेसर्स फोर्स वन मल्टी सर्विसेज को वर्क ऑर्डर हासिल करने में भूमिका निभाई थी। इसके बदले में उसे 1.35 करोड़ रुपए मिले। इसके बाद हल्की क्वालिटी के खिचड़ी पैकेट सप्लाई किए गए थे।

सूरज चह्वाण का कहना था कि यह रकम उसे फोर्स वन मल्टी सर्विसेज से वेतन और लोन में मिली थी। उसने मुंबई और रत्नागिरी में इसी रकम से प्रॉपर्टी खरीदी थी। इसके बाद ED ने अस्थायी रूप से जब्त किया था। इसमें 88.51 लाख की प्रॉपर्टी में मुंबई वाला फ्लैट और रत्नागिरी में खरीदे खेत शामिल हैं।

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