अनंतनाग के शहीदों का अंतिम संस्कार: कर्नल मनप्रीत को 7 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी; मेजर आशीष की बहन पूरे रास्ते सैल्यूट करती रहीं

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चंडीगढ़/पानीपत2 घंटे पहले

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अनंतनाग मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों की अंतिम यात्रा में शामिल उनके परिजन। - Dainik Bhaskar

अनंतनाग मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों की अंतिम यात्रा में शामिल उनके परिजन।

कश्मीर के अनंतनाग में 13 सितंबर को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए न्यू चंडीगढ़ के कर्नल मनप्रीत सिंह और पानीपत के मेजर आशीष धौंचक का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ हुआ। कर्नल मनप्रीत को उनके बेटे ने और मेजर आशीष को उनके चचेरे भाई ने मुखाग्नि दी। दोनों शहीदों की अंतिम यात्रा में बड़ी तादाद में लोग शामिल हुए।

इनके साथ शहीद हुए कश्मीर पुलिस के शहीद DSP हुमांयू भट को बुधवार 13 सितंबर की रात को उनके पैतृक गांव बडगाम में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया था।

हालांकि, अनंतनाग में इन जवानों के कातिल आतंकी अभी तक छिपे हुए हैं, गडूल कोकेरनाग में चौथे दिन शुक्रवार को भी आतंकियों से मुठभेड़ जारी है। पढ़ें पूरी खबर…

शहीद कर्नल मनप्रीत को बेटे ने मुखाग्नि दी, पत्नी ताबूत पर सिर रखे रोती रही

कर्नल मनप्रीत सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव भड़ौजियां में हुआ। यहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें विदाई दी गई। 7 साल के बेटे कबीर ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। वह सैनिक की वर्दी पहने था। आखिरी बार अपने पिता से उसने बस इतना ही कहा- पापा जय हिंद। कर्नल मनप्रीत की पत्नी उनके ताबूत पर सिर रखे रोती रहीं। पढ़ें पूरी खबर…

मेजर भाई ने शहीद मेजर आशीष को मुखाग्नि दी; अंतिम यात्रा में हाथ जोड़े रहीं मां

शहीद मेजर आशीष धौंचक (36) का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बिंझौल में हुआ। उन्हें चचेरे भाई मेजर विकास ने मुखाग्नि दी। इससे पहले सिख रेजीमेंट के जवानों ने उन्हें गन सैल्यूट दिया। शहीद मेजर की एक किलोमीटर लंबी अंतिम यात्रा में करीब 10 हजार लोग शामिल हुए। मां पूरे रास्ते हाथ जोड़े रहीं, जबकि बहन भाई को सैल्यूट करती रही। पढ़ें पूरी खबर…

मेजर आशीष की मां ने उठाए सवाल- सरकार उसे बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं दे सकी

शहीद मेजर आशीष की मां कमला ने अंतिम संस्कार के बाद सरकार को जमकर कोसा। आशीष की मां का एक न्यूज चैनल को दिया इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें वे कहते हुए नजर आ रही हैं कि अगर सरकार बुलेट प्रूफ जैकेट खरीद कर देती तो सारे बच जाते। सरकार क्या कर रही है? सरकार, सीने से लेकर घुटनों तक की बुलेट प्रूफ जैकेट क्यों नहीं देती है।पढ़ें पूरी खबर…

जवान लेने पहुंचे तो कहा था- आतंकियों को मार कर ही जाऊंगा, 10 घंटे तक खून बहा जिससे शहीद हुए

पानीपत के मेजर आशीष धौंचक अनंतनाग में टीम के साथ मिशन पर थे। घने जंगलों के बीच आंतकियों से मुठभेड़ चल रही थी। इसी बीच उनकी जांघ में गोली लग गई। आर्मी की मेडिकल टीम आई और उन्हें इलाज के लिए ले जाना चाहा। लेकिन वे घायल हालत में ही आतंकियों से लड़ते रहे। करीब 10 घंटे तक उनके पैर से खून बहता रहा। जिससे उनकी हालत नाजुक हो गई वे शहीद हो गए। पढ़ें पूरी खबर…

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