नई दिल्ली8 घंटे पहले
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रेवंत रेड्डी ने 28 अगस्त को आरोप लगाया था कि BRS ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के लिए काम किया था।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने BRS नेता के. कविता को जमानत पर दिए बयान के लिए सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। रेवंत ने X पर एक पोस्ट में लिखा कि मेरे बयान को लेकर जो खबरें छापी गई, उनमें कमेंट का गलत अर्थ निकाला गया।
रेवंत ने लिखा- 29 अगस्त की कुछ खबरों में मेरे नाम से कमेंट किए गए, जिससे यह माना गया कि मैं माननीय न्यायालय के विवेक पर सवाल उठा रहा हूं। मैं उन खबरों में दिए बयानों के लिए बिना शर्त खेद व्यक्त करता हूं। मैं न्यायपालिका का सम्मान करता था और करता रहूंगा।
29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में कैश फॉर वोट केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने रेवंत के बयान पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने पूछा था कि क्या हम नेताओं से पूछकर फैसला सुनाते हैं।
CM रेवंत रेड्डी की पोस्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- सियासी लड़ाई में कोर्ट को न घसीटें
जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने 29 अगस्त को कैश फॉर वोट केस में सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने रेवंत रेड्डी के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा- ‘क्या आपने अखबार में पढ़ा कि उन्होंने (रेवंत) क्या कहा? उसे पढ़िए।’ कोर्ट ने कहा- सियासी लड़ाई में कोर्ट को घसीटना ठीक नहीं है। कोर्ट नेताओं से पूछकर फैसले नहीं सुनाती। ऐसे बयान लोगों के मन में आशंका पैदा करते हैं। पढ़ें पूरी खबर…
CM रेड्डी ने कहा था- BRS ने लोकसभा में BJP की जीत के लिए काम किया
तेलंगाना CM ने मंगलवार 28 अगस्त को मीडिया से बातचीत में कहा था कि तेलंगाना के पूर्व CM केसीआर की बेटी और MLC के कविता को 5 महीने में जमानत मिलने पर संदेह है। मनीष सिसोदिया को 15 महीने बाद जमानत मिली। जबकि CM केजरीवाल को अभी तक जमानत नहीं मिली है।
रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया था कि BRS ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के लिए काम किया। ऐसी भी चर्चा है कि कविता को BRS और भाजपा के बीच समझौते के कारण जमानत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाले में 5 महीने से जेल में बंद के कविता को 27 अगस्त को जमानत दे दी थी।
कविता की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- महिलाओं के प्रति संवेदनशील रहें अदालतें
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में 27 अगस्त को कविता को जमानत दी है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था- इस केस में जांच पूरी हो चुकी है। ट्रायल के जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है। के कविता, महिला हैं और PMLA के सेक्शन 45 के तहत उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। इसी कोर्ट में कई आदेशों में कहा गया है कि अंडर ट्रायल कस्टडी को सजा में नहीं बदलना चाहिए। पढ़ें पूरी खबर…
कैश फॉर वोट घोटाला क्या है
सुप्रीम कोर्ट की बेंच BRS विधायक गुंटाकंडला जगदीश रेड्डी की तरफ से लगाई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जगदीश ने मुकदमे को तेलंगाना से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा है कि वह मामले के लिए विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति करेगा।
रेवंत रेड्डी को 31 मई 2015 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने विधान परिषद चुनावों में TDP उम्मीदवार वेम नरेंद्र रेड्डी का सपोर्ट करने के लिए मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को ₹50 लाख की रिश्वत देते हुए गिरफ्तार किया था। रेवंत, तब तेलुगु देशम पार्टी में थे।
जुलाई 2015 में एसीबी ने रेड्डी और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत चार्जशीट दायर की गई थी।