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झारखंड में बड़े सियासी तूफान का खतरा मंडराता जा रहा है। सीएम हेमंत सोरेन की विधायिकी पर संकट के बीच अब उनके भाई बसंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता भी खतरे में बताई जा रही है। चुनाव आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस का बसंत सोरेन के बारे में भी रिपोर्ट भेज दी है।
बसंत सोरेन दुमका से झामुमो के विधायक हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने उनके खिलाफ आई शिकायत पर सुनवाई पूरी कर अपनी रिपोर्ट राज्यपाल बैस को सौंप दी है। इसे इतना गोपनीय रखा गया है कि मुहरबंद करने के साथ ही आयोग ने एक विशेष दूत के जरिए इसे रांची भेजा।
हालांकि, चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि झारखंड की एक खनन कंपनी में बसंत सोरेन के साझेदार होने की शिकायत के बारे में सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए चुनाव आयोग ने बसंत सोरेन में ठोस निर्णय नहीं लिया है। बसंत सोरेन की तरह ही सीएम हेमंत सोरेन का मामला भी राज्यपाल के विचाराधीन है। आयोग उनके बारे में भी रिपोर्ट राज्यपाल को भेज चुका है। लंबे समय से यह रिपोर्ट राज्यपाल के पास लंबित है। इस बीच सीएम सोरेन ने विधानसभा में विश्वास मत अर्जित कर अपनी ताकत दिखाई है।
बसंत सोरेन पर खनन फर्म में साझेदार होने का आरोप
भाजपा ने बसंत सोरेन पर आरोप लगाया है कि वह एक खनन फर्म और ग्रैंड माइनिंग कंपनी में साझेदार हैं। इस कंपनी पर सरकार के आठ करोड़ रुपये बकाया हैं। भाजपा ने राज्यपाल से यह शिकायत करते हुए चुनाव आयोग की राय लेकर बसंत सोरेने को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। राज्यपाल ने यह शिकायत आयोग को भेजी थी, आयोग ने बसंत सोरेन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था।
इसके बाद आयोग ने 29 अगस्त को मामले की सुनवाई की थी। बसंत के अधिवक्ता ने आयोग से कहा था कि यह राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। जबकि भाजपा के अधिवक्ता ने बताया कि बसंत जिस खनन कंपनी से जुड़े हैं, वह झारखंड में खनन करती है। इसलिए यह संविधान के अनुच्छेद 191 (1) के तहत राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आता है।
सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को झामुमो विधायक और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन की अयोग्यता के संबंध में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत अपनी राय भेज दी है। अब राज्यपाल को इस पर निर्णय लेना है।
ECI sent its opinion to Jharkhand Governor Ramesh Bais on JMM MLA & Jharkhand CM Hemant Soren’s brother, Basant Soren (regarding his disqualification) under 9A of Representation of People Act, 1951. Now Governor will have to take a call on the opinion of ECI: Sources
(File pic) pic.twitter.com/zUJyqI1BB3
— ANI (@ANI) September 10, 2022