आंखों के सामने 80 फीट ऊपर से गिरी बस: सबसे पहले मौके पर पहुंचा नाविक बोला- बस गिरने से पिचक गई थी, अंदर 8-10 बॉडी थी…

धार/खरगोन8 घंटे पहले

मैं नर्मदा नदी में नाव चला रहा था। आंखों के सामने करीब 80 फीट ऊंचे ब्रिज से बस नीचे गिरी। फौरन उस ओर नाव लेकर भागा। करीब 10 मिनट बाद मैं मौके पर था। इसी दौरान मेरा एक और साथी आ गया। बस पलटी खाकर पानी में पूरी तरह से समा चुकी थी। बस उसके थोड़े से पहिए नजर आ रहे थे। पत्थरों पर गिरने से बस पिचक गई थी। कुछ पुर्जे बिखर गए थे। बस की चद्दर को हटाने की कोशिश की तो हाथ कट गया। जैसे-तैसे एक शव को बस से बाहर खींचा।

अंदर झांका ताे 8 से 10 बॉडी यहां – वहां पड़ी हुई थी। एक महिला खिड़की की जाली से बुरी तरह से चिपकी हुई थी। उसे निकालने के लिए खिड़की से हाथ अंदर डाला और जाली को तोड़ने की कोशिश की, हालांकि वह इतनी बुरी तरह से चिपकी हुई थी कि उसे तोड़ नहीं पाए। लाख कोशिश के बाद भी हम महिला को बाहर नहीं निकाल पाए। बाद में टीम आई और फिर रेस्क्यू शुरू हुआ …दैनिक भास्कर को यह डरावना अनुभव नाविक नरसिंह ने बताया। ये वही शख्स है, जिसकी आंखों के सामने बस पुल से नीचे गिरी। उस समय नरसिंह नदी में नाव लेकर मौजूद थे।

ज्ञानेश्वर पवार ने पिता को खोया, हकीमुद्दीन ने अपने जीजा को खोया।

ज्ञानेश्वर पवार ने पिता को खोया, हकीमुद्दीन ने अपने जीजा को खोया।

अपनों को खो चुके परिवार का दर्द…

मां की आंख का ऑपरेशन होना था, पापा बस से लौट रहे थे…

हादसे में जान गंवाने वाले अमलनेर निवासी निंबाजी के बेटे ज्ञानेश्वर पवार ने बताया कि पिताजी रविवार को ही अमलनेर बस में सवार होकर हमसे मिलने इंदौर आए थे। माताजी की आंख का ऑपरेशन होना था, इसलिए पिताजी सोमवार को ही वापस लौट रहे थे। उन्हें बस में बैठाने के लिए मैं खुद स्टेशन आया था। 8.20 पर वे बस में सवार हुए थे। सुबह 11 बजे फोन आया कि पिताजी हादसे का शिकार हो गए हैं।

जीजा को खलघाट स्टॉप पर सलाम कहा, 5 मिनट बाद बुरी खबर मिली…
हादसे में मारे गए सैफुद्दीन के साले असगर ने बताया- पुल पर पहुंचने के पहले बस खलघाट स्टॉप पर रुकी थी। मैं जीजा से मिलने वहां गया था। बस रवाना हुई तो मैंने उन्हें सलाम कहा। इसके ठीक पांच मिनट बाद बस के नदी में गिरने की सूचना आ गई। मैं मौके पर पहुंचा तो वहां किसी के चिल्लाने, रोने की आवाज नहीं आई। मैं समझ गया, शायद ही कोई बचा हो। खून से नदी का पानी लाल हो गया था।

मौसी 8 दिन पहले ही बेटी के यहां इंदौर आई थीं, लौटते वक्त हादसा…

संदीप पाटील ने बताया कि मृतक कल्पना उनकी मौसी लगती थीं। वे बेटावद की रहने वाली थीं। 8 दिन पहले ही बेटी के यहां इंदौर आई थीं। सुबह बेटावद जाने के लिए बस में सवार हुई थीं। हमें सुबह कॉल आया और हादसे की सूचना मिली।

