COP28 में शामिल होने दुबई पहुंचे PM मोदी: आज वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट को संबोधित करेंगे; क्लाइमेट फाइनेंस पर होगी चर्चा

2 मिनट पहले

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COP28 क्लाइमेट समिट में शामिल होने प्रधानमंत्री मोदी दुबई पहुंच गए हैं। वो आज वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट को संबोधित करेंगे। इसके अलावा 3 अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि PM मोदी UAE के साथ ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम से जुड़े एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।

इसके बाद स्वीडन के साथ एनर्जी ट्रांजिशन ग्रुप LeadIT 2.0 के लॉन्च करेंगे। मोदी ट्रांसफॉर्मिंग क्लाइमेट फाइनैंस इंवेट में भी शामिल होंगे। क्वात्रा ने कहा- PM मोदी वर्ल्ल लीडर्स के साथ मुलाकात करेंगे और कुछ नेताओें के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।

वहीं, समिट में क्लाइमेट फाइनेंस यानी क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए आर्थिक मदद देने पर भी चर्चा होगी। दरअसल, पिछले साल मिस्र में हुई COP27 समिट में 200 देशों ने एक समझौता किया था। इसमें क्लाइमेट चेंज के लिए जिम्मेदार अमीर देशों को गरीब और विकासशील देशों को दिया जाने वाला फंड बनाने के लिए कहा गया था।

बैठक का एजेंडा- कार्बन एमिशन कम करना
COP28 क्लाइमेट समिट 12 दिसंबर तक चलेगी। इसमें PM मोदी के अलावा किंग चार्ल्स, ऋषि सुनक, कमल हैरिस समेत दुनियाभर के 167 नेता क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) और इसके समाधान के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। पिछले कुछ सालों में क्लाइमेट चेंज पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। इस बैठक का फोकस फॉसिल फ्यूल और कार्बन एमिशन (उत्सर्जन) पर लगाम लगाना है।

तीसरी बार क्लाइमेट समिट का हिस्सा बने PM मोदी
PM मोदी तीसरी बार जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इससे पहले PM मोदी ने 2021 में ग्लासगो में हुए COP26 सम्मेलन में हिस्सा लिया था। तब उन्होंने क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए पंचामृत नीति और मिशन लाइफस्टाइल फॉर एन्वायर्नमेंट (LiFE) की घोषणा की थी।

PM मोदी 2015 में पेरिस में हुई COP21 में भी शामिल हुए थे। इस दौरान 190 से ज्यादा देशों ने पेरिस समझौते पर सहमति जताई थी। इस समझौते के तहत बढ़ते ग्लोबल टेम्प्रेचर को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की बात हुई थी। इसका मकसद ग्लोबल वॉर्मिंग कम करना था।

अब COP28 में तय किया जाएगा कि किस देश को कितना मुआवजा औऱ किस आधार पर मिलेगा। कौन-कौन से देश मुआवजा देंगे, इसका फैसला भी होगा।

COP28 में 8 साल पहले हुए पेरिस समझौते का पहला रिव्यू भी होगा।

COP28 में 8 साल पहले हुए पेरिस समझौते का पहला रिव्यू भी होगा।

PM मोदी का छठा UAE दौरा
PM बनने के बाद मोदी का ये छठा UAE दौरा है। पहले कार्यकाल में वो अगस्त 2015 में यहां आए थे। उन्होंने 2018 और 2019 में भी UAE का दौरा किया था। 2019 में UAE सरकार ने मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जाएद’ से नवाजा था। इसके बाद मोदी जून 2022 और जुलाई 2023 में दुबई गए थे।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी इस सम्मान से नवाजा जा चुका है। UAE में करीब 33 लाख भारतीय रहते हैं। यह देश की कुल जनसंख्या का 30% है और भारतीयों की तादाद यहां किसी भी दूसरे देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। वहीं, रूस, सऊदी अरब और इराक के बाद UAE भारत का चौथा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है।

जुलाई 2023 में UAE के राष्ट्रपति जायद अल नाहयान ने PM मोदी को फ्रेंडशिप बैंड बांधा था।

जुलाई 2023 में UAE के राष्ट्रपति जायद अल नाहयान ने PM मोदी को फ्रेंडशिप बैंड बांधा था।

एक नजर भारत-UAE के रिश्तों पर
भारत के खिलाफ कश्मीर पर बोलने से बचता है UAE

UAE उन अरब देशों में से एक है जो पाकिस्तान के नजदीकी हैं। उनकी दोस्ती का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को UAE ने भंडार बढ़ाने के लिए 1 अरब अमेरिकी डॉलर की मदद की है। यह पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी UAE पाकिस्तान को कर्ज देकर मदद कर चुका है।

हालांकि पाकिस्तान से अच्छे संबंध होने के बावजूद UAE कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ कोई भी बयान देने से बचता है।

2019 में जब भारत ने कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म किया तो UAE ने इसे भारत का आंतरिक मसला बताया था, जबकि पाकिस्तान भारत के इस एक्शन पर अरब देशों से कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहा था।

UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार है। इसमें UAE ने भारत से 2 लाख करोड़ रुपए का इम्पोर्ट किया है।

भारत का UAE के साथ वित्तीय घाटा है। यानी भारत UAE से आयात ज्यादा करता है और निर्यात कम। भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में UAE से 4 लाख करोड़ रुपए का इंपोर्ट किया है। भारत ने UAE के साथ एक ट्रेड पैक्ट पर भी साइन किया था।

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दुबई में 12 दिसंबर तक चलने वाली COP28 समिट शुरू हो गई है। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा- ग्लोबल वॉर्मिंग कम करने के लिए कोयले और अन्य फॉसिल फ्यूल (जीवाश्म ईंधन) पर निर्भरता कम करनी होगी और धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल पूरी तरह बंद करना होगा। क्योंकि इससे कार्बन उत्सर्जन (एमिशन) बहुत ज्यादा हो रहा है। यही वजह है कि वैश्विक तापमान लगातार बढ़ रहा है। पढ़ें पूरी खबर…

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