कांग्रेस सांसद का शाह को लेटर: लिखा- केंद्र के लिए मणिपुर के लोग मायने नहीं रखते; गुजरात में ऐसा होता तो आपको दुख होता

इंफाल12 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

मणिपुर में हिंसा के बीच इनर मणिपुर सीट से कांग्रेस सांसद ए बिमोल अकोइजाम ने 10 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिखा। उन्होंने पूछा कि अगर इस तरह का हिंसक संकट देश के मुख्य राज्यों जैसे यूपी, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र में होता, तब भी क्या केंद्र सरकार इसे जारी रहने देती।

अकोइजाम ने कहा, ‘मणिपुर की मौजूदा स्थिति 1947 में भारत के विभाजन की याद दिलाती है। यह 2021 से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस ​​के रूप में मनाने के सरकार के हालिया प्रयासों को देखते हुए विशेष रूप से दर्दनाक है।’

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘मुझे बहुत अफसोस है कि केंद्र के लिए मणिपुर में लोगों का जीवन कोई मायने नहीं रखता। अगर ऐसा कुछ आपके अपने गृह राज्य गुजरात में होता तो आपको बहुत दुख होता, जैसा कि किसी भी अन्य गुजराती को महसूस होता।’

इंफाल में हिंसा के खिलाफ 10 सितंबर को छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। पुलिस ने उनपर आंसू गैस के गोले दागे।

इंफाल में हिंसा के खिलाफ 10 सितंबर को छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। पुलिस ने उनपर आंसू गैस के गोले दागे।

मणिपुर में 15 सितंबर तक इंटरनेट बैन, दो दिन कॉलेज बंद मणिपुर में 3 मई 2023 से कुकी-मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष जारी है। इस महीने 1 सितंबर से कई ड्रोन और रॉकेट हमलों के कारण हिंसा और बढ़ गई हैं। सरकार ने राज्य में 15 सितंबर तक इंटरनेट बैन कर दिया गया है।

11 और 12 सितंबर को कॉलेज बंद हैं। इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट सहित तीन जिलों में कर्फ्यू लगा है। केंद्र ने मंगलवार (10 सितंबर) को मणिपुर में 2,000 और CRPF जवान भेजने का फैसला किया है।

1 सितंबर से तीन ड्रोन हमले, अब तक 8 की मौत मणिपुर में 1 सितंबर से 7 सितंबर तक, एक हफ्ते के बीच हिंसा की चार घटनाएं हुईं। इनमें 8 लोगों की मौत और 12 घायल हो गए। चार में से तीन हमले ड्रोन और रॉकेट से किए गए थे। चारों घटनाएं सिलसिलेवार पढ़ें…

1 सितंबर: 1 साल से जारी हिंसा में पहली बार ड्रोन अटैक, 2 मौतें मणिपुर में मई 2023 से हिंसा जारी है। हालांकि, इस साल सितंबर में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इंफाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में 1 सितंबर को उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए। पूरी खबर पढ़ें…

3 सितंबर: सेजम चिरांग गांव में ड्रोन अटैक, 3 घायल

सेजम चिरांग गांव के एक मैतेई रहवासी ने 2 सितंबर को अपने घर पर ड्रोन हमले का वीडियो शेयर किया था।

सेजम चिरांग गांव के एक मैतेई रहवासी ने 2 सितंबर को अपने घर पर ड्रोन हमले का वीडियो शेयर किया था।

मणिपुर में इंफाल जिले के सेजम चिरांग गांव में सोमवार (3 सितंबर) की शाम उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किए। इसमें एक महिला समेत 3 लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि यह दो दिन में दूसरा ड्रोन अटैक है। उग्रवादियों ​​​​​​ने रिहायशी इलाके में ड्रोन से 3 विस्फोटक गिराए, जो छत को तोड़ते हुए घरों के अंदर फटे। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से गोलीबारी भी की। पूरी खबर पढ़ें…

6 सितंबर: पूर्व CM के घर पर रॉकेट से हमला हुआ, 1 की मौत

पूर्व CM के घर पर रॉकेट बम हमले में एक बुजुर्ग की मौत हुई थी।

पूर्व CM के घर पर रॉकेट बम हमले में एक बुजुर्ग की मौत हुई थी।

मणिपुर के बिष्णुपुर जिला स्थित मोइरांग में शुक्रवार (6 सितंबर) को पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर हमला हुआ था। कुकी उग्रवादियों ने दोपहर 3 बजे पूर्व CM के घर पर रॉकेट बम फेंका। इस हमले में 1 एक बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि 5 लोग घायल हो गए।

कांग्रेस नेता मैरेम्बम कोइरेंग राज्य के पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे 1963 से 1967, 1967 में 200 दिन और 1968 में 3 बार मणिपुर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनका निधन 27 दिसंबर 1994 को हो हुआ था।

इस घटना से कुछ घंटे पहले मोइरांग से 4 किमी दूर ट्रोंगलाओबी इलाके में रॉकेट बम से हमला हुआ था। इसमें 2 इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। मोइरांग में पहली बार बंदूक-बम से हमला हुआ है। पूरी खबर पढ़ें…

7 सितंबर: जिरिबाम में गोलीबारी, 5 की मौत

तस्वीर मणिपुर राइफल्स हेडक्वार्टर की है, जहां गुस्साई भीड़ ने 6 सितंबर की रात हमला किया।

तस्वीर मणिपुर राइफल्स हेडक्वार्टर की है, जहां गुस्साई भीड़ ने 6 सितंबर की रात हमला किया।

जिरिबाम में हिंसा की दो घटनाओं में 5 लोगों की मौत हुई। पहली घटना जिला हेडक्वार्टर से करीब 7 KM दूर हुई। यहां संदिग्ध पहाड़ी उग्रवादियों ने एक घर में घुसकर बुजुर्ग को सोते समय गोली मार दी। दूसरी घटना में कुकी और मैतेई लोगों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें 4 लोगों की मौत हुई।

6 सितंबर की देर रात इंफाल में भीड़ ने मणिपुर राइफल्स हेडक्वार्टर से हथियार लूटने की कोशिश की। सुरक्षाबलों ने खाली राउंड फायरिंग और आंसू गैस छोड़कर उन्हें रोका। पूरी खबर पढ़ें…

मणिपुर हिंसा में अब तक 226 लोगों की मौत मणिपुर में 3 मई, 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार हिंसा में अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी है। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं।

4 पॉइंट्स में जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह… मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।

मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।

नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।

सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।

यह खबर भी पढ़ें…

मणिपुर CM बोले- मैं इस्तीफा क्यों दूं, घोटाला नहीं किया: मोदी पर कहा- उनका आना जरूरी नहीं था; PM ने संसद में दो बार हिंसा पर बात की

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अगले छह महीने में राज्य में शांति बहाल करने का दावा किया है। उन्होंने CM पद से इस्तीफे की आशंका को लेकर कहा, ‘इसका कोई सवाल ही नहीं उठता है। मैं इस्तीफा क्यों दूं? क्या मैंने कुछ चुराया है? कोई घोटाला किया है?’

बीरेन सिंह ने गुरुवार (29 अगस्त) को न्यूज एजेंसी PTI को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर नहीं जाने के सवाल पर कहा कि तनाव के बीच उनका आना जरूरी नहीं था। PM संसद में दो बार हिंसा पर अपनी बात रख चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…