बस को नदी से ऊपर खींचते हुए।

बस को नदी से ऊपर खींचते हुए।

खुशनसीब… बेटी के कारण दंपती और तीन बच्चों की बची जान
बस स्टैंड कर्मचारी हरिओम ने बताया कि एक आदमी पत्नी, 17 साल की बेटी, दो बच्चों के साथ शिरपुर जाने को बस में चढ़ रहा था। तभी बेटी ने टॉयलेट जाने को कहा। पिता उसे कॉम्प्लेक्स ले गए, जब लौटे तो बस जा चुकी थी।

चश्मदीद… पानी का रंग लाल हो गया था
खलघाट के ही रहने वाले सुभाष वर्मा ने बताया- मैं नर्मदा में मछली पकड़ने का काम करता हूं। जैसे ही हादसे का पता चला तो हम चार लोग नदी में उतरे। पानी में खून ही खून नजर आ रहा था। एक व्यक्ति हिलता दिखा तो बस की खिड़की का पाइप तोड़ उसे बाहर निकाला। एक-दो मिनट तक उसकी सांसें चलती रहीं, फिर उसने दम तोड़ दिया। एक महिला का पैर हिलता दिखा तो लगा वह जिंदा है, लेकिन मौत हो चुकी थी।

खलघाट बस हादसे को लेकर हेल्पलाइन नंबर जारी
संभागायुक्त डॉ. शर्मा के निर्देश पर धार प्रशासन ने घटना के संबंध में सहायता और आवश्यक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। हेल्पलाइन नंबर में एसडीएम नवजीवन विजय पवार 93293-01390, नायब तहसीलदार केश्या सोलंकी 70004-02972 और सीएचसी धामनोद 98265-52527 शामिल हैं।

संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने बताया कि बस जब इंदौर सरवटे बस स्टैंड से चली थी, तब उसमें 12 सवारी और ड्राइवर समेत 13 लोग इंदौर से महाराष्ट्र के लिए रवाना हुए थे। संभावना है कि रास्ते में कंडक्टर एवं अन्य यात्री बस में चढ़े या उतरे हों। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू मिशन के दौरान अभी तक 12 शव मिल चुके हैं। स्थानीय लोगों एवं परिजनों की सहायता से तथा आईडी कार्ड की मदद से शवों की पहचान की जा रही है।

मृतकों की सूची

नर्मदा नदी में सर्च जारी

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा – सभी मृतकों की पार्थिव देह उनके परिजन के सुपुर्द कर दी गई है। सरवटे बस स्टैंड इंदौर से ड्राइवर-कंडक्टर सहित 12 लोगों के सवार होने की पुष्टि हुई है। सात महाराष्ट्र के लोग थे। चार राजस्थान के लोग थे। एक इंदौर के थे। हमारी एनडीआरएफ की टीम भोपाल से गई है। अभी लगातार सर्च जारी है। मोटरसाइकिल वालों को बचाने के कारण बस बहकी और नदी में चली गई।

परिजनों को 16 लाख रुपए की सहायता राशि
कृषि मंत्री एवं खरगोन के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने बताया कि ड्राइवर, कंडक्टर समेत 12 मृतकों के शव निकाले जा चुके हैं। मृतकों की पहचान में 7 लोग महाराष्ट्र, 4 लोग राजस्थान और 1 यात्री मध्यप्रदेश का है। मंत्री पटेल ने बताया कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 16 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी, जिसमें महाराष्ट्र सरकार के 10 लाख, मोदी सरकार के दो लाख और मध्यप्रदेश सरकार के चार- चार लाख रुपए शामिल है।

मौके पर पहुंचे महाराष्ट्र के सिरपुर एसडीएम और तहसीलदार का कहना था कि हादसे की सूचना के बाद यहां पहुंचे हैं। सभी पार्थिव देह को महाराष्ट्र लेकर जाया जा रहा है। वहीं, एएसआई सुशील रघुवंशी ने बताया कि पीएम के बाद शव परिजनों को सौंपे गए।

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