Train driver unions claim – goods train driver was not at fault

  • दुर्घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने इस टक्कर के लिए मालगाड़ी के चालक को ठहराया था जिम्मेदार
  • चालक संघों ने कहा, उनके पास मालगाड़ी के चालक की बेगुनाही साबित करने के लिए नये दस्तावेज हैं

NEW DELHI. कंचनजंगा एक्सप्रेस से मालगाड़ी के टकराने की हालिया घटना के सिलसिले में रेलवे के चालक संघों ने दावा किया है कि उनके पास मालगाड़ी के चालक की बेगुनाही साबित करने के लिए नए दस्तावेज हैं.  दुर्घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने इस टक्कर के लिए मालगाड़ी के चालक को जिम्मेदार ठहराया था. 17जून को न्यू जलपाईगुड़ी के पास हुए हादसे में मालगाड़ी के चालक सहित 10 लोगों की मौत हो गई थी और 40 अन्य घायल हुए.

चालक संघों ने अपने दावे के समर्थन में मालगाड़ी चालक को रानीपतरा स्टेशन परिसर के बाद दो खराब सिग्नल को पार करने के लिए जारी किए गए आधिकारिक पत्र टी/369 (3बी) का जिक्र किया जिसमें गति की सीमा 15 किलोमीटर प्रति घंटे रखने का उल्लेख था, जबकि दूसरे पत्र – टी/ए 912 में, गति को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं था. कर्मचारी संघों ने कहा है कि हादसे में मालगाड़ी के चालक की भी मौत हो गई है और उसका पक्ष हमें पता नहीं है ऐसे में उसे दोषी ठहराना रेलवे की कमियों के लिए उसे ‘‘बलि का बकरा’’ बनाने के समान है.

भारतीय रेलवे लोको रनिंगमैन संगठन (आईआरएलआरओ) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने शुक्रवार को कहा कि सुबह 5.50 बजे के बाद रानीपतरा स्टेशन से गुजरने वाले सभी सात ट्रेन चालकों को नौ खराब सिग्नलों को पार करने के लिए टी/ए 912 जारी किया गया था और इसमें किसी गति सीमा का उल्लेख नहीं है.

उन्होंने कहा कि रानीपतरा स्टेशन परिसर से निकलने के तुरंत बाद दो सिग्नलों को पार करने के लिए अलग से टी/369 (3बी) जारी किया गया था, जिसमें गति सीमा 15 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई थी. पांधी ने तर्क दिया कि टी/369 (3बी) पत्र तथा कई खराब सिग्नल में ड्राइविंग के मौजूदा नियम यह साबित करते हैं कि मालगाड़ी चालक सभी दोषपूर्ण सिग्नलों को सामान्य गति से पार कर रहा था.

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