नई दिल्ली21 मिनट पहले
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डीवाई चंद्रचूड़ भारत के 50वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया हैं। सुप्रीम कोर्ट कैंपस में म्यूजियम के उद्घाटन के दौरान उन्होंने AI वकील से बात की।
2 दिन बाद रिटायर होने वाले 50वें CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाए गए वकील से सवाल किया, जिसका जवाब वकील ने उसी एक्सप्रेशन से दिया, जैसा कोर्ट में वकील CJI को देते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में नेशनल ज्यूडिशियल म्यूजियम एंड आर्काइव के उद्घाटन के दौरान CJI ने AI वकील से पूछा- क्या भारत में मौत की सजा संवैधानिक है?
इसके जवाब में वकील की ड्रेस में खड़े AI वकील ने पहले दोनों हाथों को बाहों पर रखा, फिर अंगुलियां चलाईं, जैसे सोच कर जवाब देगा। इसके बाद AI मॉडल ने दोनों हाथ खोलकर जिरह करने के अंदाज में जवाब दिया-
हां, भारत में मृत्युदंड संवैधानिक है। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्धारित बहुत कम मामलों के लिए रिजर्व है। जघन्य अपराध के मामलों में ऐसी सजा का प्रावधान है।
एआई वकील से ऐसा सटीक जवाब सुनकर CJI चंद्रचूड़ ने वहां उपस्थित अन्य जजों की ओर देखा और मुस्कुरा दिए। CJI और AI वकील के सवाल जवाब का वीडियो भी सामने आया है।
उद्घाटन कार्यक्रम में CJI के साथ जस्टिस संजीव खन्ना भी मौजूद थे। वे 51वें CJI की शपथ 11 नवंबर को लेंगे।
CJI बोले- लोगों को कोर्ट रूम का लाइव एक्सपीरिएंस का पता चले
- CJI ने नेशनल ज्यूडिशियल म्यूजियम और आर्काइव का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस नए म्यूजियम में की चीजें सुप्रीम कोर्ट के कैरेक्टर उसके महत्व बताती हैं। मैं चाहता हूं कि यह म्यूजियम युवा पीढ़ी के लिए एक ऐसा स्थान बने, जहां लगातार संवाद होता हो।
- स्कूलों-कालेजों के बच्चे और आम लोग, जो जरूरी नहीं कि वकील ही हों, यहां आएं और उस हवा में सांस लें जिसमें हम रोज लेते हैं। इससे आम लोगों को कानून, जजों और वकीलों के कामों का लाइव एक्सपरियेंस और महत्व पता चलेगा। मुझे उम्मीद है कि मेरे रिटारयरमेंट के बाद आने वाले जज युवा पीढ़ी के लिए भी म्यूजियम खोलेंगे।
- यह म्यूजियम जज-सेंट्रिक नहीं है। इसमें वो चीजें हैं जिन्हें हमने संविधान सभा में रखा देखा गया था। इसमें संविधान का निर्माण करने वाले लोगों से जुड़ी चीजें भी रखी गई हैं। म्यूजियम में बार के सदस्यों से जुड़ी चीजें भी हैं। बार के सदस्यों ने ही अपनी निडर वकालत से कोर्ट को आज जैसा बनाया है।
म्यूजियम उद्घाटन समारोह का बार एसोसिएशन ने बहिष्कार किया
सुप्रीम कोर्ट कैंपस में पुरानी जज लाइब्रेरी को नए म्यूजियम में बदला गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की एक्जीक्यूटिव कमेटी ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया।
एसोसिएशन ने पहले एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें पुरानी जज लाइब्रेरी को म्यूजियम बनाने का विरोध किया गया था और उस जगह पर नए कैफेटेरिया बनाने की मांग की थी। एसोसिएशन का कहना था कि मौजूदा कैफेटेरिया वकीलों की जरूरत के हिसाब से पर्याप्त नहीं है।
चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का पूरा नाम जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है। उनके पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे। जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक यानी करीब 7 साल रहा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पिता के 2 बड़े फैसलों को SC में पलट भी चुके हैं। वे बेबाक फैसलों के लिए चर्चित हैं।
CJI चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो जाएंगे। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश का 50वां चीफ जस्टिस (CJI) नियुक्त किया था। उन्होंने 9 नवंबर 2022 को चीफ जस्टिस पद की शपथ ली थी।
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11 नवंबर को जस्टिस संजीव खन्ना अगले CJI पद की शपथ लेंगे। 6 महीने के लिए कार्यकाल रहेगा
जस्टिस संजीव खन्ना ने करीब 117 फैसले लिखे हैं। वे अब तक 456 बेंचों का हिस्सा रहे हैं। सोर्स- सुप्रीम कोर्ट ऑब्जर्वर
जस्टिस संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के 51वें चीफ जस्टिस होंगे। वे 11 नवंबर को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। CJI चंद्रचूड़ के बाद वरिष्ठता सूची में जस्टिस संजीव खन्ना का नाम है। इसलिए जस्टिस खन्ना का नाम आगे बढ़ाया था। हालांकि, उनका कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा। पूरी खबर पढ़े…
सुप्रीम कोर्ट में ‘न्याय की देवी’ की नई मूर्ति: आंख से पट्टी हटी, हाथ में तलवार की जगह संविधान की किताब
नई मूर्ति सुप्रीम कोर्ट के जजों की लाइब्रेरी में लगाई गई ।
सुप्रीम कोर्ट में ‘लेडी ऑफ जस्टिस’ यानी न्याय की देवी की नई मूर्ति लगाई गई। इस मूर्ति की आंखों से पट्टी हटा दी गई है, जो अब तक कानून के अंधे होने का संकेत देती थी। वहीं, उसके हाथ में तलवार की जगह संविधान की किताब दी गई है। यह मूर्ति सुप्रीम कोर्ट के जजों की लाइब्रेरी में लगाई गई है। पूरी खबर पढ़े…