SC में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की याचिका पर सुनवाई: PM मोदी पर टिप्पणी का मामला; इलाहाबाद हाईकोर्ट क्रिमिनल केस रद्द करने से इनकार कर चुका

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नई दिल्लीएक घंटा पहले

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तस्वीर 23 फरवरी की है, जब दिल्ली से रायपुर जाते समय असम पुलिस ने उन्हाेंने हवाई जहाज से उतारकर अरेस्ट किया था। - Dainik Bhaskar

तस्वीर 23 फरवरी की है, जब दिल्ली से रायपुर जाते समय असम पुलिस ने उन्हाेंने हवाई जहाज से उतारकर अरेस्ट किया था।

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 16 अक्टूबर को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की याचिका पर सुनवाई होगी। यह याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर की गई थी, जिसमें उन पर दर्ज क्रिमिनल केस को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।

पवन खेड़ा ने 17 फरवरी को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद उनके खिलाफ असम और यूपी में 3 FIR दर्ज की गई थीं। सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच करेगी।

मामला 13 अक्टूबर को भी लिस्टेड था, लेकिन खेड़ा के वकील ने कुछ डॉक्यूमेंट्स पेश करने के लिए समय मांगा था। इसके बाद सुनवाई को 16 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।

बिना शर्त माफी मांग चुके हैं खेड़ा
17 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खेड़ा की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मामले के जांच अधिकारी ने जो सबूत पेश किए है, उनका मूल्यांकन मामले को रद्द करने के लिए CrPC की धारा 482 के तहत दायर याचिका में नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ के समक्ष सभी शिकायतें उठाने के लिए कहा है इसलिए वे अपनी सभी शिकायतें मजिस्ट्रेट कोर्ट में उठाएं।

20 मार्च को, सुप्रीम कोर्ट ने असम और उत्तर प्रदेश में दर्ज तीन FIR को क्लब कर दिया और उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाते हुए मामले को लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया था। इस मामले में लखनऊ कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। PM पर टिप्पणी के लिए खेड़ा अदालत में बिना शर्त माफी मांग चुके हैं।

बयान.. FIR.. गिरफ्तारी.. बवाल और सुप्रीम कोर्ट में गुहार… पढ़ें पूरा घटनाक्रम

  • विवादित बयान: 20 फरवरी को दिल्ली में हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कहा था, ‘जब अटल बिहारी वाजपेयी JPC बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतमदास मोदी को क्या समस्या है।’ नाम भले ही दामोदर दास है। उनका काम गौतमदास का है। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी प्रधानमंत्री के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था।
  • 3 जगह FIR: इस बयान के बाद पवन खेड़ा पर असम के दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग में कम्युनल डिस्टर्बेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर केस दर्ज किया गया। यूपी के वाराणसी और लखनऊ में FIR दर्ज की गई थी। लखनऊ में हजरतगंज थाने में BJP के MLC मुकेश शर्मा ने FIR दर्ज की थी।
  • रायपुर जाने से पहले गिरफ्तारी: 23 फरवरी को पवन खेड़ा पार्टी अधिवेशन में दिल्ली से रायपुर जाने के दौरान असम पुलिस ने खेड़ा को फ्लाइट से उतारकर गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेताओं ने 2 घंटे तक एयरपोर्ट पर ही धरना दिया था।
  • सुप्रीम कोर्ट में याचिका: अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को राहत देते हुए 28 फरवरी तक अंतरिम जमानत और तीनों FIR को एक जगह क्लब करने का आदेश दिया था। 30 हजार के बॉन्ड भी भरवाया गया था।
  • खेड़ा को CJI की नसीहत: CJI ने कहा था- हमने आपको प्रोटेक्शन (गिरफ्तारी से) दिया है, लेकिन बयानबाजी का भी कुछ स्तर होना चाहिए। इस पर खेड़ा के वकील सिंघवी ने कहा- हम भी इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करते।
  • जमानत के बाद बयान: पवन खेड़ा ने कहा, ‘असम पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से मुझे अरेस्ट किया। गिरफ्तारी को लेकर न ही मुझे पहले से कोई सूचना दी गई और न ही कोई नोटिस मिला। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, जिसने आज मेरी फ्रीडम ऑफ स्पीच की रक्षा की। मामला कोर्ट में है, इसलिए कोई टिप्पणी नहीं करुंगा।’

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- हमने आपको प्रोटेक्शन दिया, बयान संभल कर दें

कोर्ट ने खेड़ा को राहत के साथ चेतावनी भी दी। CJI ने कहा- हमने आपको प्रोटेक्शन (गिरफ्तारी से) दिया है, लेकिन बयानबाजी का भी कुछ स्तर होना चाहिए। इस पर खेड़ा के वकील सिंघवी ने कहा- हम भी इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करते। इधर, पार्टी नेता जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा- ‘टाइगर जिंदा है’। पढ़ें पूरी खबर…

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