- Hindi News
- National
- Tata Had Called Radia Tape Leak A Violation Of Privacy, Bench Sat Again After A Break Of 8 Years
नई दिल्ली5 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
राइट टु प्राइवेसी को लेकर रतन टाटा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचू़ड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच मामले की सुनवाई करेगी।
2011 में टाटा ने दाखिल की थी याचिका
नीरा राडिया टेप लीक होने के बाद रतन टाटा ने 2011 में निजता के हनन को मुद्दा बनाकर याचिका दाखिल की थी। टाटा की ओर से दलील दी गई थी कि उनके फोन कॉल को बाहर लीक किया जा रहा है, जो आर्टिकल 21(2) के खिलाफ है। इस याचिका पर अंतिम सुनवाई 2014 में हुई थी।
आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट भी मांगी थी
इस मामले में सुनवाई के दौरान टाटा की ओर से कॉर्पोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया की टेप में रिकॉर्ड बातचीत की रपट मुहैया कराने की मांग की गई थी। 2011 में एक सुनवाई के दौरान टाटा के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा था कि टेप पर रिकॉर्ड बातचीत की आयकर विभाग के महानिदेशक ने जो जांच रिपोर्ट बनाई है, उसे सौंपा जाए। ताकि वह इस मामले में टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं पर कानूनी कार्रवाई कर सकें।
नीरा राडिया टेप केस क्या है
कॉर्पोरेट दलाल नीरा राडिया की कंपनी टाटा समूह और मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के लिए जनसंपर्क का काम किया करती थी। 2010 में नीरा राडिया की विभिन्न उद्योगपतियों, राजनीतिज्ञों, अधिकारियों और पत्रकारों से फोन पर हुई बातचीत के करीब 800 टेप्स मीडिया में प्रकाशित हुए थे।
इस बातचीत के बाद से ही 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में नीरा राडिया की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे। इन टेप्स में देश के बड़े उद्योगपति रतन टाटा से फोन पर की गई बातचीत भी शामिल है।