Jharkhand: सीएम सोरेन के भविष्य पर फैसला कल! राज्यपाल चुनाव आयोग को भेज सकते हैं सिफारिश

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भविष्य पर फैसला कल यानी शनिवार को आ सकता है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल सोरेन की विधायकी पर अपनी सिफारिश चुनाव आयोग को कल ही भेजेंगे। इससे पहले शाम के एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया जाता रहा कि सोरेन को चुनाव आयोग ने विधायक पद से अयोग्य ठहरा दिया है। हालांकि, उनके चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई गई है।

क्या हैं सीएम सोरेन पर आरोप?
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने इस साल फरवरी में दावा किया था कि सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग किया और खुद को खनन पट्टा आवंटित किया, यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें हितों के टकराव और भ्रष्टाचार दोनों शामिल हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। विवाद का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने मई में सोरेन को एक नोटिस भेजकर खनन पट्टे पर उनका पक्ष मांगा था। 

राज्यपाल रमेश बैस लेंगे आखिरी फैसला
बताया जा रहा है कि राज्यपाल रमेश बैस राज्य में तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य ठहराने के निर्वाचन आयोग के विचार पर फैसला ले सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने 26 अगस्त को बैस को अपनी राय भेजी थी। यह राय उस याचिका के संबंध में थी, जिसमें सोरेन को एक खनन पट्टे की लीज का विस्तार कर चुनावी मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी।

क्या कहता है नियम?
मामल की शिकायत पहले राज्यपाल से की गई। फिर यहां से चुनाव आयोग की राय मांगी गई। दरअसल, संविधान के अनुच्छेद-192 में कहा गया है कि अगर किसी विधायक को अयोग्य ठहराए जाने के संबंध में कोई प्रश्न उठता है तो इसे राज्यपाल के निर्णय के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल कोई भी फैसला लेने से पहले चुनाव आयोग की राय लेंगे। आयोग की राय के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ऐसी है विधानसभा की स्थिति
झारखंड की विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं। इसमें सोरेन के साथ 49 विधायक हैं। इनमें से 30 विधायक झामुमो, 18 कांग्रेस और एक विधायक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से है। विपक्षी दल भाजपा के पास सदन में 26 विधायक है। सत्तारूढ़ गठबंधन का दावा है कि सरकार पर कोई खतरा नहीं है।

विस्तार

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भविष्य पर फैसला कल यानी शनिवार को आ सकता है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल सोरेन की विधायकी पर अपनी सिफारिश चुनाव आयोग को कल ही भेजेंगे। इससे पहले शाम के एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया जाता रहा कि सोरेन को चुनाव आयोग ने विधायक पद से अयोग्य ठहरा दिया है। हालांकि, उनके चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई गई है।

क्या हैं सीएम सोरेन पर आरोप?

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने इस साल फरवरी में दावा किया था कि सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग किया और खुद को खनन पट्टा आवंटित किया, यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें हितों के टकराव और भ्रष्टाचार दोनों शामिल हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। विवाद का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने मई में सोरेन को एक नोटिस भेजकर खनन पट्टे पर उनका पक्ष मांगा था। 

राज्यपाल रमेश बैस लेंगे आखिरी फैसला

बताया जा रहा है कि राज्यपाल रमेश बैस राज्य में तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य ठहराने के निर्वाचन आयोग के विचार पर फैसला ले सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने 26 अगस्त को बैस को अपनी राय भेजी थी। यह राय उस याचिका के संबंध में थी, जिसमें सोरेन को एक खनन पट्टे की लीज का विस्तार कर चुनावी मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी।

क्या कहता है नियम?

मामल की शिकायत पहले राज्यपाल से की गई। फिर यहां से चुनाव आयोग की राय मांगी गई। दरअसल, संविधान के अनुच्छेद-192 में कहा गया है कि अगर किसी विधायक को अयोग्य ठहराए जाने के संबंध में कोई प्रश्न उठता है तो इसे राज्यपाल के निर्णय के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल कोई भी फैसला लेने से पहले चुनाव आयोग की राय लेंगे। आयोग की राय के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ऐसी है विधानसभा की स्थिति

झारखंड की विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं। इसमें सोरेन के साथ 49 विधायक हैं। इनमें से 30 विधायक झामुमो, 18 कांग्रेस और एक विधायक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से है। विपक्षी दल भाजपा के पास सदन में 26 विधायक है। सत्तारूढ़ गठबंधन का दावा है कि सरकार पर कोई खतरा नहीं है।