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दुमका मामले में एनसीडब्ल्यू की दो सदस्यीय तथ्य-खोज टीम ने अपनी सिफारिशें दीं, जिसमें 12 वीं कक्षा की एक लड़की को आग लगा दी गई थी। एनसीडब्ल्यू का कहना है कि आरोपी को बचाने के लिए पीड़िता की उम्र में गड़बड़ी के संबंध में पुलिस के खिलाफ आरोप झूठा पाया गया।
दुमका मामले पर एनसीडब्ल्यू की दो सदस्यीय टीम ने बताया कि झारखंड सरकार कानूनी सहारा लेने के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए कदम उठा सकती है और भविष्य में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचने के लिए पुलिस से संपर्क कर सकती है।